बिलासपुर : जिले में ऐतिहासिक राउत महोत्सव का आयोजन हुआ. महोत्सव के शुरू होने से पहले ETV भारत ने राउत दलों से बातचीत की और कोरोना संक्रमण को लेकर उनकी तैयारियों का जायजा लिया. इस महोत्सव को लेकर राउत दल काफी उत्साहित थे. राउत दलों ने बातचीत में बताया कि मास्क पहनकर नृत्य करना थोड़ा कठिन हैं. लेकिन वे कोविड गाइडलाइंस के सभी नियमों का पालन करेंगे.
राउत दलों इस महोत्सव को लेकर काफी उत्साहित थे. साथ ही अपना हौसला भी बढ़ाए हुए थे. सभी दलों ने बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद भी जाहिर की. स्थानीय लाल बहादुर शास्त्री स्कूल ग्राउंड में 43 वें राउत महोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई है. इस महोत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल होने के लिए शहर पहुंच चुके हैं. इस आयोजन में पहुंचने वाले राउत टोलियों को प्रदर्शन के दौरान मास्क पहनने और सैनिटाइजेशन की अनिवार्यता रखी गई है. प्रशासन की ओर से फिजिकल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखने के निर्देश भी दिए गए हैं. 1978 से जारी यह महोत्सव अपनी भव्यता के लिए मशहूर है और पूरे प्रदेश के यदुवंशियों की टोली इस महोत्सव में शामिल होने के लिए बिलासपुर पहुंच चुकी हैं.
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यदुवंशी अपने शौर्य का करते हैं प्रदर्शन
महोत्सव के दौरान यदुवंशी अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हैं. इनका नृत्य एक आकर्षक शैली में होता है और नृत्य के दौरान यह दोहा बोलते हुए नजर आते हैं. वो राउत दोहों के माध्यम से कई तरह के सामाजिक संदेश देते हैं. 1978 से राउत नाचा को एक संगठित रूप दिया गया. निर्णायक मंडल नृत्य, अनुशासन, पहनावा, प्रदर्शन समेत कई बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए देर रात पुरस्कार देंगे.