जांजगीर चांपाः देश के संविधान के अनुसार सभी नागरिकों को अपने मताधिकार का उपयोग करने की छूट अपनी मर्जी से है, लेकिन कुलदीप साहू और उसके परिवार को समाज के प्रतिनिधियों के मुताबिक वोट नहीं देने पर सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है. मामला हसौद थाना क्षेत्र के ग्राम पेंड्री का है, जहां उपसरपंच के चुनाव में समाज के प्रतिनिधियों के द्वारा खड़े किए हुए उम्मीदवार को वोट नहीं देने की सजा सामाजिक बहिष्कार के रूप में मिली है.
पीड़ित कुलदीप ने बताया कि वह ग्राम पेंड्री के वार्ड नंबर 9 से पंच है और उसने समाज के समर्थित उम्मीदवार को वोट नहीं देकर दूसरे उम्मीदवार का चुनाव किया. पीड़ित कुलदीप का आरोप है कि समाज के उम्मीदवार के हारने पर उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. पीड़ित ने बताया कि समाज के दंबगों ने बैठक बुलाई और उसके परिवार पर 1 लाख 1 हजार का जुर्माना लगाया. जुर्माना नहीं देने पर उसके परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है, साथ ही उनका साथ देने वाले परिवार का भी सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. पीड़ित परिवार ने 12 मार्च को हसौद थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
हसौद थाना प्रभारी देवेश सिंह राठौर ने बताया कि पीड़ित परिवार की शिकायत पर जांच की जा रही है और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.