गरियाबंद : जिले में किसानों की सहूलियत के लिए 62 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, जिससे किसानों को आसानी से टोकन मिल सके और धान की खरीदी में कोई दिक्कत न हो. लेकिन जिले में ऐसे कई केंद्र हैं जहां बदइंतजामी की वजह से धान खरीदी में देरी होती रही. जिससे किसानों में भारी नाराजगी देखने को मिली.
दरअसल, जिले में सुबह 10 बजे से धान खरीदी शुरू होनी थी, लेकिन अव्यवस्थाओं और टोकन न मिलने के चलते किसानों से धान की खरीदी दोपहर 2 बजे शुरू हो पाई. जिन केंद्रों पर दोपहर 2 बजे धान की खरीदी शुरू हुई उसमें मरोदा, ढोर्रा, गरियाबंद और उरमाल के केंद्र शामिल हैं. किसानों की मेहनत पर कर्मचारियों की लापरवाही भारी रही जिसकी वजह से धान खरीदी में देरी होती रही.
रविवार को भी खुला रहेगा धान खरीदी केंद्र
बता दें कि सरकार ने नए धान खरीदी केंद्र की मंजूरी तो दी, लेकिन खरीदी केंद्रों पर सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं किए गए, जिसकी वजह से धान खरीदी केंद्रों पर कई परेशानियां आती रही. इस बार शनिवार और रविवार को भी धान खरीदी केंद्र खुले रहेंगे ताकि किसान धान बेच सके.
टोकन के लिए किसान होते रहे परेशान
वहीं जिले के पांच धान खरीदी केंद्रों में कंप्यूटर में डाटा उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों को टोकन नहीं मिल पाया. धान खरीदी प्रारंभ होने के दिन किसान टोकन के लिए परेशान होते नजर आए. वहीं धान खऱीदी के पहले दिन धान की बंपर आवक दिखी.
वन अधिकार पट्टे की जमीन पर उगाए गए धान की भी होगी खरीदी
इस बार जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में पहले से 10% ज्यादा धान खरीदी होने का अनुमान है, क्योंकि पहली बार वन अधिकार पट्टा की जमीन पर खेती करने वाले किसानों को भी धान खरीदी के दायरे में लाया गया है. इस बार ऋृणमाफी होने के बाद डिफॉल्टर किसानों से भी धान की खरीदी हो रही है.