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मुंगेली: संकट की घड़ी में आदिवासी समाज ने पेश की अनूठी मिसाल

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Published : Apr 6, 2020, 6:42 PM IST

Updated : Apr 6, 2020, 8:52 PM IST

लोरमी के सुदूर वनांचल क्षेत्र में भी लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा है. जिसकी वजह से वनग्राम में रहने वाले ग्रामीणों को राशन की कमी हो रही है. जिसे देखते हुए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने उनके लिए सूखा राशन पहुंचाने का जिम्मा उठाया है.

Tribal youth distributing grocery items
आदिवासी युवक बांट रहे सूखा राशन

मुंगेली: जिले के लोरमी इलाके के सुदूर वनांचल क्षेत्र में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद जरूरतमंदों तक सूखा राशन पहुंचा रहा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए किये गये लॉकडाउन का आज 13वां दिन है. ऐसे में लोरमी के सुदूर वनांचल इलाके में रह रहे वनवासियों को भोजन खिलाने का जिम्मा अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के युवाओं ने उठाया है.

ग्रामीणों को किया जा रहा राशन वितरण

आदिवासी समाज के ये युवक जंगल के अंदर बसे विस्थापित वनग्राम बांकल, सांभरधसान, बोकराकछार समेत कई गांवों के सैकड़ों परिवारों को सूखा राशन देने का काम कर रहे हैं. रोजाना अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के सदस्य अपने समाज से सहयोग लेकर जंगल के अंदरूनी इलाकों में बसे आदिवासी और अन्य समाज के परिवारों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

आदिवासी युवक कर रहे सराहनीय काम

अपनी सामाजिक गतिविधियों को लेकर हमेशा से ही चर्चा में रहने वाला ये संगठन इन दिनों जरूरतमंदों के लिए महत्वपूर्ण सेवा कार्य कर रहा है. आदिवासी समाज के द्वारा किये जा रहे इस सेवा की पूरे इलाके में जमकर प्रशंसा हो रही है. गौरतलब है कि लोरमी का एक बड़ा भाग जंगल का है. जिसके अंदर 30 से अधिक वनग्राम स्थित है. सरकार द्वारा इन्हें सरकारी राशन तो उपलब्ध करा दिया गया है. लेकिन कई परिवार अभी भी ऐसे हैं, जिनका राशन कार्ड नहीं होने या दूसरे कारणों की वजह से राशन के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में इन जरूरतमंदों की सेवा के लिए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के सदस्य खाद्य सामाग्रियों की व्यवस्था कर रहे हैं.

यहां रहते हैं राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र

बता दें कि लोरमी के जंगल में विशेष संरक्षित बैगा आदिवासियों की बहुलता है. जिन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है. इन बैगा आदिवासियों में बहुत से परिवार ऐसे है, जिन्हें किसी तरह की सरकारी मदद तक नसीब नहीं हो रही है. ऐसे ही जरूरतमंदों की मदद के लिए आदिवासी समाज आगे आकर मदद कर रहा है.

मुंगेली: जिले के लोरमी इलाके के सुदूर वनांचल क्षेत्र में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद जरूरतमंदों तक सूखा राशन पहुंचा रहा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए किये गये लॉकडाउन का आज 13वां दिन है. ऐसे में लोरमी के सुदूर वनांचल इलाके में रह रहे वनवासियों को भोजन खिलाने का जिम्मा अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के युवाओं ने उठाया है.

ग्रामीणों को किया जा रहा राशन वितरण

आदिवासी समाज के ये युवक जंगल के अंदर बसे विस्थापित वनग्राम बांकल, सांभरधसान, बोकराकछार समेत कई गांवों के सैकड़ों परिवारों को सूखा राशन देने का काम कर रहे हैं. रोजाना अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के सदस्य अपने समाज से सहयोग लेकर जंगल के अंदरूनी इलाकों में बसे आदिवासी और अन्य समाज के परिवारों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

आदिवासी युवक कर रहे सराहनीय काम

अपनी सामाजिक गतिविधियों को लेकर हमेशा से ही चर्चा में रहने वाला ये संगठन इन दिनों जरूरतमंदों के लिए महत्वपूर्ण सेवा कार्य कर रहा है. आदिवासी समाज के द्वारा किये जा रहे इस सेवा की पूरे इलाके में जमकर प्रशंसा हो रही है. गौरतलब है कि लोरमी का एक बड़ा भाग जंगल का है. जिसके अंदर 30 से अधिक वनग्राम स्थित है. सरकार द्वारा इन्हें सरकारी राशन तो उपलब्ध करा दिया गया है. लेकिन कई परिवार अभी भी ऐसे हैं, जिनका राशन कार्ड नहीं होने या दूसरे कारणों की वजह से राशन के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में इन जरूरतमंदों की सेवा के लिए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के सदस्य खाद्य सामाग्रियों की व्यवस्था कर रहे हैं.

यहां रहते हैं राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र

बता दें कि लोरमी के जंगल में विशेष संरक्षित बैगा आदिवासियों की बहुलता है. जिन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है. इन बैगा आदिवासियों में बहुत से परिवार ऐसे है, जिन्हें किसी तरह की सरकारी मदद तक नसीब नहीं हो रही है. ऐसे ही जरूरतमंदों की मदद के लिए आदिवासी समाज आगे आकर मदद कर रहा है.

Last Updated : Apr 6, 2020, 8:52 PM IST
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