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मैगनीज, पोटेशियम ,कैल्शियम से भरपूर है ये सब्जी, गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी फायदेमंद

महासमुंद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने लाल रंग की भिंडी का उत्पादन किया है.

भिंडी का उत्पादन करते छात्र
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Published : Aug 16, 2019, 11:09 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 9:19 PM IST

महासमुंद: हरी भिंडियों से तो सभी वाकिफ होंगे लेकिन आज हम जिस भिंडी की बात करने वाले हैं उसे आप ने शायद ही पहले देखा होगा, देखा भी हो तो शायद ही इसके गुणों के बारे में जानते हों. जी हां हम बात कर रहे हैं लाल रंग की भिंडी की. जिसके उत्पादन से किसान भाइयों को फायदा तो होगा ही, इसे खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसमें मैगजीन, पोटेशियम, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए ये काफी फायदेमंद होती है.

मैगजीन, पोटेशियम ,कैल्शियम से भरपूर है लाल भिंड़ी

महासमुंद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फॉर्म वर्क (एनएसक्यूएफ) के व्यवसायिक शिक्षा के तहत जिले के 36 स्कूलों में कृषि पढ़ाई जा रही है. इसी के तहत शिक्षक और बच्चों ने मिलकर लाल भिंडी का उत्पादन किया, जिसका बीज शिक्षक और बच्चों ने नेट पर देखकर विजयनगर से मंगाया और फिर थोड़ी सी जगह में लाल भिंडी लगायी. लाल भिंडी का साइंटिफिक नाम है एबलमोसकस एसकुलेटस.

ये है खासियत
लाल भिंडी में लाइकोपीन पिंगिमेट ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होता है. लाल भिंडी आकार में बड़ी होती है और इसमें थोड़ा सा मीठापन होता है. स्कूल के बच्चे लाल भिंडी के अलावा चंपा का फूल, लौकी ,तोरई ,करेला भिंडी, धान ,मक्का, बरबटी ,हल्दी आदि का भी उत्पादन करते हैं. शिक्षक और बच्चों का कहना है कि लाल भिंडी के उत्पादन से किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा.

एलोवेनमोजाई की बिमारी से रहता है दूर
इस पूरे मामले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक एसके पटेल ने शिक्षक और बच्चों की तारीफ करते हुए कहा कि पुराने जमाने में लाल भिंडी की पैदावार की जाती थी. इस भिंडी में भिंडियों में होने वाली 'एलोवेनमोजाई' नामक बीमारी नहीं होती. इसके कारण इसकी पैदावार ज्यादा होती है. हरी भिंडी में यह बीमारी हो जाने के कारण पैदावार कम हो जाती है.

महासमुंद: हरी भिंडियों से तो सभी वाकिफ होंगे लेकिन आज हम जिस भिंडी की बात करने वाले हैं उसे आप ने शायद ही पहले देखा होगा, देखा भी हो तो शायद ही इसके गुणों के बारे में जानते हों. जी हां हम बात कर रहे हैं लाल रंग की भिंडी की. जिसके उत्पादन से किसान भाइयों को फायदा तो होगा ही, इसे खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसमें मैगजीन, पोटेशियम, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए ये काफी फायदेमंद होती है.

मैगजीन, पोटेशियम ,कैल्शियम से भरपूर है लाल भिंड़ी

महासमुंद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फॉर्म वर्क (एनएसक्यूएफ) के व्यवसायिक शिक्षा के तहत जिले के 36 स्कूलों में कृषि पढ़ाई जा रही है. इसी के तहत शिक्षक और बच्चों ने मिलकर लाल भिंडी का उत्पादन किया, जिसका बीज शिक्षक और बच्चों ने नेट पर देखकर विजयनगर से मंगाया और फिर थोड़ी सी जगह में लाल भिंडी लगायी. लाल भिंडी का साइंटिफिक नाम है एबलमोसकस एसकुलेटस.

ये है खासियत
लाल भिंडी में लाइकोपीन पिंगिमेट ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होता है. लाल भिंडी आकार में बड़ी होती है और इसमें थोड़ा सा मीठापन होता है. स्कूल के बच्चे लाल भिंडी के अलावा चंपा का फूल, लौकी ,तोरई ,करेला भिंडी, धान ,मक्का, बरबटी ,हल्दी आदि का भी उत्पादन करते हैं. शिक्षक और बच्चों का कहना है कि लाल भिंडी के उत्पादन से किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा.

एलोवेनमोजाई की बिमारी से रहता है दूर
इस पूरे मामले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक एसके पटेल ने शिक्षक और बच्चों की तारीफ करते हुए कहा कि पुराने जमाने में लाल भिंडी की पैदावार की जाती थी. इस भिंडी में भिंडियों में होने वाली 'एलोवेनमोजाई' नामक बीमारी नहीं होती. इसके कारण इसकी पैदावार ज्यादा होती है. हरी भिंडी में यह बीमारी हो जाने के कारण पैदावार कम हो जाती है.

Intro:एंकर - हरी भिंडी से तो सभी वाकिफ हैं पर हम आज जिस भिंडी के बात करने वाले हैं और दिखाने वाले हैं उसे आप देखकर सुनकर चौक जायेंगे जी हां हम बात कर रहे हैं लाल रंग की भिंडी की जिसके उत्पादन से किसान भाइयों को फायदा तो होगा ही साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए एवं मनुष्यों के शरीर की में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी सहायक होती हैं यह लाल भिंडी देखिए रिपोर्ट


Body:महासमुंद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शेर जहां कक्षा छठवीं से लेकर बारहवीं तक के लगभग 500 बच्चे अपना भविष्य गढ़ने आते हैं एन एस क्यू एफ (नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फॉर्म वर्क) के व्यवसायिक शिक्षा के तहत जिले के 36 स्कूलों में संस्कृत की जगह कृषि विषय के अंतर्गत कक्षा 9वी से 30 बच्चों को कृषि की पढ़ाई कराई जाती है इसी के तहत शिक्षक व बच्चों ने मिलकर लाल भिंडी का उत्पादन किया जिसका बीज शिक्षक व बच्चों ने नेट पर देखकर विजयनगर से मंगाया और फिर थोड़ी सी जगह में लाल भिंडी लगाया लाल भिंडी का साइंटिफिक नाम है एबलमोसकस एसकुलेटस


Conclusion:मैगजीन, पोटेशियम ,कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है लाल भिंडी में लाइकोपीन पिंगि मेट ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होता है साथ ही यह लाल भिंडी मनुष्य के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी काफी सहायक होता है लाल भिंडी आकार में बड़ी वइस में मीठा पन होता है स्कूल के बच्चे लाल भिंडी के अलावा चंपा का फूल, लौकी ,तोरई ,करेला भिंडी, धान ,मक्का, बरबटी ,हल्दी आदि का भी उत्पादन करते हैं शिक्षक व बच्चों का कहना है कि लाल भिंडी के उत्पादन से किसानों का अच्छा लाभ मिलेगा
इस पूरे मामले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक शिक्षक व बच्चों की तारीफ करते हुए बताया कि पुराने जमाने में लाल भिंडी का पैदावार की जाती थी इस भिंडी में भिंडी की एलोवेनमोजाई नामक बीमारी नहीं होती जिसके कारण इसका पैदावार ज्यादा होता है हरी भिंडी में यह बीमारी हो जाने के कारण पैदावार कम हो जाती है गौरतलब है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शेर के शिक्षक व बच्चे इसके पहले लाल मूली का भी उत्पादन कर चुके हैं
1)1वन टु वन
2)सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग एसके पटेल
Last Updated : Aug 17, 2019, 9:19 PM IST
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