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गरियाबंद में ठेकेदारों ने किया धरना प्रदर्शन, जानिए क्या है कारण?

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Published : Feb 26, 2021, 3:23 AM IST

Updated : Feb 26, 2021, 3:46 AM IST

गरियाबंद में ठेकेदारों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लोक निर्माण विभाग कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. गौण खनिज रॉयल्टी बढ़ने का ठेकेदार विरोध कर रहे हैं.

Contractors of gariaband Protest
ठेकेदारों ने किया धरना प्रदर्शन

गरियाबंद: जिले में ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. ठेकेदारों का आरोप है कि शासन के नए नियम के चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिस 1 घन मीटर रेत के लिए पहले गौण खनिज रॉयल्टी के रूप में 65 रूपए काटे जाते थे, अब उसे 215 काटा जा रहा है. इसी तरह मुरूम और गिट्टी में भी रॉयल्टी पहले से कहीं अधिक काटी जा रही है.

ठेकेदारों ने किया धरना प्रदर्शन

ठेकेदारों ने बताया है कि शासन अपना नियम वापस नहीं लेती है तो ठेकेदारों को काफी अधिक नुकसान होगा. जिसके चलते भविष्य में टेंडर का बहिष्कार करने की जरूरत पड़ सकती है. ठेकेदार संघ ने इसके विरोध में एक दिवसीय धरना देकर जिला कलेक्ट्रेट में अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. वहीं आने वाले 1-2 और 3 मार्च को 3 दिन तक कार्य बंद रखकर इसका विरोध करने की बात कही है.

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थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के नाम पर भुगतान में देरी

ठेकेदारों ने तीन अन्य मांग भी शासन के समक्ष रखा है. जिसमें परफारमेंस गारंटी के नाम पर राशि पहले कम समय तक रोकी जाती थी, अब उसे 5 साल किया गया है. वहीं सिंचाई विभाग में कई कार्यों में 10 साल तक राशि रोकी जा रही है. उनका कहना है कि यह व्यवहारिक नहीं है. इसके अलावा फाइनल बिल के पहले थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के नाम पर फाइनल बिल को कई महीनों तक रोकने का आरोप लगाते हुए इसके लिए 10 दिन की निर्धारित समय सीमा तय करने की मांग ठेकेदारों ने की है.

गरियाबंद: जिले में ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. ठेकेदारों का आरोप है कि शासन के नए नियम के चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिस 1 घन मीटर रेत के लिए पहले गौण खनिज रॉयल्टी के रूप में 65 रूपए काटे जाते थे, अब उसे 215 काटा जा रहा है. इसी तरह मुरूम और गिट्टी में भी रॉयल्टी पहले से कहीं अधिक काटी जा रही है.

ठेकेदारों ने किया धरना प्रदर्शन

ठेकेदारों ने बताया है कि शासन अपना नियम वापस नहीं लेती है तो ठेकेदारों को काफी अधिक नुकसान होगा. जिसके चलते भविष्य में टेंडर का बहिष्कार करने की जरूरत पड़ सकती है. ठेकेदार संघ ने इसके विरोध में एक दिवसीय धरना देकर जिला कलेक्ट्रेट में अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. वहीं आने वाले 1-2 और 3 मार्च को 3 दिन तक कार्य बंद रखकर इसका विरोध करने की बात कही है.

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थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के नाम पर भुगतान में देरी

ठेकेदारों ने तीन अन्य मांग भी शासन के समक्ष रखा है. जिसमें परफारमेंस गारंटी के नाम पर राशि पहले कम समय तक रोकी जाती थी, अब उसे 5 साल किया गया है. वहीं सिंचाई विभाग में कई कार्यों में 10 साल तक राशि रोकी जा रही है. उनका कहना है कि यह व्यवहारिक नहीं है. इसके अलावा फाइनल बिल के पहले थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के नाम पर फाइनल बिल को कई महीनों तक रोकने का आरोप लगाते हुए इसके लिए 10 दिन की निर्धारित समय सीमा तय करने की मांग ठेकेदारों ने की है.

Last Updated : Feb 26, 2021, 3:46 AM IST
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