कोरिया : छतीसगढ़ में पंचायत चुनाव को लेकर तारीखों का एलान हो चुका है. इसके बाद से ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. कोरिया जिले के बैकुंठपुर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली रनई ग्राम पंचायत में आजादी के बाद से अब तक चुनाव नहीं हुए हैं.
आपसी सहमति होता है सरपंच का चुनाव : जिले के रनई गांव के जमींदार शुक्ला परिवार का कहना कि नेशनल हाइवे तिरालिस में स्तिथ इस ग्राम पंचायत रनई में सरपंच, उप सरपंच और सभी पंच आपसी सहमति व सामंजस्य से एक ही जगह पर बैठकर तय होते हैं. नाम तय होने के बाद एक ही सेट में लोग नामांकन जमा करते हैं और आरक्षण के हिसाब से यहां सभी पदों पर निर्वाचन हो जाता है. हालांकि गांव में मतदान दल आता है, लेकिन चुनाव निर्विरोध होता है.
हमारे गांव में परंपरा को कायम रखते हुए निर्विरोध चुनाव कराते हैं. गांव में कोई भी समस्या हो, सभी मिलकर समस्या का समाधान करते हैं. गांववालों के सहयोग और आपसी सामंजस्य से यहां हमेशा निर्विरोध चुनाव होते हैं : गीता शुक्ला, उप सरपंच, रनई पंचायत
बैकुंठपुर विधायक ने की प्रशंसा : निर्विरोध चुनाव के लेकर बैकुंठपुर विधायक भैयालाल राजवाड़े ने रनई गांव की सराहना की है. उन्होंने कहा कि रनई गांव में आपसी सहमति से निर्विरोध चुनाव होता है, यह अच्छी बात है. सरकार की भी मंशा है, जहां पर चुनाव नहीं होता, निर्विरोध होता है, वहां इनाम दिया जाता है.
एकता की पेश की मिसाल : ग्राम पंचायत रनई की जनसंख्या 1825 हैं, जिसमें करीब 1500 मतदाता हैं. वर्तमान में यहां राम रसीले सरपंच हैं. यहां के जमींदार योगेश शुक्ला की पत्नी गीता शुक्ला उप सरपंच हैं. आज जहां एक ओर गांव गांव में चुनाव को लेकर राजनीति होती है, वहीं इस गांव के लोग आपसी वैमनस्य को दूर करने आपस में मिलकर सरपंच का चुनाव करते हैं. आजादी के बाद से अब तक यहां लोग एकता का संदेश देते हुए चुनाव नहीं होने देकर रनई गांव ने छतीसगढ़ में एक मिसाल पेश की है.