जशपुर: कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान जहां सभी बीते 40 दिनों से सारे काम काज रोजगार ठप पड़े हैं. वहीं आर्थिक तंगी से जूझ रही नगर सरकार ने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए खाली खजाना भरना शुरू कर दिया. इसके लिए नगर सरकार ने टैक्स भुगतान की अंतिम तारीख 15 मई रखी थी. वहीं समय पर दुकान का किराया और टैक्स टाइम से जमा करने पर अर्थदंड का भी प्रावधान है.
दअरसल लॉकडाउन के दौरान अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए जशपुर नगर पालिका ने अपने सारे टैक्स ओर दुकानों के किराए को वसूलने का अभियान चलाया गया है. जिसके तहत शहरवासियों को 15 मई तक अपने सारे टैक्स के अलावा दुकान किराया जमा करवाना है.
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लॉकडाउन होने से बढ़ाई गई थी टैक्स भरने की डेट
मुख्य नगर पालिका अधिकारी बसंत बुनकर ने बताया कि 'कोरोना और लॉकडाउन की वजह से चालू वित्त वर्ष में पालिका का राजस्व वसूली भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है'. उन्होंने बताया कि 'टैक्स 31 मार्च तक जमा करना था लेकिन लॉकडाउन के दौरान इसे बढ़ाया गया था. पालिका को संपत्तिकर, समेकीत कर, दुकान किराया के रूप में 1 करोड़ 18 लाख रुपए का राजस्व वसूलना है. लेकिन अब तक 60 प्रतिशत ही राजस्व वसूली हो पाई है. जिसे आगामी 15 दिनों में 80 प्रतिशत तक कर लिया जाएगा.
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लॉकडाउन के बाद बढ़ सकता है किराया
नगर सरकार बिना किसी विलंब शुल्क के टैक्स और किराया अदा करने का मौका शहरवासियों को 15 मई तक दिया गया है. नगर सरकार लॉकडाउन खत्म होने के बाद नगरपालिका के दुकानों के किराया को बढ़ाने के पक्ष में भी विचार कर रही है. अब देखना होगा कि इस बढ़े हुए टैक्स से लोग कैसे उबर पाते हैं. इसके साथ ही कुछ छोटे दुकानदारों को इस किराया से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.