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जगदलपुर: खराब होने की कगार पर पहुंचा PDS का चना, अब जागा प्रशासन - खाद्य विभाग

बस्तर में चना वितरण पर रोक लगाने के बाद सैकड़ों क्विंटल चना खराब होने की कगार पर पहुंच गया है और अब जागे अधिकारियों ने इसे वितरित करने के आदेश दिए हैं.

खाद्य विभाग
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Published : Jul 2, 2019, 10:17 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: कांग्रेस सरकार बनने के बाद खाद्य विभाग ने PDS के तहत चने और नमक के वितरण पर रोक लगा दी थी, लेकिन 6 महीने की एक्सपायरी डेट वाला चना अब खराब होने की स्थिति में है. वहीं कलेक्टर ने आनन-फानन में अब इसे वितरित करने के आदेश दिए हैं.

खराब होने की कगार पर पहुंचा PDS का चना

बस्तर जिले के गोदामों में पड़ा 168 क्विंटल चना तीन दिन बाद खाने योग्य नहीं रह जाएगा, जबकि 1,298 क्विंटल चना अगले महीने की अंतिम तिथि को खराब हो जाएगा, लिहाजा आनन-फानन में इस 1,298 क्विंटल चने को हितग्राहियों में बांटने का आदेश बस्तर कलेक्टर ने जारी किए हैं. इस समय जिले में कुल 1,414 क्विंटल चना गोदामों में पड़ा हुआ है. बता दें जिले के पौने दो लाख से अधिक परिवारों को अप्रैल माह से चना नहीं मिल रहा है.

खराब होने की कगार पर चना
गरीब परिवारों को देने के लिए नैफेड ने दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में चना सप्लाई किया था. इस चने को 6 महीने तक उपयोग कर लेना था. गोदामों में पड़े चने को लेकर खाद्य विभाग के अपर सचिव और नान के प्रबंध संचालक ने इसे वितरण करने आदेश जारी किए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, नतीजतन है 168 क्विंटल चना गोदामों में सड़ने की कगार पर है और 1298 क्विंटल चना एक महीने बाद खराब हो जाएगा. इसे देखते हुए बचे हुए चने को बांटने की योजना बनाई गई है.

गोलमोल जवाब देते दिखे अधिकारी
इधर इस मामले पर खाद्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि, 'बचे हुए चने का वितरण करने के लिए टीम गठित कर दी गई है और जुलाई माह के अंत तक जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इसे बांट दिया जाएगा. वहीं 2018 में सप्लाई हुए लगभग 160 क्विंटल से अधिक चने के एक्सपायर हो जाने के सवाल पर खाद्य अधिकारी गोलमोल जवाब देती नजर आईं.

विधायक को नहीं है जानकारी
इधर स्थानीय विधायक को अब तक इस पूरे मामले की जानकारी ही नहीं है और वे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हैं, जबकि उनके ही हाईकमान ने चना न बांटे जाने का फरमान जारी किया था.

जगदलपुर: कांग्रेस सरकार बनने के बाद खाद्य विभाग ने PDS के तहत चने और नमक के वितरण पर रोक लगा दी थी, लेकिन 6 महीने की एक्सपायरी डेट वाला चना अब खराब होने की स्थिति में है. वहीं कलेक्टर ने आनन-फानन में अब इसे वितरित करने के आदेश दिए हैं.

खराब होने की कगार पर पहुंचा PDS का चना

बस्तर जिले के गोदामों में पड़ा 168 क्विंटल चना तीन दिन बाद खाने योग्य नहीं रह जाएगा, जबकि 1,298 क्विंटल चना अगले महीने की अंतिम तिथि को खराब हो जाएगा, लिहाजा आनन-फानन में इस 1,298 क्विंटल चने को हितग्राहियों में बांटने का आदेश बस्तर कलेक्टर ने जारी किए हैं. इस समय जिले में कुल 1,414 क्विंटल चना गोदामों में पड़ा हुआ है. बता दें जिले के पौने दो लाख से अधिक परिवारों को अप्रैल माह से चना नहीं मिल रहा है.

खराब होने की कगार पर चना
गरीब परिवारों को देने के लिए नैफेड ने दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में चना सप्लाई किया था. इस चने को 6 महीने तक उपयोग कर लेना था. गोदामों में पड़े चने को लेकर खाद्य विभाग के अपर सचिव और नान के प्रबंध संचालक ने इसे वितरण करने आदेश जारी किए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, नतीजतन है 168 क्विंटल चना गोदामों में सड़ने की कगार पर है और 1298 क्विंटल चना एक महीने बाद खराब हो जाएगा. इसे देखते हुए बचे हुए चने को बांटने की योजना बनाई गई है.

गोलमोल जवाब देते दिखे अधिकारी
इधर इस मामले पर खाद्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि, 'बचे हुए चने का वितरण करने के लिए टीम गठित कर दी गई है और जुलाई माह के अंत तक जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इसे बांट दिया जाएगा. वहीं 2018 में सप्लाई हुए लगभग 160 क्विंटल से अधिक चने के एक्सपायर हो जाने के सवाल पर खाद्य अधिकारी गोलमोल जवाब देती नजर आईं.

विधायक को नहीं है जानकारी
इधर स्थानीय विधायक को अब तक इस पूरे मामले की जानकारी ही नहीं है और वे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हैं, जबकि उनके ही हाईकमान ने चना न बांटे जाने का फरमान जारी किया था.

Intro:जगदलपुर। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद खाद्य विभाग द्वारा ग़रीब परिवारों को पीडीएस के माध्यम से बाँटा जा रहा पाँच रुपया प्रति किलो चना और अमृत नमक बंद कर दिया गया । नतीजा ये हुआ कि छह महीने की एक्सपायरी डेट वाला चना अब ख़राब होने की स्थिति में है । बस्तर ज़िले के गोदामों में पड़ा 168 क्विंटल चना तीन दिन बाद खाने योग्य नहीं रह जाएगा जबकि 1298 क्विंटल चना अगले महीने की अंतिम तिथि को ख़राब हो जाएगा । अब आनन फ़ानन में इस 1298 क्विंटल चने को हितग्राहियों में बाँटने का आदेश बस्तर कलेक्टर ने जारी किया है । इस समयज़िले मे कुल 1414 क्विंटल चना गोदामों में पड़ा हुआ है । ज़िले के पौने दो लाख से अधिक परिवारों को अप्रैल माह से चना नहीं मिल रहा है ।



Body:ग़रीब परिवारों को देने के लिए नैफेड ने दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में चना सप्लाई किया था । इस चने को छह महीने तक उपयोग कर लेना था । गोदामों में पड़े चने को लेकर खाद्य विभाग के अपर सचिव और नान के प्रबंध संचालक ने इसे वितरण करने आदेश जारी किए थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया । नतीजतन है 168  क्विंटल चना गोदामों में सड़ने की कगार पर है और 1298 क्विंटल चना एक महीने बाद ख़राब हो जाएगा । इसे देखते हुए बचे हुए चने को बाँटने की योजना बनायी गई है।


Conclusion:इधर इस मामले पर खाद्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि बचे हुए चने का वितरण करने के लिए टीम गठित कर दी गई है। और जुलाई माह के अंत तक जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रो मे इसे बांट दिया जायेगा, वही 2018 मे सप्लाई हुई लगभग 160 क्विंटल से अधिक चना एक्सपायरी डेट निकल जाने की वजह से खराब होने के सवाल पर खाद्य अधिकारी गोलमोल जवाब देती नजर आयी।इधर स्थानीय विधायक को अब तक इस पुरे मामले की जानकारी ही नहीं है।  और वे दोषियों के  खिलाफ कार्यवाही की बात कर रहे हैं।  जबकि उनके ही  हाईकमान ने चना न बांटे जाने का फरमान जारी किया था। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा चना बांटने पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद से जिले के राशन दुकानो मे भी संचालको ने वितरण के अभाव मे बडी मात्रा मे चना दबा रखा है। 

बाइट1 - दिव्या रानी ,प्रभारी खाद्य नियंत्रक  

बाइट2 - रेखचंद जैन, विधायक जगदलपुर

 
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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