महासमुंद: हरी भिंडियों से तो सभी वाकिफ होंगे लेकिन आज हम जिस भिंडी की बात करने वाले हैं उसे आप ने शायद ही पहले देखा होगा, देखा भी हो तो शायद ही इसके गुणों के बारे में जानते हों. जी हां हम बात कर रहे हैं लाल रंग की भिंडी की. जिसके उत्पादन से किसान भाइयों को फायदा तो होगा ही, इसे खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसमें मैगजीन, पोटेशियम, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए ये काफी फायदेमंद होती है.
महासमुंद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फॉर्म वर्क (एनएसक्यूएफ) के व्यवसायिक शिक्षा के तहत जिले के 36 स्कूलों में कृषि पढ़ाई जा रही है. इसी के तहत शिक्षक और बच्चों ने मिलकर लाल भिंडी का उत्पादन किया, जिसका बीज शिक्षक और बच्चों ने नेट पर देखकर विजयनगर से मंगाया और फिर थोड़ी सी जगह में लाल भिंडी लगायी. लाल भिंडी का साइंटिफिक नाम है एबलमोसकस एसकुलेटस.
ये है खासियत
लाल भिंडी में लाइकोपीन पिंगिमेट ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होता है. लाल भिंडी आकार में बड़ी होती है और इसमें थोड़ा सा मीठापन होता है. स्कूल के बच्चे लाल भिंडी के अलावा चंपा का फूल, लौकी ,तोरई ,करेला भिंडी, धान ,मक्का, बरबटी ,हल्दी आदि का भी उत्पादन करते हैं. शिक्षक और बच्चों का कहना है कि लाल भिंडी के उत्पादन से किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा.
एलोवेनमोजाई की बिमारी से रहता है दूर
इस पूरे मामले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक एसके पटेल ने शिक्षक और बच्चों की तारीफ करते हुए कहा कि पुराने जमाने में लाल भिंडी की पैदावार की जाती थी. इस भिंडी में भिंडियों में होने वाली 'एलोवेनमोजाई' नामक बीमारी नहीं होती. इसके कारण इसकी पैदावार ज्यादा होती है. हरी भिंडी में यह बीमारी हो जाने के कारण पैदावार कम हो जाती है.