कांकेर: जिले के अंतागढ़ ब्लॉक के कलगांव में जमीन अदला-बदली की प्रक्रिया को छत्तीसगढ़ राजस्व मंडल ने कलेक्टर के आदेश को निरस्त कर दिया है. सरकार ने दुर्ग में भिलाई स्टील प्लांट (BSP) की जमीन पर आईआईटी बनाने का प्रस्ताव दिया था. इसके बदले सरकार ने BSP को उतनी ही जमीन कांकेर के अंतागढ़ के कलगांव में उपलब्ध कराया गया था.
ग्रामीणों के पक्ष में आया फैसला
कलगांव के ग्रामीणों ने इस प्रक्रिया का विरोध जताया था. उन्होंने अनुसूचित क्षेत्र में कानून के विपरीत सरकार पर निस्तारी जमीन को छीनने का आरोप लगाते हुए राजस्व न्यायालय की शरण में गए थे. छत्तीसगढ़ राजस्व मंडल ने आदेश में कहा है कि कांकेर कलेक्टर के आदेश दिनांक 24.04.2017 विधि विरुद्ध होने से निरस्त किया जाता है. प्रकरण तहसील अंतागढ़, जिला उत्तर बस्तर, कांकेर में स्थित है, जो शासन का अनुसूचित क्षेत्र घोषित है. आदिवासियों के हित संरक्षण के परिप्रेक्षय में भूमि ग्राम कलगांव के निवासियों के लिए सार्वजनिक निस्तार और उपयोग के लिए सुरक्षित रखा जाता है.
शुरू से ग्रामीण कर रहे थे विरोध
कलगांव के ग्रामीणों का आरोप था कि छत्तीसगढ़ शासन ने अदला-बदली के नाम पर जमीन छीन ली गई थी. जिसका ग्रामीण शुरू से ही विरोध करते आए हैं. इस जमीन पर ग्रामीण कई वर्षो से खेती करते आ रहे है. सामूहिक निस्तार का भी जंगल जमीन है. संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में किसी भी परियोजना की जमीन लेने के पूर्व ग्राम सभा की अनिवार्य सहमति की आवश्यकता है.
सामान्य क्षेत्र से अनुसूचित क्षेत्र में आवंटित की गई भूमि
कलगांव का अपने आप में पहला मामला था. जो किसी परियोजना के लिए शहरी क्षेत्र (सामान्य क्षेत्र) में जमीन उपलब्ध करवाई गई और इसके बदले राज्य सरकार ने अनुसूचित क्षेत्र में जमीन आवंटित की गई. कलगांव के किसान हृदयराम का कहना है कि सरकार ने भिलाई स्पात सयंत्र की किसी परियोजना हेतु कलगांव की 17.750 हेक्टेयर निस्तार जमीन बीएसपी को अदला बदली में दी गई थी, जिसके बदले उतनी ही जमीन बीएसपी ने राज्य शासन को दुर्ग जिले में जमीन दी है
नियमों में इस तरह की अदला-बदली का प्रावधान नहीं
पेसा कानूनों को लेकर काम करने वाले अनुभव शोरी कहते है इस प्रकार की अदला बदली के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं है. शासन ने इस प्रक्रिया के लिए राजस्व परिपत्र पुस्तक खंड 4- क्र. 3 – कंडिका 20 का उपयोग किया है. लेकिन इस कंडिका में केवल कृषि प्रयोजन के लिए शासकीय भूमि को निजी भूमि से अदला बदली में देने का प्रावधान है और वह भी आसपास के गांव में जो कि एक ही जिले में या एक ही संभाग में हो
ग्रामीणों ने जीती लड़ाई
दो विभिन्न संभागों में इस प्रकार की भूमि का औद्योगिक या अन्य प्रयोजन के लिए अदला बदली का कानून में कोई प्रावधान नहीं है. इस अदला बदली से ग्रामवासियों को कोई सुविधा या लाभ उप्लब्ध नहीं है और यह हर रूप में असंवैधानिक था. अगर बीएसपी को इस क्षेत्र में अपने प्रयोजन के लिए भूमि की आवश्यकता है तो उसे विधिवत् सरकार को प्रस्ताव देकर, सम्पूर्ण भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए. इस भूमि का क्या उपयोग होगा इसकी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए जिससे जनता अपने हितों की रक्षा कर सकें.