ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे, जानिए क्या है इसकी खासियत ?

छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में आज से हर शनिवार को बैगलेस डे मनाया जाएगा. (Bagless Day on Saturday in Chhattisgarh ). इसकी शुरुआत हो चुकी है. जानिए बैगलेस डे की क्या खासियत है. इस दिन सरकारी स्कूल के सभी बच्चे बगैर बैग के स्कूल जाएंगे.

bagless day in government schools on saturday
सरकारी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे
author img

By

Published : Jul 9, 2022, 8:11 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे घोषित किया (Bagless Day on Saturday in Raipur ) है. "बैगलेस डे" में बच्चे बिना बस्ते के स्कूल (Bagless Day on Saturday in Chhattisgarh) जाएंगे. इस दिन स्कूलों में योग, व्यायाम, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां आदि कराई जाएंगी. स्कूली बच्चे हर शनिवार को अब खेल-खेल में पढ़ाई करेंगे. स्कूली शिक्षा को रोचक, व्यावहारिक और अपने आस-पास के माहौल से जोड़ने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया (Importance of bagless day in Raipur) है.

सरकारी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे

बच्चे शनिवार को रहेंगे बैगलेस: यह व्यवस्था छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए की गई है. सरकार के इस फैसले से जहां एक ओर बच्चों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ी है. वहीं, शिक्षक भी इसे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सहायक बता रहा है. आज शनिवार को बैगलेस डे का पहला दिन था. सरकार के निर्णय लेने के बाद आज पहली बार बच्चे बिना बैग के स्कूल पहुंचे. बिना बैग के स्कूल पहुंचने पर बच्चों के चेहरों की खुशी देखते ही बन रही थी. सभी बच्चे स्कूल परिसर में अलग-अलग खेलकूद कर रहे थे. कोई कबड्डी तो कोई फुटबॉल तो कोई रस्सी कूद कर रहा था.

कैसा रहा बैगलेस का पहला दिन: बिना बैग स्कूल पहुंचे बच्चों का कहना था कि उन्हें पहले रोज बैग लेकर स्कूल आना पड़ता था. उस बैग में कॉपी, किताब और पढ़ाई की सामाग्री होती थी. बस्ते का बोझ ज्यादा था, लेकिन अब शनिवार को बैग लेकर स्कूल नहीं आना है. इससे उस बस्ते का बोझ कम हो गया है. बच्चों ने बताया कि आज प्रार्थना के बाद योगा किया गया. उसके बाद खेलकूद आयोजित किए गए हैं. जिसमें कबड्डी, फुटबॉल का प्रशिक्षण इनके द्वारा किया जा रहा है. बच्चों ने कहा कि आज का दिन उनके लिए यादगार है और इस तरह हर शनिवार को आएंगे.अब विभिन्न खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों में भाग लेंगे. हालांकि कुछ बच्चे यह भी कहते नजर आए कि खेलकूद के साथ पढ़ाई भी जरूरी है. लेकिन हफ्ते में 5 दिन पढ़ाई और एक दिन खेलकूद होगा तो उन्हें मजा आ रहा है.

बच्चों का हो सकेगा शारीरिक विकास: शिक्षक भी आज काफी उत्साहित नजर आए. शिक्षकों कहना था कि रोज-रोज पढ़ाई की वजह से बच्चों पर मानसिक बोझ बढ़ रहा था. साथ ही उनकी शारीरिक गतिविधियां भी कम हो गई थी. लेकिन अब सप्ताह में 1 दिन बैग ना होने से इन बच्चों को खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों के लिए समय मिल पाएगा. इस दौरान कुछ शिक्षक यह भी कहते नजर आए लगातार बढ़ते पढ़ाई की बोझ की वजह से जो शिक्षक और बच्चों में दूरी बढ़ गई थी, वह भी अब कम होंगी. क्योंकि इस दिन बच्चे पढ़ाई नहीं बल्कि खेल-कूद, सही जनरल नॉलेज और अन्य बातें करेंगे. शिक्षकों से उनकी नजदीकी बढ़ेगी. बच्चे निसंकोच होकर शिक्षकों से सवाल कर सकेंगे औप बातचीत कर सकेंगे. पढ़ाई के कारण बच्चे शिक्षकों के नजदीक कम आते थे. लेकिन आज यह बच्चे उनके साथ घुल मिलकर न सिर्फ खेलकूद का आनंद ले रहे हैं, बल्कि सवाल-जवाब कर जनरल नॉलेज भी बढ़ा रहे हैं. इतना ही नहीं शिक्षकों का यह भी कहना है कि इन गतिविधियों से छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में अच्छे खिलाड़ी भी मिल सकेंगे. क्योंकि प्राथमिक स्कूल बच्चों को मजबूत करने की नींव होती है.यदि नींव मजबूत होगी तो इन बच्चों का भविष्य भी अच्छा होगा. छत्तीसगढ़ के विकास के लिए भी यह सहायक होंगे.

यह भी पढ़ें: स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में गरीब बच्चों का नहीं हो रहा दाखिला !

शनिवार को स्कूलों में खेलकूद, योगा सहित होगी अन्य गतिविधियां: स्कूल के प्रधानाध्यापक भी सरकार की इस पहल को अच्छा बता रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार के द्वारा निर्णय लिया गया है कि हर शनिवार को बच्चे बिना बैग के स्कूल आएंगे और उस दिन उन्हें योगा, खेलकूद सहित छत्तीसगढ़ की उन विभूतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है. उनके बारे में बच्चों को बताया जाएगा. इसके लिए हर शनिवार अलग-अलग गतिविधियां संचालित की जाएगी. बच्चों में भी काफी उत्साह का माहौल है.

स्कूलों में करायी जाएगी ये गतिविधियां: बता दें कि बैगलेस डे यानी कि शनिवार को स्कूलों में योग, व्यायाम, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां कराई जाएंगी. इस नए कदम से बच्चों में स्कूल आने के प्रति रूचि जागृत होगी. वहीं, उन्हें स्कूल से जोड़े रखने में भी मदद मिलेगी. बच्चों को स्कूली शिक्षा ज्ञानवर्धक के साथ मनोरंजक भी लगेगी. "बैगलेस डे" के दिन स्कूलों में शनिवार को प्रार्थना के बाद अलग-अलग समय में योग, व्यायाम, खेल, एक दूसरे से सीखना तथा सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियां होंगी.

पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए बैगलेस की सुविधा: पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में व्यायाम, योग, खेल प्रतियोगिता, साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियां, मूल्य-शिक्षा, कला शिक्षा आदि दी जाएंगी. प्रत्येक प्राचार्य को अपने स्कूल के लिए माह के प्रत्येक शनिवार की गतिविधियों की पूर्व योजना बनाने और इसे 'नोटिस बोर्ड' पर लिखने के लिए कहा जाएगा. शनिवार की विभिन्न गतिविधियों में विद्यार्थियों द्वारा किए गए या बनाए गए कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे घोषित किया (Bagless Day on Saturday in Raipur ) है. "बैगलेस डे" में बच्चे बिना बस्ते के स्कूल (Bagless Day on Saturday in Chhattisgarh) जाएंगे. इस दिन स्कूलों में योग, व्यायाम, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां आदि कराई जाएंगी. स्कूली बच्चे हर शनिवार को अब खेल-खेल में पढ़ाई करेंगे. स्कूली शिक्षा को रोचक, व्यावहारिक और अपने आस-पास के माहौल से जोड़ने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया (Importance of bagless day in Raipur) है.

सरकारी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे

बच्चे शनिवार को रहेंगे बैगलेस: यह व्यवस्था छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए की गई है. सरकार के इस फैसले से जहां एक ओर बच्चों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ी है. वहीं, शिक्षक भी इसे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सहायक बता रहा है. आज शनिवार को बैगलेस डे का पहला दिन था. सरकार के निर्णय लेने के बाद आज पहली बार बच्चे बिना बैग के स्कूल पहुंचे. बिना बैग के स्कूल पहुंचने पर बच्चों के चेहरों की खुशी देखते ही बन रही थी. सभी बच्चे स्कूल परिसर में अलग-अलग खेलकूद कर रहे थे. कोई कबड्डी तो कोई फुटबॉल तो कोई रस्सी कूद कर रहा था.

कैसा रहा बैगलेस का पहला दिन: बिना बैग स्कूल पहुंचे बच्चों का कहना था कि उन्हें पहले रोज बैग लेकर स्कूल आना पड़ता था. उस बैग में कॉपी, किताब और पढ़ाई की सामाग्री होती थी. बस्ते का बोझ ज्यादा था, लेकिन अब शनिवार को बैग लेकर स्कूल नहीं आना है. इससे उस बस्ते का बोझ कम हो गया है. बच्चों ने बताया कि आज प्रार्थना के बाद योगा किया गया. उसके बाद खेलकूद आयोजित किए गए हैं. जिसमें कबड्डी, फुटबॉल का प्रशिक्षण इनके द्वारा किया जा रहा है. बच्चों ने कहा कि आज का दिन उनके लिए यादगार है और इस तरह हर शनिवार को आएंगे.अब विभिन्न खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों में भाग लेंगे. हालांकि कुछ बच्चे यह भी कहते नजर आए कि खेलकूद के साथ पढ़ाई भी जरूरी है. लेकिन हफ्ते में 5 दिन पढ़ाई और एक दिन खेलकूद होगा तो उन्हें मजा आ रहा है.

बच्चों का हो सकेगा शारीरिक विकास: शिक्षक भी आज काफी उत्साहित नजर आए. शिक्षकों कहना था कि रोज-रोज पढ़ाई की वजह से बच्चों पर मानसिक बोझ बढ़ रहा था. साथ ही उनकी शारीरिक गतिविधियां भी कम हो गई थी. लेकिन अब सप्ताह में 1 दिन बैग ना होने से इन बच्चों को खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों के लिए समय मिल पाएगा. इस दौरान कुछ शिक्षक यह भी कहते नजर आए लगातार बढ़ते पढ़ाई की बोझ की वजह से जो शिक्षक और बच्चों में दूरी बढ़ गई थी, वह भी अब कम होंगी. क्योंकि इस दिन बच्चे पढ़ाई नहीं बल्कि खेल-कूद, सही जनरल नॉलेज और अन्य बातें करेंगे. शिक्षकों से उनकी नजदीकी बढ़ेगी. बच्चे निसंकोच होकर शिक्षकों से सवाल कर सकेंगे औप बातचीत कर सकेंगे. पढ़ाई के कारण बच्चे शिक्षकों के नजदीक कम आते थे. लेकिन आज यह बच्चे उनके साथ घुल मिलकर न सिर्फ खेलकूद का आनंद ले रहे हैं, बल्कि सवाल-जवाब कर जनरल नॉलेज भी बढ़ा रहे हैं. इतना ही नहीं शिक्षकों का यह भी कहना है कि इन गतिविधियों से छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में अच्छे खिलाड़ी भी मिल सकेंगे. क्योंकि प्राथमिक स्कूल बच्चों को मजबूत करने की नींव होती है.यदि नींव मजबूत होगी तो इन बच्चों का भविष्य भी अच्छा होगा. छत्तीसगढ़ के विकास के लिए भी यह सहायक होंगे.

यह भी पढ़ें: स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में गरीब बच्चों का नहीं हो रहा दाखिला !

शनिवार को स्कूलों में खेलकूद, योगा सहित होगी अन्य गतिविधियां: स्कूल के प्रधानाध्यापक भी सरकार की इस पहल को अच्छा बता रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार के द्वारा निर्णय लिया गया है कि हर शनिवार को बच्चे बिना बैग के स्कूल आएंगे और उस दिन उन्हें योगा, खेलकूद सहित छत्तीसगढ़ की उन विभूतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है. उनके बारे में बच्चों को बताया जाएगा. इसके लिए हर शनिवार अलग-अलग गतिविधियां संचालित की जाएगी. बच्चों में भी काफी उत्साह का माहौल है.

स्कूलों में करायी जाएगी ये गतिविधियां: बता दें कि बैगलेस डे यानी कि शनिवार को स्कूलों में योग, व्यायाम, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां कराई जाएंगी. इस नए कदम से बच्चों में स्कूल आने के प्रति रूचि जागृत होगी. वहीं, उन्हें स्कूल से जोड़े रखने में भी मदद मिलेगी. बच्चों को स्कूली शिक्षा ज्ञानवर्धक के साथ मनोरंजक भी लगेगी. "बैगलेस डे" के दिन स्कूलों में शनिवार को प्रार्थना के बाद अलग-अलग समय में योग, व्यायाम, खेल, एक दूसरे से सीखना तथा सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियां होंगी.

पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए बैगलेस की सुविधा: पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में व्यायाम, योग, खेल प्रतियोगिता, साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियां, मूल्य-शिक्षा, कला शिक्षा आदि दी जाएंगी. प्रत्येक प्राचार्य को अपने स्कूल के लिए माह के प्रत्येक शनिवार की गतिविधियों की पूर्व योजना बनाने और इसे 'नोटिस बोर्ड' पर लिखने के लिए कहा जाएगा. शनिवार की विभिन्न गतिविधियों में विद्यार्थियों द्वारा किए गए या बनाए गए कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.