रायपुर: आज हम बात करने जा रहे हैं राजधानी रायपुर के अंतर्गत आने वाले अभनपुर विधानसभा सीट की. जो कि रायपुर और नया रायपुर की सीमाओं से लगा हुआ विधानसभा क्षेत्र है. अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 132 गांव आते हैं, जहां से वर्तमान में कांग्रेस के धनेंद्र साहू विधायक हैं. यहां पिछले तीन दशक से लगातार दो दिग्गज नेता ही विधायक चुनकर आये हैं. इसमें कांग्रेस के धनेंद्र साहू और भाजपा से चंद्रशेखर साहू शामिल है. इसके अलावा कोई भी तीसरा व्यक्ति यहां से पिछले चार दशक में विधायक नहीं बन सका है. फिलहाल इस सीट से कांग्रेस से धनेंद्र साहू चुनावी मैदान में हैं. वहीं बीजेपी से इंद्रकुमार साहू को टिकट मिला है.
अभनपुर विधानसभा क्षेत्र का इतिहास: 1985 से अब तक पिछले 38 साल से अभनपुर विधानसभा क्षेत्र से धनेंद्र साहू और चंद्रशेखर साहू के बीच टक्कर रही है. इसमें बीजेपी के चंद्रशेखर साहू पहली बार 1985 में विधायक चुने गए. इसके बाद वो 1990 और 2008 में विधायक बने. चंद्रशेखर साहू को रमन सिंह के सरकार में कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी. वे 1998 में लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. कांग्रेस के धनेंद्र साहू 1993, 1998, 2003, 2013 और 2018 में विधायक चुने गए थे. लेकिन साल 2008 में धनेंद्र साहू चुनाव हार गए थे. हालांकि बाद में धनेंद्र साहू को पार्टी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस की कमान सौंपी थी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने काम किया था.
अभनपुर विधानसभा में कितने हैं मतदाता?: अभनपुर विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए, तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 13 हजार936 है. जिसमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 106315 है. वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 107621 है.
भाजपा ने इंद्र कुमार साहू को बनाया उम्मीदवार: 2023 विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है. जिसमें अभनपुर विधानसभा उम्मीदवार का भी नाम शामिल है. भाजपा ने अभनपुर विधानसभा से पूर्व लोकसभा सांसद चंद्रशेखर साहू का टिकट काट दिया है. उनकी जगह इंद्र कुमार साहू पर भाजपा ने भरोसा जताया है. इंद्र कुमार 2005 से 2010 तक जनपद सदस्य रहे हैं. 2015 से अब तक ग्राम बेन्द्री के दूसरी बार सरपंच बने हैं. वे अभनपुर परिक्षेत्र साहू समाज के दो बार अध्यक्ष, अभनपुर भाजपा मंडल के महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं. साहू समाज में उनकी अच्छी पकड़ है.
धनेंद्र साहू फिर हो सकते हैं कांग्रेस उम्मीदवार: कांग्रेस की बात की जाए, तो अब तक कांग्रेस ने उम्मीदवारों की एक भी सूची जारी नहीं की है. ब्लॉक में वर्तमान विधायक धर्मेंद्र साहू ने आवेदन जमा कर विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. खास बात यह है कि यहां से एक ही आवेदन जमा किया गया है. इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस धनेंद्र साहू को एक बार फिर उम्मीदवार बना सकती है.
अभनपुर विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण: अभनपुर विधानसभा सीट की राजनीति में हमेशा से जातिवाद हावी है. इसकी सबसे बड़ी वजह यहां का जाति समीकरण है. अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में साहू मतदाता की संख्या ज्यादा है. यहां करीब 50 फीसदी साहू वोटर हैं, जिनका चुनाव पर खासा असर देखने को मिलता है. अगर पुराने इतिहास को देखा जाए, तो यहां पिछले चार दशक से साहू ही विधायक रहे हैं. फिर चाहे वह कांग्रेस का उम्मीदवार हो या बीजेपी का. लेकिन इस बार बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया और कांग्रेस ने अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव किसके बीच होगा, इस पर संशय अभी बरकरार है.
अभनपुर विधानसभा क्षेत्र का समस्या और मुद्दे: रायपुर जिले के अंतर्गत आने वाले अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास आधा अधूरा है. यहां पीने के पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है. यहां का भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. जिस वजह से यहां पीने के पानी की सप्लाई भी टैंकरों से की जाती है. इस क्षेत्र में रोजगार की समस्या भी बराबर बनी हुई है. अभनपुर विधानसभा क्षेत्र मूल रूप से कृषि प्रधान इलाका है. बावजूद इसके यहां सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं हैं. इस साल भी पानी की समस्या ने अभनपुर के किसानों के चेहरे पर चिंता बढ़ा दी है. यहां के किसान गंगरेल बांध से पानी नहीं मिलने से परेशान हैं. खेती के लिए पानी नहीं मिला, तो उनकी फसल बर्बाद हो जाएगी. किसानों को अब ये चिंता सताने लगी है कि वो अपना कर्ज कैसे चुकाएं. यह चुनाव का बड़ा मुद्दा बन सकती है.
2018 में अभनपुर विधानसभा चुनाव की तस्वीर: विधानसभा चुनाव 2018 में अभनपुर से कांग्रेस ने धनेंद्र साहू को मैदान में उतारा था. वहीं भाजपा की ओर से चंद्रशेखर साहू उम्मीदवार बनाये थे. 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार धनेंद्र साहू को 76761 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर भाजपा के उम्मीदवार चंद्रशेखर साहू को 53290 वोट मिले थे. इस तरह धनेंद्र साहु ने 23471 वोट से जीत हासिल की. जीत के अंतर का प्रतिशत 14.66 फीसदी था.