स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का बयान, यूनिवर्सल हेल्थ केयर की दिशा में आगे बढ़ रहा प्रदेश - नवा रायपुर
नवा रायपुर में राष्ट्रीय फॉर्मास्युटिकल मीट का आयोजन हुआ. जिसमें 138 दवा निर्माता और वितरक कंपनियों ने हिस्सा लिया.
रायपुर : नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन (CGMMC) ने राष्ट्रीय फॉर्मास्युटिकल मीट का आयोजन किया. प्रदेश में दवा खरीदी की प्रक्रिया, आपूर्ति और वितरण में तेजी लाने के उद्देश्य से इस मीट का आयोजन किया गया.
आयोजन में देशभर की 138 दवा निर्माता और वितरक कंपनियों ने हिस्सा लिया. स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस आयोजन के लिए विशेष पहल की थी. दवा आपूर्ति टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने, नामी कंपनियों को प्रेरित करने, गुणवत्तापूर्ण दवाईयों की खरीदी और व्यवस्था में तेजी लाने, दवा निर्माता कंपनियों और वितरकों से आमने-सामने चर्चा की गई.
स्वास्थ्य मंत्री ने दवा खरीदी प्रक्रिया की कमियों और खामियों को दूर करने, सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, विभागीय अधिकारियों को सीधे दवा निर्माता कंपनियों और वितरकों से चर्चा करने के निर्देश दिए थे.
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'फॉर्मास्युटिकल कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका'
फॉर्मास्युटिकल मीट को संबोधित करते हुए सिंहदेव ने कहा कि 'स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में फॉर्मास्युटिकल कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका है'.
'समन्वय की जरुरत'
उन्होंने कहा कि 'छत्तीसगढ़ यूनिवर्सल हेल्थ केयर की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इसके लिए दवा निर्माता कंपनियों, वितरकों और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है. तीनों के बेहतर तालमेल और सक्रिय सहभागिता से प्रदेश की जरूरत के मुताबिक दवाईयों, मेडिकल उपकरणों और उपभोग्य (Consumables) की समयबद्ध और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है'.
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'गुणवत्तापूर्ण दवाईयों के पर्याप्त इंतजाम के लिए प्रतिबद्ध'
सिंहदेव ने मीट में हिस्सा ले रही कंपनियों से अपील की है कि 'वे प्रदेश में दवा आपूर्ति प्रक्रिया की कमियों, खामियों और समस्याओं से स्वास्थ्य विभाग और CGMMC को अवगत कराए. हम इसमें सुधार कर यहां गुणवत्तापूर्ण दवाईयों के पर्याप्त इंतजाम के लिए प्रतिबद्ध हैं'.
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टेंडर प्रक्रिया की जानकारी दी गई
स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह और CGMMC के प्रबंधक संचालक भुवनेश यादव ने मीट में प्रतिभागी कंपनियों को प्रदेश में दवाईओं की जरूरत, उनकी आपूर्ति, दवा निर्माता कंपनियों और वितरकों के लिए छत्तीसगढ़ में संभावनाओं और टेंडर प्रक्रिया की जानकारी दी.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक हुईं शामिल
मीट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ एस.एल.आदिले, संचालक आयुष डॉ जी.एस. बदेशा और खाद्य और औषधि नियंत्रक एस.एल. राठौर भी शामिल हुए.
स्वास्थ्य मंत्री ने दवा खरीदी प्रक्रिया की कमियों और खामियों को दूर करने तथा सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने विभागीय अधिकारियों को सीधे दवा निर्माता कंपनियों एवं वितरकों से चर्चा करने के निर्देश दिए थे। फॉर्मास्युटिकल मीट को संबोधित करते हुए सिंहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में फॉर्मास्युटिकल कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। छत्तीसगढ़ यूनिवर्सल हेल्थ केयर की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके लिए दवा निर्माता कंपनियों, वितरकों और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है। तीनों के बेहतर तालमेल एवं सक्रिय सहभागिता से प्रदेश की जरूरत के मुताबिक दवाईयों, मेडिकल उपकरणों और कन्ज्युमेबल्स (Consumables) की समयबद्ध और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकता है।
सिंहदेव ने मीट में हिस्सा ले रहे कंपनियों से अपील की कि वे प्रदेश में दवा आपूर्ति प्रक्रिया की कमियों, खामियों और समस्याओं से स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी को अवगत कराएं। हम इसमें सुधार कर यहां गुणवत्तापूर्ण दवाईयों के पर्याप्त इंतजाम के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हम आपके सुझावों का खुले दिल से स्वागत करेंगे। फॉर्मास्युटिकल कंपनियों और राज्य के साझा हितों पर आधारित खरीदी प्रक्रिया की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे।
स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह और सीजीएमएससी के प्रबंधक संचालक भुवनेश यादव ने मीट में प्रतिभागी कंपनियों को प्रदेश में दवाईओं की जरूरत, उनकी आपूर्ति, दवा निर्माता कंपनियों व वितरकों के लिए छत्तीसगढ़ में संभावनाओं और टेंडर प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीजीएमएससी आपके सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर फॉर्मास्युटिकल कंपनियों के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करेगी, ताकि अधिक से अधिक कंपनिया यहां दवा आपूर्ति की टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित हो। मीट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एस.एल. आदिले, संचालक आयुष डॉ. जी.एस. बदेशा और खाद्य एवं औषधि नियंत्रक एस.एल. राठौर भी शामिल हुए।
राष्ट्रीय फॉर्मास्युटिकल मीट में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित हिमालया हेल्थ केयर, सिंडीकेट फॉर्मा, एबॉट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल बॉयोसाइंसेस, जेनिथ ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड, विप्रो जीई हेल्थकेयर, डेनिस लैब, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, कर्नाटका एंटीबॉयोटिक्स एंड फॉर्मास्युटिकल, जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड, नेशनल लैबोरेटरीज, नोवार्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड और सिपला लिमिटेड सहित 138 दवा निर्माता एवं वितरक कंपनियों ने हिस्सा लिया।Conclusion: