दंतेवाड़ा: बीजापुर ब्लास्ट में डीआरजी के 8 जवान शहीद हुए थे. शहीद जवानों की गाड़ी चला रहे तुलेश्वर राणा का भी अंतिम संस्कार किया जा चुका है. अंतिम संस्कार किए जाने के बाद ड्राइवर तुलेश्वर राणा के बॉडी का दूसरा हिस्सा घटनस्थल से 200 मीटर की दूरी पर मिला. ड्राइवर तुलेश्वर राणा की मौत के बाद से उनके गांव में मातम का माहौल है. गांव के लोग बड़ी संख्या में पीड़ित परिवार के लोगों को सांत्वना देने के लिए पहुंच रहे हैं.
200 मीटर दूर मिली आधी बॉडी: एसपी दंतेवाड़ा गौरव राय ने बताया कि 3 जनवरी के दिन डीआरजी की टीम एंटी नक्सल ऑपरेशन के लिए गई थी. सर्चिंग अभियान में चार जिलों की डीआरजी की टीम शामिल थी. टीम में दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर, कोंडागांव के जवान शामिल रहे. चारों जिलों की टीम अबूझमाड़ में संयुक्त ऑपरेशन कर रही थी. 6 जनवरी के दिन टीम सर्चिंग अभियान को खत्म कर लौट रही थी. अंबेली गांव के पास जैसे ही जवानों की गाड़ी पहुंची आईईडी का जोरदार धमाका हो गया. धमाके के बाद ड्राइवर तुलेश्वर के शव का एक हिस्सा ही मिल पाया. शरीर का दूसरा हिस्सा वहां से 200 मीटर की दूरी पर बाद में मिला.
हमारी टीम जैसे ही बीजापुर के कुटरु थाना इलाके के अंबेली गांव के पास पहुंची. जमीन के नीचे छिपाकर लगाए गए बम में विस्फोट हो गया. विस्फोट में डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गए. शहीद जवानों की गाड़ी चला रहे ड्राइवर तुलेश्वर राणा की भी मौत हो गई - गौरव राय, एसपी, दंतेवाड़ा
नक्सलियों ने किया था शक्तिशाली विस्फोट: दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि माओवादियों ने काफी शक्तिशाली आईईडी विस्फोटक का इ्स्तेमाल हमले के लिए किया. विस्फोट इतना पावरफुल था कि गाड़ी के कुछ हिस्से दूर तक टूटकर बिखर गए. गाड़ी का कुछ हिस्सा पास के पेड़ों पर लटका नजर आया. सभी शहीद जवानों का अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम में राजकीय सम्मान के साथ किया गया. शहीद जवानों के गांव में मातम का माहौल है. ब्लास्ट में मारे गए ड्राइवर के शरीर का जो एक हिस्सा मिला था उसी का अंतिम संस्कार परिवार वालों ने किया.
तीन दिन बाद मिला शरीर का दूसरा हिस्सा: घटना के तीन दिन बात ड्राइवर तुलेश्वर राणा के शरीर का दूसरा हिस्सा मौके से 200 मीटर की दूरी पर मिला. फॉरेंसिक जांच के बाद शरीर का दूसरा हिस्सा परिवार को सौंपा जाएगा. तुलेश्वर राणा के पिता ने बताया कि उनके बेटे के शरीर का दूसरा हिस्सा भी मिल गया है. तुलेश्वर के पिता ने बताया कि बॉडी के दूसरे हिस्से का अंतिम संस्कार दंतेवाड़ा जिले में किया जाए इसके लिए परिवार के सदस्य वहां गए हैं. पिता का कहना है कि घर पर फिर से शव लाने से परिवार के लोगों का दुख बढ़ जाएगा.