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Priyanka Gandhi Bastar Visit बस्तर दौरे से प्रियंका ने किया चुनावी शंखनाद, जानिए क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट

बस्तर दौरे के साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ में चुनावी शंखनाद कर दिया है. अपने भाषण के जरिए आदिवासियों और महिलाओं को पाले में लेने की कोशिश की. पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिर्फ भाषण से कुछ नहीं होगा.

Priyanka made election conch shell from Bastar tour
बस्तर दौरे से प्रियंका ने किया चुनावी शंखनाद
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Published : Apr 14, 2023, 1:02 PM IST

Updated : Apr 14, 2023, 1:48 PM IST

पॉलिटिकल एक्सपर्ट

रायपुर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार को बस्तर दौरे पर रहीं. जगदलपुर के लाल बाग मैदान में प्रियंका गांधी जनता के बीच पहुंचीं और कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. छत्तीसगढ़ के बस्तर से प्रियंका के चुनावी शंखनाद पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है कि बस्तर की संस्कृति पर किया गया फोकस कांग्रेस के लिए कारगर साबित हो सकता है. लेकिन सिर्फ भाषण से कोई खास असर नहीं होगा.

प्रियंका के बस्तर दोरे पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय: प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे को लेकर पॉलिटिकल एक्सपर्ट शशांक शर्मा कहते हैं कि " प्रदेश में पिछले साढ़े 4 सालों में जो योजनाएं चली, जो नीतियां लाई गई, जो कार्यक्रम भूपेश सरकार ने बनाए हैं, उनका लेखा जोखा प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में प्रस्तुत किया. बस्तर एक विशिष्ट क्षेत्र है. बस्तर में हर योजना कारगर होगी, यह नहीं कहा जा सकता. प्रियंका गांधी ने संस्कृति की बात कही. लेकिन बस्तर अपनी संस्कृति के लिए ही जाना जाता है. विशिष्ट संस्कृति के कारण ही जनजाति शब्द का उपयोग किया जाता है. मेरा मानना है कि भाषणों से कुछ नहीं होगा."

"अगर चुनावी दृष्टि से देखेंगे तो बस्तर के मुद्दे अलग होते हैं. बस्तर में कानून व्यवस्था, लोगों की छोटी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार जो करती है. समाज, संस्कृति और स्वाभिमान यह तीनों ऐसे विषय हैं, जिसे लेकर जनजाति क्षेत्र में चुनाव लड़े जाते हैं. वहां के लोगों की बहुत आवश्यकता है. नहीं होती तो वे सरकार से बहुत उम्मीद भी नहीं रखते हैं. इसलिए इन भाषणों में जो बात कही गई है, मुझे नहीं लगता कि उसका ज्यादा कोई फर्क पड़ेगा."

प्रियंका ने किया चुनावी शंखनाद: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने बस्तर के रास्ते आगामी विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है. अपने भाषण में प्रियंका ने भूपेश बघेल की जमकर तारीफ की. प्रियंका ने कहा कि पहली बार दिल से काम करने वाला नेता देखा.

71 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा: छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों में से 71 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इन सीटों को कांग्रेस खोना नहीं चाहती. यही कारण है कि कांग्रेस अभी से सभी सीटों पर फोकस कर रही है. बात अगर बस्तर संभाग की करें तो बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि जिसने बस्तर को साध लिया, वह सत्ता पर काबिज हो गया. इसलिए कांग्रेस ने बस्तर के मैदान में प्रियंका गांधी को उतारा है.

यह भी पढ़ें: Baster : जानिए क्या है गौर मुकुट और क्यों होता है इससे मेहमानों का स्वागत

बस्तर से जुड़ा कांग्रेस का इतिहास: प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे से कांग्रेस का इतिहास जुड़ा हुआ है. ये इतिहास भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान फोटो प्रदर्शनी में साफ तौर पर देखने को मिला. इस प्रदर्शनी में गांधी परिवार के बस्तर दौरे की सभी तस्वीरों की प्रदर्शनी देख प्रियंका भी भावुक हो गईं. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अपने भाषण में नेहरू-गांधी परिवार और इंदिरा गांधी को भगवान बताया.

पॉलिटिकल एक्सपर्ट

रायपुर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार को बस्तर दौरे पर रहीं. जगदलपुर के लाल बाग मैदान में प्रियंका गांधी जनता के बीच पहुंचीं और कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. छत्तीसगढ़ के बस्तर से प्रियंका के चुनावी शंखनाद पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है कि बस्तर की संस्कृति पर किया गया फोकस कांग्रेस के लिए कारगर साबित हो सकता है. लेकिन सिर्फ भाषण से कोई खास असर नहीं होगा.

प्रियंका के बस्तर दोरे पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय: प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे को लेकर पॉलिटिकल एक्सपर्ट शशांक शर्मा कहते हैं कि " प्रदेश में पिछले साढ़े 4 सालों में जो योजनाएं चली, जो नीतियां लाई गई, जो कार्यक्रम भूपेश सरकार ने बनाए हैं, उनका लेखा जोखा प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में प्रस्तुत किया. बस्तर एक विशिष्ट क्षेत्र है. बस्तर में हर योजना कारगर होगी, यह नहीं कहा जा सकता. प्रियंका गांधी ने संस्कृति की बात कही. लेकिन बस्तर अपनी संस्कृति के लिए ही जाना जाता है. विशिष्ट संस्कृति के कारण ही जनजाति शब्द का उपयोग किया जाता है. मेरा मानना है कि भाषणों से कुछ नहीं होगा."

"अगर चुनावी दृष्टि से देखेंगे तो बस्तर के मुद्दे अलग होते हैं. बस्तर में कानून व्यवस्था, लोगों की छोटी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार जो करती है. समाज, संस्कृति और स्वाभिमान यह तीनों ऐसे विषय हैं, जिसे लेकर जनजाति क्षेत्र में चुनाव लड़े जाते हैं. वहां के लोगों की बहुत आवश्यकता है. नहीं होती तो वे सरकार से बहुत उम्मीद भी नहीं रखते हैं. इसलिए इन भाषणों में जो बात कही गई है, मुझे नहीं लगता कि उसका ज्यादा कोई फर्क पड़ेगा."

प्रियंका ने किया चुनावी शंखनाद: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने बस्तर के रास्ते आगामी विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है. अपने भाषण में प्रियंका ने भूपेश बघेल की जमकर तारीफ की. प्रियंका ने कहा कि पहली बार दिल से काम करने वाला नेता देखा.

71 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा: छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों में से 71 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इन सीटों को कांग्रेस खोना नहीं चाहती. यही कारण है कि कांग्रेस अभी से सभी सीटों पर फोकस कर रही है. बात अगर बस्तर संभाग की करें तो बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि जिसने बस्तर को साध लिया, वह सत्ता पर काबिज हो गया. इसलिए कांग्रेस ने बस्तर के मैदान में प्रियंका गांधी को उतारा है.

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बस्तर से जुड़ा कांग्रेस का इतिहास: प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे से कांग्रेस का इतिहास जुड़ा हुआ है. ये इतिहास भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान फोटो प्रदर्शनी में साफ तौर पर देखने को मिला. इस प्रदर्शनी में गांधी परिवार के बस्तर दौरे की सभी तस्वीरों की प्रदर्शनी देख प्रियंका भी भावुक हो गईं. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अपने भाषण में नेहरू-गांधी परिवार और इंदिरा गांधी को भगवान बताया.

Last Updated : Apr 14, 2023, 1:48 PM IST
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