कोरबा: रेत खदानों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने को लेकर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों में टकराव की स्थिति निर्मित हो गई है. कलेक्टर ने निर्देश जारी कर कहा है कि रेत खदानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य किया जाए. बिना सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के किसी भी ठेकेदार को पर्ची जारी नहीं होंगे, जबकि नगर पालिक निगम के मेयर और सभापति ने CCTV कैमरों को रेत घाट के लिए अव्यावहारिक करार दिया है.
अवैध रेत घाटों का भी सर्वे
रेत की उपलब्धता के अनुसार अवैध रेत घाटों का भी सर्वे किया जाएगा. कलेक्टर ने खनिज विभाग को निर्देश देते हुए कहा है कि उपयुक्त पाए जाने पर ऐसे सभी अवैध रेत घाटों का सीमांकन कराकर उनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस नीलामी से रेत का अवैध उत्खनन और इससे होने वाली परेशानियां खत्म होगी.
मेयर और सभापति ने बताया अव्यावहारिक
इस संबंध में नगर पालिक निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद और सभापति श्यामसुंदर सोनी ने कलेक्टर को पत्र लिखा है. उन्होंने सीसीटीवी कैमरे लगाने की बाध्यता को व्यवहारिक बताया है. उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरबा इकलौता जिला है. जहां इस तरह की बाध्यता लगाई जा रही है. कलेक्टर को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा है कि रेत घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए लीजधारक को सबसे पहले बिजली कनेक्शन प्राप्त करना अनिवार्य होगा. नदियों के किनारे किसी प्रकार की बिजली खम्भे नहीं होने के कारण तत्काल बिजली कनेक्शन प्राप्त करना असंभव है. इस नियम से जिले के आम नागरिकों को परेशानी होगी. निर्माण कार्यों के साथ ही शासकीय विकास कार्य भी प्रभावित होंगे. इस तरह की पाबंदी से अवैध उत्खनन की बढ़ावा मिल रहा है. इस निर्णय से पट्टेदारों को तत्काल मुक्त किया जाए.