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गरियाबंद: कोरोना वायरस से होली का बाजार फीका, दुकानदार हुए मायूस - कोरोना वारस

होली त्योहार के पहले दिन बाजार में रहने वाली रौनक इस बार गायब नजर आ रही है. पिचकारी, रंग गुलाल, बेचने वालों के साथ-साथ मुर्गा व्यापारी भी परेशान दिखे. कोरोना वायरस की वजह से होली के मौके पर बिक्री में काफी कमी देखी गई है.

Purchased Holi from Corona Wars affected in gariyaband
कोरोना वायरस से होली का बाजार फीका
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Published : Mar 9, 2020, 7:11 PM IST

Updated : Mar 9, 2020, 7:33 PM IST

गरियाबंद: जिला मुख्यालय में हर बार होली के दिन बाजार में जमकर खरीदी बिक्री होती है. त्योहार से 3 दिन पहले ही खरीदी शुरु हो जाती थी और अंतिम दिन तो जमकर पिचकारी, रंग गुलाल खरीदे जाते थे. लेकिन इस बार ऐसी अफवाह उड़ी की होली का ज्यादातर सामान चाइना से आता है. इसीलिए इसमें कोरोना वायरस होने का पूरा खतरा है. जिससे लोग पिचकारी और अन्य होली के सामान खरीदने से घबरा रहे हैं.

कोरोना वायरस से होली का बाजार फीका

वहीं होली से एक-दो दिन पहले मुर्गों की जमकर बिक्री होती थी. दुकानदारों का कहना है कि होली के तीन दिन पहले लगभग एक-एक दुकानदार 15 सौ से 2 हजार किलो मुर्गा बेच लिया करते थे. लेकिन इस बार वहां भी उसी तरह की अफवाह है. जिसके कारण ग्रामीणों ने नॉनवेज खासकर बॉयलर मुर्गा खरीदना बंद कर दिया है. इससे होली से पहले केवल 15 किलो मुर्गा ही बिक पाया है. दुकानदारों का कहना है कि बॉयलर मुर्गे से कोई खतरा नहीं है

इसके अलावा बड़े शहर तो ठीक अब गांव के लोग भी मास्क पहनकर अपने काम पर जा रहे हैं. मास्क पहने लोगों को देखकर बाकी लोग भी इस संबंध में जागरूक हो रहे हैं. जिला अस्पताल के डॉक्टर डॉ. हरीश चौहान ने बताया कि ओपीडी के दौरान कई लोग कोरोना वायरस से बचाव के तरीके पूछ रहे हैं.

गरियाबंद: जिला मुख्यालय में हर बार होली के दिन बाजार में जमकर खरीदी बिक्री होती है. त्योहार से 3 दिन पहले ही खरीदी शुरु हो जाती थी और अंतिम दिन तो जमकर पिचकारी, रंग गुलाल खरीदे जाते थे. लेकिन इस बार ऐसी अफवाह उड़ी की होली का ज्यादातर सामान चाइना से आता है. इसीलिए इसमें कोरोना वायरस होने का पूरा खतरा है. जिससे लोग पिचकारी और अन्य होली के सामान खरीदने से घबरा रहे हैं.

कोरोना वायरस से होली का बाजार फीका

वहीं होली से एक-दो दिन पहले मुर्गों की जमकर बिक्री होती थी. दुकानदारों का कहना है कि होली के तीन दिन पहले लगभग एक-एक दुकानदार 15 सौ से 2 हजार किलो मुर्गा बेच लिया करते थे. लेकिन इस बार वहां भी उसी तरह की अफवाह है. जिसके कारण ग्रामीणों ने नॉनवेज खासकर बॉयलर मुर्गा खरीदना बंद कर दिया है. इससे होली से पहले केवल 15 किलो मुर्गा ही बिक पाया है. दुकानदारों का कहना है कि बॉयलर मुर्गे से कोई खतरा नहीं है

इसके अलावा बड़े शहर तो ठीक अब गांव के लोग भी मास्क पहनकर अपने काम पर जा रहे हैं. मास्क पहने लोगों को देखकर बाकी लोग भी इस संबंध में जागरूक हो रहे हैं. जिला अस्पताल के डॉक्टर डॉ. हरीश चौहान ने बताया कि ओपीडी के दौरान कई लोग कोरोना वायरस से बचाव के तरीके पूछ रहे हैं.

Last Updated : Mar 9, 2020, 7:33 PM IST
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