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'जंगल' और 'शहर की सरकार' के बीच पिस रहे आदिवासियों का दर्द- जीने के लिए अब कहां जाएं ?

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Published : Nov 14, 2020, 4:52 PM IST

Updated : Nov 14, 2020, 5:39 PM IST

नारायणपुर के अबूझमाड़ में 5 हजार ग्रामीणों ने जन सभा की. इस दौरान ग्रामीणों ने अबूझमाड़ में नक्सलियों से और फोर्स के जवानों से हो रही परेशानियों को लेकर गंभीरता से बात की. ग्रामीणों ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जंगल जाते हैं, तो फोर्स के जवान नक्सली बताकर मार देते हैं. वहीं शहर गए, तो नक्सली जन अदालत लगाकर पुलिस का खबरी बताकर सजा देते हैं.

5-thousand-villagers-of-abujhmad-called-life-threat-from-naxalites-and-police-force-in-narayanpur
नारायणपुर में अबूझमाड़ के ग्रामीणों की जनसभा

नारायणपुर: जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अबूझमाड़ के मोहंदी में लगभग 5 हजार ग्रामीण एकत्रित हुए. यहां अबूझमाड़ के हजारों ग्रामीणों ने कई मसलों पर चर्चा की. मिली जानकारी के अनुसार यह बैठक बीते तीन दिन तक चली, जिसमें अबूझमाड़ के दूरदराज और दक्षिण बस्तर क्षेत्र के ग्रामीण भी पहुंचे थे. इस दौरान अबूझमाड़ में चुनौतियों को लेकर ग्रामीणों ने बातचीत की.

5 thousand villagers of Abujhmad say life threat from naxalites and force in narayanpur
अबूझमाड़ में 5 हजार ग्रामीणों ने की सभा

अबूझमाड़ के एक बुजुर्ग ग्रामीण ने बताया कि जंगल और शहर सरकार के बीच में हमारा जीवन परेशानियों से भर गया है. दोनों सरकार की लड़ाई में हम दो पाटों के बीच में पिस रहे हैं. जंगल जाते हैं तो फोर्स के जवान नक्सली बताकर गोली मार देते हैं. वहीं शहर आते हैं तो नक्सली पुलिस का खबरी होने का आरोप लगाकर जन अदालत में सजा देते हैं.

कोरोना के डर से ग्रामीणों ने किया नए पुलिस कैंप का विरोध, कहा- जंगल और शहर सरकार के बीच पिस रहे

अबूझमाड़ के बच्चों को सीखा रहे मलखम्ब का गुर, छत्तीसगढ़ विशेष टास्क फोर्स के जवान हैं मनोज प्रसाद

कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा !

ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण फोर्स के जवानों में ज्यादा फैला हुआ है. गश्त के दौरान जवान खाने-पीने की सामग्री लेकर जंगल आते हैं, जो समाग्री बच जाता है. उसे रास्ते में बच्चों और ग्रामीणों को दे देते हैं, जिससे गांव में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. सभा में एकत्रित ग्रामीणों में सरकार के प्रति भारी नाराजगी देखने को मिली.

5 thousand villagers of Abujhmad say life threat from naxalites and force in narayanpur
ग्रामीणों ने अबूझमाड़ में नक्सलियों पर लगाया आरोप

EXCLUSIVE: पर्यावास के नाम पर अबूझमाड़ में आदिवासी और नक्सली आमने-सामने !

ग्रामीणों में खासी नाराजगी

ग्रामीणों ने अवैधानिक वनों की कटाई, दुर्गम सड़क मार्ग, शासकीय योजनाओं को अबूझमाड़ के अंतिम छोर तक न पहुंचने को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार योजनाएं चला रही है, लेकिन ग्रामीणों को उसका फायदा नहीं मिल रहा है. ऐसे में ग्रामीणों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है.

5 thousand villagers of Abujhmad say life threat from naxalites and force in narayanpur
ग्रामीणों ने अबूझमाड़ में फोर्स पर लगाया आरोप

फोर्स के जवान और नक्सलियों पर गंभीर आरोप

बता दें कि अबूझमाड़ के मोहंदी गांव में 5 हजार ग्रामीणों ने सरकार की योजनाओं को हर कस्बे तक नहीं पहुंचाने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कहा कि जंगल जाते हैं, तो फोर्स के जवान नक्सली बताकर मार देते हैं. अगर शहर गए, तो नक्सली पुलिस का खबरी बताकर जन अदालत में सजा सुनाते हैं. ऐसे में ग्रामीण जाएं, तो जाएं कहां..? ये सबसे बड़ा सवाल है.

नारायणपुर: जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अबूझमाड़ के मोहंदी में लगभग 5 हजार ग्रामीण एकत्रित हुए. यहां अबूझमाड़ के हजारों ग्रामीणों ने कई मसलों पर चर्चा की. मिली जानकारी के अनुसार यह बैठक बीते तीन दिन तक चली, जिसमें अबूझमाड़ के दूरदराज और दक्षिण बस्तर क्षेत्र के ग्रामीण भी पहुंचे थे. इस दौरान अबूझमाड़ में चुनौतियों को लेकर ग्रामीणों ने बातचीत की.

5 thousand villagers of Abujhmad say life threat from naxalites and force in narayanpur
अबूझमाड़ में 5 हजार ग्रामीणों ने की सभा

अबूझमाड़ के एक बुजुर्ग ग्रामीण ने बताया कि जंगल और शहर सरकार के बीच में हमारा जीवन परेशानियों से भर गया है. दोनों सरकार की लड़ाई में हम दो पाटों के बीच में पिस रहे हैं. जंगल जाते हैं तो फोर्स के जवान नक्सली बताकर गोली मार देते हैं. वहीं शहर आते हैं तो नक्सली पुलिस का खबरी होने का आरोप लगाकर जन अदालत में सजा देते हैं.

कोरोना के डर से ग्रामीणों ने किया नए पुलिस कैंप का विरोध, कहा- जंगल और शहर सरकार के बीच पिस रहे

अबूझमाड़ के बच्चों को सीखा रहे मलखम्ब का गुर, छत्तीसगढ़ विशेष टास्क फोर्स के जवान हैं मनोज प्रसाद

कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा !

ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण फोर्स के जवानों में ज्यादा फैला हुआ है. गश्त के दौरान जवान खाने-पीने की सामग्री लेकर जंगल आते हैं, जो समाग्री बच जाता है. उसे रास्ते में बच्चों और ग्रामीणों को दे देते हैं, जिससे गांव में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. सभा में एकत्रित ग्रामीणों में सरकार के प्रति भारी नाराजगी देखने को मिली.

5 thousand villagers of Abujhmad say life threat from naxalites and force in narayanpur
ग्रामीणों ने अबूझमाड़ में नक्सलियों पर लगाया आरोप

EXCLUSIVE: पर्यावास के नाम पर अबूझमाड़ में आदिवासी और नक्सली आमने-सामने !

ग्रामीणों में खासी नाराजगी

ग्रामीणों ने अवैधानिक वनों की कटाई, दुर्गम सड़क मार्ग, शासकीय योजनाओं को अबूझमाड़ के अंतिम छोर तक न पहुंचने को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार योजनाएं चला रही है, लेकिन ग्रामीणों को उसका फायदा नहीं मिल रहा है. ऐसे में ग्रामीणों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है.

5 thousand villagers of Abujhmad say life threat from naxalites and force in narayanpur
ग्रामीणों ने अबूझमाड़ में फोर्स पर लगाया आरोप

फोर्स के जवान और नक्सलियों पर गंभीर आरोप

बता दें कि अबूझमाड़ के मोहंदी गांव में 5 हजार ग्रामीणों ने सरकार की योजनाओं को हर कस्बे तक नहीं पहुंचाने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कहा कि जंगल जाते हैं, तो फोर्स के जवान नक्सली बताकर मार देते हैं. अगर शहर गए, तो नक्सली पुलिस का खबरी बताकर जन अदालत में सजा सुनाते हैं. ऐसे में ग्रामीण जाएं, तो जाएं कहां..? ये सबसे बड़ा सवाल है.

Last Updated : Nov 14, 2020, 5:39 PM IST
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