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धमतरी के राठौड़ परिवार की पहल, मृत्युभोज का खर्च समाज सेवियों को किया दान - मृत्यु भोज

dhamtari latest news धमतरी में स्टेशनरी व्यापारी राठौड़ परिवार की अनुकरणीय पहल सामने आई है. व्यापारी भाइयों ने पिता की मृत्यु पर सामाजिक भोज की प्रथा को छोड़ दिया. जिसके बाद भाइयों ने भोज में होने वाले अनुमानित खर्च की रकम को समाज सेवी संस्थाओं को दान कर दिया. इस नई पहल का सभी लोग स्वागत कर रहे हैं.

Rathod family initiative against malpractices
कुप्रथा के खिलाफ राठौड़ परिवार की पहल
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Published : Oct 30, 2022, 7:33 PM IST

धमतरी: भारत मे हिन्दू रीति रिवाजों में किसी व्यक्ति की मौत के बाद मृत्यु भोज करवाने का रिवाज है. किसी की मौत से परिवार में पहले ही दुख का पहाड़ टूट पड़ता है. ऐसे में मृत्यु भोज के लिए परिवार को भारी खर्च उठाकर लोगों को भोजन करवाना पड़ता है. इस प्रथा की दबे आवाज में विरोध भी कई बार देखने को मिली. लेकिन धमतरी में एक परिवार ने अब खुल कर इस अजीब रिवाज के विरोध की पहल की है. dhamtari latest news

राठौड़ परिवार की पहल

शहर में स्टेशनरी का व्यापार करने वाले राठौड़ परिवार ने अपने पिता की मृत्यु के बाद समाज को भोज नहीं कराने का फैसला लिया. बदले में उन्होंने शहर की समाजसेवी संस्थाओं को मृत्यु भोज में खर्चने वाली रकम (3 लाख 27 हजार रुपये) दान (Rathod family initiative against malpractices ) किया है.

यह भी पढ़ें: धमतरी में छत्तीसगढ़ बीजेपी की बड़ी बैठक, मिशन 2023 पर मंथन

समाजसेवी संस्थाओं को 3 लाख किया दान: राठौड़ परिवार ने बताया कि "उनके पिता रश्मिकांत राठौड़ खुद मृत्यु भोज के खिलाफ थे. उन्होंने ही ये इच्क्षा जताई थी कि उनकी मौत के बाद मृत्यु भोज का खर्च समाज की सेवा में खर्च किया जाये." बीते 26 अक्टूबर को रश्मिकांत का निधन हो गया. 29 अक्टूबर को राठौड़ परिवार ने दिवंगत पिता की मर्जी के मुताबिक धमतरी की 7 समाजसेवी संस्थाओं को 51-51 हजार रुपये दान किये. राठौड़ परिवार ने बताया कि "सभी समाज में इस तरह की कुप्रथाओं पर लगाम लगनी चाहिए." धमतरी में इस सकारात्मक पहल की सभी तारीफ कर रहे हैं.

इन संस्थाओं को दिया गया है दान: धमतरी में राठौड़ परिवार ने मृत्यु भोज में खर्चने वाली रकम (3 लाख 27 हजार रुपये) सात समाजसेवी संस्थाओं को दान की. इनमें सार्थक स्कूल, स्वर्ग धाम सेवा समिति, हिंदू अनाथालय, जलाराम ज्ञान यज्ञ समिति विद्याश्रम, अंगारमोती गौशाला, एग्जैक्ट फाउंडेशन और नूतन हाई स्कूल सिहावा रोड धमतरी को यह राशि सौंपी गई है.

धमतरी: भारत मे हिन्दू रीति रिवाजों में किसी व्यक्ति की मौत के बाद मृत्यु भोज करवाने का रिवाज है. किसी की मौत से परिवार में पहले ही दुख का पहाड़ टूट पड़ता है. ऐसे में मृत्यु भोज के लिए परिवार को भारी खर्च उठाकर लोगों को भोजन करवाना पड़ता है. इस प्रथा की दबे आवाज में विरोध भी कई बार देखने को मिली. लेकिन धमतरी में एक परिवार ने अब खुल कर इस अजीब रिवाज के विरोध की पहल की है. dhamtari latest news

राठौड़ परिवार की पहल

शहर में स्टेशनरी का व्यापार करने वाले राठौड़ परिवार ने अपने पिता की मृत्यु के बाद समाज को भोज नहीं कराने का फैसला लिया. बदले में उन्होंने शहर की समाजसेवी संस्थाओं को मृत्यु भोज में खर्चने वाली रकम (3 लाख 27 हजार रुपये) दान (Rathod family initiative against malpractices ) किया है.

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समाजसेवी संस्थाओं को 3 लाख किया दान: राठौड़ परिवार ने बताया कि "उनके पिता रश्मिकांत राठौड़ खुद मृत्यु भोज के खिलाफ थे. उन्होंने ही ये इच्क्षा जताई थी कि उनकी मौत के बाद मृत्यु भोज का खर्च समाज की सेवा में खर्च किया जाये." बीते 26 अक्टूबर को रश्मिकांत का निधन हो गया. 29 अक्टूबर को राठौड़ परिवार ने दिवंगत पिता की मर्जी के मुताबिक धमतरी की 7 समाजसेवी संस्थाओं को 51-51 हजार रुपये दान किये. राठौड़ परिवार ने बताया कि "सभी समाज में इस तरह की कुप्रथाओं पर लगाम लगनी चाहिए." धमतरी में इस सकारात्मक पहल की सभी तारीफ कर रहे हैं.

इन संस्थाओं को दिया गया है दान: धमतरी में राठौड़ परिवार ने मृत्यु भोज में खर्चने वाली रकम (3 लाख 27 हजार रुपये) सात समाजसेवी संस्थाओं को दान की. इनमें सार्थक स्कूल, स्वर्ग धाम सेवा समिति, हिंदू अनाथालय, जलाराम ज्ञान यज्ञ समिति विद्याश्रम, अंगारमोती गौशाला, एग्जैक्ट फाउंडेशन और नूतन हाई स्कूल सिहावा रोड धमतरी को यह राशि सौंपी गई है.

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