ETV Bharat / state

सरगुजा :मेंटेनेंस के अभाव में खराब हुए 4 हजार 500 हैंडपंप, पानी के लिए परेशान हो रहे ग्रामीण

सरगुजा में 4 हजार 500 हैंडपंप मेंटेनेंस के अभाव में खराब हो चुके हैं जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

author img

By

Published : Mar 27, 2019, 10:07 PM IST

Updated : Mar 27, 2019, 10:42 PM IST

हैंहपंप

सरगुजा : गर्मी का शुरूहो चुकीहै, लेकिन जिले के 4 हजार 500 हैंडपंप ऐसे हैं जिन्हें लगाने वाले विभागों के पास इनकी सर्विसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, लिहाजा इन मेंटेनेंस नहीं होने से ये हैंडपंप बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, जिले में 12 हजार हैंडपंप की जिम्मेदारी पीएचई विभाग के पास है जो इनके मेंटेनेंस करवाती है, लेकिन अन्य एजेंसियों के जरिए लगवाए गए करीब 4 हजार 500 हैंडपंप मेंटेनेंस के अभाव में खराब हो चुके हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है ऐसे में इन हैंडपंप से पानी भरने वाले ग्रामीण परेशान होते दिख रहे हैं.

रमन सरकार पर लगायाआरोप
जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने इस मामले में रमन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पूर्व की सरकार में अधिकारियों नेनेताओं के साथसांठ-गांठ कर मनमाने ढंग से किसी भी विभाग से बोरिंग करवाई और उसमें हैंडपंप लगवा दिए.

वीडियो

मेंटनेंस चार्ज की व्यवस्था करें
उन्होंने कहा कि, 'हैंडपंप तो लगवा दिए गए, लेकिन उनके मेंटेनेंस की व्यवस्था किसी ने नहीं की. अगर येहैंडपंप खराब होंगे, तो इसका रखरखाव कौन करेगा इसकी भी व्यवस्था नहीं की गई'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, 'सरकार या प्रशासन को चाहिए कि वो हैंडपंप सिर्फ पीएचई विभाग से लगवाए या अन्य एजेंसियों के जरिए लगाए गए हैंडपंप के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी पीएचई विभाग को दे और चार्ज की भी व्यवस्था करे'.

PHE विभाग मेंटेनेंस के लिए तैयार
वहीं इस संबंधमें पीएचई के अभियंता प्रदीप खलखो का कहना है कि, 'हम अन्य विभागों के हैंडपंप रिपेयर करवादेते हैं, लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है किउन्हें हम हीमेंटेनेंस करवाएं. पीएचई सभी हैंडपंप्स कामेंटेनेंस करने को तैयार है, लेकिन उसके लिए या तो शासन से कोई नियम हो या फिर संबंधित विभाग उनसे मेंटेनेंस की मांग करें'.

कुछ हैंडपंप का मेंटेनेंस किया

हालांकि पीएचई विभाग ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए और जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते कुछ हैंडपंप सुधरवा दिए हैं, लेकिन बाकी के बचे हुए हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं.

सरगुजा : गर्मी का शुरूहो चुकीहै, लेकिन जिले के 4 हजार 500 हैंडपंप ऐसे हैं जिन्हें लगाने वाले विभागों के पास इनकी सर्विसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, लिहाजा इन मेंटेनेंस नहीं होने से ये हैंडपंप बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, जिले में 12 हजार हैंडपंप की जिम्मेदारी पीएचई विभाग के पास है जो इनके मेंटेनेंस करवाती है, लेकिन अन्य एजेंसियों के जरिए लगवाए गए करीब 4 हजार 500 हैंडपंप मेंटेनेंस के अभाव में खराब हो चुके हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है ऐसे में इन हैंडपंप से पानी भरने वाले ग्रामीण परेशान होते दिख रहे हैं.

रमन सरकार पर लगायाआरोप
जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने इस मामले में रमन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पूर्व की सरकार में अधिकारियों नेनेताओं के साथसांठ-गांठ कर मनमाने ढंग से किसी भी विभाग से बोरिंग करवाई और उसमें हैंडपंप लगवा दिए.

वीडियो

मेंटनेंस चार्ज की व्यवस्था करें
उन्होंने कहा कि, 'हैंडपंप तो लगवा दिए गए, लेकिन उनके मेंटेनेंस की व्यवस्था किसी ने नहीं की. अगर येहैंडपंप खराब होंगे, तो इसका रखरखाव कौन करेगा इसकी भी व्यवस्था नहीं की गई'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, 'सरकार या प्रशासन को चाहिए कि वो हैंडपंप सिर्फ पीएचई विभाग से लगवाए या अन्य एजेंसियों के जरिए लगाए गए हैंडपंप के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी पीएचई विभाग को दे और चार्ज की भी व्यवस्था करे'.

PHE विभाग मेंटेनेंस के लिए तैयार
वहीं इस संबंधमें पीएचई के अभियंता प्रदीप खलखो का कहना है कि, 'हम अन्य विभागों के हैंडपंप रिपेयर करवादेते हैं, लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है किउन्हें हम हीमेंटेनेंस करवाएं. पीएचई सभी हैंडपंप्स कामेंटेनेंस करने को तैयार है, लेकिन उसके लिए या तो शासन से कोई नियम हो या फिर संबंधित विभाग उनसे मेंटेनेंस की मांग करें'.

कुछ हैंडपंप का मेंटेनेंस किया

हालांकि पीएचई विभाग ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए और जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते कुछ हैंडपंप सुधरवा दिए हैं, लेकिन बाकी के बचे हुए हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं.

Intro:सरगुजा : गर्मी का आगाज हो चुका है और आने वाली भीषण गर्मी में पानी की समस्या अभी से सताने लगी है, जनता के प्रति जवाबदेह जनप्रतिनिधियों को खास कर अपने क्षेत्र की चिंता है, लेकिन बोरिंग उत्तखनन कर हैंड पम्प लगाने का ऐसा खेल चला की अब जिले में 45 सौ हैण्डपम्प अनाथ हो चुके हैं। अनाथ इस लिये क्योकी जिन विभागों ने इन हैण्डपम्प को लगाया है उनके पास इसकी सर्विसिंग की व्यवस्था नही है, और शासन द्वारा अधीकृत पीएचई विभाग इनकी सर्विसिंग करने में नियमतः असमर्थ हैं। ऐसे में जिले में पीएचई के 12 हजार हैण्डपम्प की जिम्मेदारी तो पीएचई विभाग लिए हुए है, लेकिन अन्य एजेंसियों से लगे 45 सौ हैण्डपम्प की सर्विसिंग का कोई नियम अब तक नही है। लिहाजा इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने इस मामले में रमन सरकार पर आरोप मढ़ा है, इनका कहना है की पूर्व की सरकार में अधिकारियों के नेताओ की सांठ गांठ से मनमाने ढंग से किसी भी विभाग से बोरिंग कराई गई और उसमें हैण्डपम्प लगाए गए, लेकिन इस बात की व्यवस्था किसी ने नही की की अगर यह हैण्डपम्प खराब होंगे तो इसका रख रखाव कौन करेगा। लिहाजा प्रशासन को या सरकार या तो सिर्फ पीएचई से हैण्डपम्प लगवाए या अन्य एजेंसियों के लगाए हैण्डपम्प के रखरखाव के लिए पीएचई को अधिकृत करते हुए मेंटनेंस चार्ज की व्यवस्था करे।

बाइट01_राकेश गुप्ता (सदस्य जिला पंचायत सरगुजा)

वहीं इस संबधं में पीएचई के अधीक्षण अभियंता प्रदीप खलखो का कहना है की व्यवहारिक तौर पर हम अन्य विभागों के हैंडपंप रिपेयर करा देते हैं, लेकिन ऐसा कोई नियम नही है की उन्हें यह मेंटेनेंस करना है, पीएचई सभी का मेंटेनेंस करने के तैयार है लेकिन उसके लिए या तो शासन से कोई नियम हो या फिर संबंधित विभाग उनसे मेंटेनेंस की मांग करे।

बाइट02_प्रदीप खलखो (अधीक्षण अभियंता पीएचई)

बहरहाल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप हैं, और इस लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं, 45 सौ हैंडपंप मेंटेनेंस के अभाव में बंद पड़े है, वही पीएचई विभाग लोगो की तकलीफों को देख कर और जन प्रतिनिधियों के दबाव में व्यवहारिकता में कुछ मेंटेनेंस करना पड़ रहा है, जबकी यह हैण्डपम्प उनके है ही नही।

देश दीपक सरगुजा



Body:सरगुजा : गर्मी का आगाज हो चुका है और आने वाली भीषण गर्मी में पानी की समस्या अभी से सताने लगी है, जनता के प्रति जवाबदेह जनप्रतिनिधियों को खास कर अपने क्षेत्र की चिंता है, लेकिन बोरिंग उत्तखनन कर हैंड पम्प लगाने का ऐसा खेल चला की अब जिले में 45 सौ हैण्डपम्प अनाथ हो चुके हैं। अनाथ इस लिये क्योकी जिन विभागों ने इन हैण्डपम्प को लगाया है उनके पास इसकी सर्विसिंग की व्यवस्था नही है, और शासन द्वारा अधीकृत पीएचई विभाग इनकी सर्विसिंग करने में नियमतः असमर्थ हैं। ऐसे में जिले में पीएचई के 12 हजार हैण्डपम्प की जिम्मेदारी तो पीएचई विभाग लिए हुए है, लेकिन अन्य एजेंसियों से लगे 45 सौ हैण्डपम्प की सर्विसिंग का कोई नियम अब तक नही है। लिहाजा इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने इस मामले में रमन सरकार पर आरोप मढ़ा है, इनका कहना है की पूर्व की सरकार में अधिकारियों के नेताओ की सांठ गांठ से मनमाने ढंग से किसी भी विभाग से बोरिंग कराई गई और उसमें हैण्डपम्प लगाए गए, लेकिन इस बात की व्यवस्था किसी ने नही की की अगर यह हैण्डपम्प खराब होंगे तो इसका रख रखाव कौन करेगा। लिहाजा प्रशासन को या सरकार या तो सिर्फ पीएचई से हैण्डपम्प लगवाए या अन्य एजेंसियों के लगाए हैण्डपम्प के रखरखाव के लिए पीएचई को अधिकृत करते हुए मेंटनेंस चार्ज की व्यवस्था करे।

बाइट01_राकेश गुप्ता (सदस्य जिला पंचायत सरगुजा)

वहीं इस संबधं में पीएचई के अधीक्षण अभियंता प्रदीप खलखो का कहना है की व्यवहारिक तौर पर हम अन्य विभागों के हैंडपंप रिपेयर करा देते हैं, लेकिन ऐसा कोई नियम नही है की उन्हें यह मेंटेनेंस करना है, पीएचई सभी का मेंटेनेंस करने के तैयार है लेकिन उसके लिए या तो शासन से कोई नियम हो या फिर संबंधित विभाग उनसे मेंटेनेंस की मांग करे।

बाइट02_प्रदीप खलखो (अधीक्षण अभियंता पीएचई)

बहरहाल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप हैं, और इस लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं, 45 सौ हैंडपंप मेंटेनेंस के अभाव में बंद पड़े है, वही पीएचई विभाग लोगो की तकलीफों को देख कर और जन प्रतिनिधियों के दबाव में व्यवहारिकता में कुछ मेंटेनेंस करना पड़ रहा है, जबकी यह हैण्डपम्प उनके है ही नही।

देश दीपक सरगुजा



Conclusion:
Last Updated : Mar 27, 2019, 10:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.