सरगुजा : गर्मी का शुरूहो चुकीहै, लेकिन जिले के 4 हजार 500 हैंडपंप ऐसे हैं जिन्हें लगाने वाले विभागों के पास इनकी सर्विसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, लिहाजा इन मेंटेनेंस नहीं होने से ये हैंडपंप बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, जिले में 12 हजार हैंडपंप की जिम्मेदारी पीएचई विभाग के पास है जो इनके मेंटेनेंस करवाती है, लेकिन अन्य एजेंसियों के जरिए लगवाए गए करीब 4 हजार 500 हैंडपंप मेंटेनेंस के अभाव में खराब हो चुके हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है ऐसे में इन हैंडपंप से पानी भरने वाले ग्रामीण परेशान होते दिख रहे हैं.
रमन सरकार पर लगायाआरोप
जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने इस मामले में रमन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पूर्व की सरकार में अधिकारियों नेनेताओं के साथसांठ-गांठ कर मनमाने ढंग से किसी भी विभाग से बोरिंग करवाई और उसमें हैंडपंप लगवा दिए.
मेंटनेंस चार्ज की व्यवस्था करें
उन्होंने कहा कि, 'हैंडपंप तो लगवा दिए गए, लेकिन उनके मेंटेनेंस की व्यवस्था किसी ने नहीं की. अगर येहैंडपंप खराब होंगे, तो इसका रखरखाव कौन करेगा इसकी भी व्यवस्था नहीं की गई'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, 'सरकार या प्रशासन को चाहिए कि वो हैंडपंप सिर्फ पीएचई विभाग से लगवाए या अन्य एजेंसियों के जरिए लगाए गए हैंडपंप के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी पीएचई विभाग को दे और चार्ज की भी व्यवस्था करे'.
PHE विभाग मेंटेनेंस के लिए तैयार
वहीं इस संबंधमें पीएचई के अभियंता प्रदीप खलखो का कहना है कि, 'हम अन्य विभागों के हैंडपंप रिपेयर करवादेते हैं, लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है किउन्हें हम हीमेंटेनेंस करवाएं. पीएचई सभी हैंडपंप्स कामेंटेनेंस करने को तैयार है, लेकिन उसके लिए या तो शासन से कोई नियम हो या फिर संबंधित विभाग उनसे मेंटेनेंस की मांग करें'.
कुछ हैंडपंप का मेंटेनेंस किया
हालांकि पीएचई विभाग ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए और जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते कुछ हैंडपंप सुधरवा दिए हैं, लेकिन बाकी के बचे हुए हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं.