बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में हाथियों के साथ ही अब भालूओं का आतंक भी बढ़ने लगा है. गौरेला के कोरजा गांव के रिहायशी इलाके में एक जंगली भालू देखा गया है, जिससे गांव में रहने वाले लोगों में दशहत का माहौल है. ग्रामीणों के इसकी सूचना सरपंच और उपसरपंच को दी. वहीं सरपंच और उपसरपंच ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी. सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने गांव और आस-पास के क्षेत्रों में मुनादी कराया.
वन विभाग के मुताबिक घटना मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे के आस-पास की है. वन विभाग ने बताया कि कोरजा गांव के ठाकुर देव तालाब के पास भालू देखा गया था. जो गांव के गलियों में घूम रहा था. इसके बाद भालू दोपहर 12 बजे के करीब कुल्हन टोला रोड पर दिखा. कुछ ही समय बाद फिर से भालू को लगभग 2 बजे के करीब नदिया टोला क्षेत्र में देखा गया, जिससे ग्रामीण डरे हुए हैं.
पढ़ें: कोरिया: 33 घंटों से पेड़ पर फंसा था भालू, वन विभाग ने 3 घंटे की मशक्कत के बाद निकाला
वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा है. साथ ही अकेले जंगल की ओर नहीं जाने और गांव में शाम को देर तक नहीं घूमने की हिदायत दी है. बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है. फिलहाल वन विभाग की टीम गांव से भालू को बाहर भगाने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने सभी ग्रामीणों को चौकन्ना रहने को कहा है. वहीं गांव में भालू कहीं भी दिखाई दे तो इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को देने की अपील की गई है.
पेड़ पर फंसा था भालू
बता दें कि 11 अगस्त को कोरिया जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम सलवा में एक नर भालू तेंदू के पेड़ पर बंधे तार में फंस गया था, जिसे वन विभाग की बैकुंठपुर रेंज की टीम ने 33 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया था. अच्छी बात यह रही कि लगभग 33 घंटे तक पेड़ की दो शाखाओं के बीच तार में फंसे भुख-प्यास से बेहाल भालू को किसी तरह की चोट नहीं आई थी.