कोरबा: कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के कोल सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन (भाप्रसे) शनिवार को एसईसीएल प्रवास पर मुख्यालय बिलासपुर पहुंचे थे. कोल सचिव ने कोयला के उत्पादन की समीक्षा (Coal Production Review) के साथ ही परियोजनाओं के विस्तार से लेकर सभी बिंदुओं पर कोयला अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की. सचिव ने खदानों के विस्तार के साथ ही मांग के अनुरूप कोयला आपूर्ति पर जोर दिया. एसईसीएल के अधिकारियों से चर्चा के बाद कोल सचिव ने एनटीपीसी और रेलवे के अधिकारियों के साथ भी बैठक की.
प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद
डॉ. अनिल कुमार जैन (Dr. Anil Kumar Jain) ने एसईसीएल मुख्यालय सभागार में समीक्षा बैठक ली. बैठक में मुकेश चौधरी निदेशक एमओसी (सीपीडी/आईसी) भी उपस्थित रहे. उनके अलावा सीएमडी एसईसीएल एपी पण्डा, निदेशक तकनीकी (संचालन) एमके प्रसाद, निदेशक (वित्त सह कार्मिक) एसएम चौधरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एसके पाल, एसईसीएल के समस्त क्षेत्रों के क्षेत्रीय महाप्रबंधक, विभिन्न विभागाध्यक्षगण उपस्थित थे. समीक्षा बैठक के आरंभ में सीएमडी एसईसीएल पण्डा ने कहा कि हाल के समय में देश में ऊर्जा आपूर्ति के चुनौतीपूर्ण समय में भी सचिव व कोयला मंत्रालय के टीम के मार्गदर्शन में कोयला उद्योग आशाओं के अनुरूप प्रदर्शन करने में सफल हो सका है.
बैठक में पावर प्वाईंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से एसईसीएल की दीपका, गेवरा और कुसमुण्डा मेगा परियोजनाओें व सभी क्षेत्रों के उत्पादन-उत्पादकता व डिस्पैच की प्रस्तुति दी गई. कोयला सचिव ने परियोजनाओं के विकास से संबंधित मुद्दों, फर्स्ट माईल कनेक्टिविटी परियोजनाएं (First Mile Connectivity Projects), रेल कॉरीडोर, पर्यावरण/वन स्वीकृति आदि पर भी चर्चा की.
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एक बिलियन टन उत्पादन पर नजर
कोल सचिव ने कोल इण्डिया के वर्ष 2023-24 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य के लिए एसईसीएल के प्रस्तुत रोड मैप का भी जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए. इस अवसर पर कोयला सचिव डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि एसईसीएल कोयला जगत की महत्वपूर्ण कंपनी है. समेकित रूप से कोयला उद्योग देश की आशाओं व आकांक्षाओं के अनुरूप कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने एसईसीएल शीर्ष प्रबंधन एवं महाप्रबंधकों से संवाद करते हुए कहा कि हम सभी एक टीम हैं. हमारा उद्धेश्य देश को उसके विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा की आपूर्ति करना है. एसईसीएल मुख्यालय प्रशासनिक भवन में समीक्षा बैठक (Review meeting at SECL Headquarters Administrative Building) के बाद सचिव महोदय ने इंदिरा विहार कॉलोनी स्थित बिलासपुर भवन में एनटीपीसी व रेलवे के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली.
नवंबर के अंत तक सभी प्रांतों में करना है पर्याप्त कोयले का इंतजाम
कोल सचिव के दौरे को कोयला क्राइसिस के बाद में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हाल ही में कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी (Coal Minister Prahlad Joshi) भी एसईसीएल मुख्यालय व कोरबा जिले के प्रवास पर थे. कोयला मंत्री ने दीपका, गेवरा और कुसमुंडा की कोयला खदानों का जायजा लिया था. यहां से वापस जाने के बाद कोयला मंत्री ने कई निर्देश कोयला अधिकारियों के लिए जारी किए हैं.
जिनमें से एक महत्वपूर्ण निर्देश हाल ही में जारी किया था. जिसमें कोयला मंत्री ने कहा है कि नवंबर माह के अंत तक सभी पावर प्लांटों के पास कम से कम 18 दिनों का कोयला स्टॉक सुनिश्चित किया जाएगा. कोयला मंत्री के इस निर्देश के बाद कोयला सचिव का एसईसीएल मुख्यालय में आना व अधिकारियों की बैठक ली. इस निर्देश के पालन के लिए महत्वपूर्ण है. एसईसीएल, कोल इंडिया की सभी 8 कंपनियों में से सबसे बड़ी कंपनी है। यहां कोयले का उत्पादन भी देश में सर्वाधिक है.