बिलासपुर: देशभर में होली त्योहार की तैयारियां पूरी हो चुकी है. दुकानदार अब रंग बेचने के लिए ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव है. जहां पिछले एक साल से कोई भी त्योहार नहीं मनाया गया है. यहां के लोगों का कहना है कि 'अगर यहां कोई त्योहार मना लेते हैं, तो किसी न किसी ग्रामीण की मौत हो जाती है, जिससे पिछले एक साल से कोई भी त्योहार नहीं मनाया गया'.
दरएसल, तखतपुर के चुलघट गांव में पिछले एक साल से सभी त्यौहार के मौके पर किसी न किसी ग्रामीण की मौत हो जाती है. जिससे ग्रामीण किसी भी त्योहार को मनाने से डर रहे हैं. चुलघट गांव के लोगों में त्योहार को लेकर दहशत बरकरार है. अप्रिय घटनाओं को देखते हुए लोगों में डर है.
ग्रामीण नहीं मना रहे होली
ग्रामीणों ने बताया कि हरेली से लेकर दीपावली, दशहरा, होली जैसे त्यौहार में गांव के किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है. अभी रविवार को ही एक व्यक्ति की मौत हो गई, जिससे ग्रामीण पिछले एक साल से कोई त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं'.
कोरोना की दहशत से बाजार भी सूना
वहीं अगर तखतपुर इलाके में रंग के बाजारों की बात करें, तो बाजारों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है, जिससे दुकानदारों में भी मायूसी है. दुकानदारों ने बताया कि कोरोना वायरस के खौफ से बाजार सूना पड़ा है. दुकानदारों ने कहा कि 'होली त्योहार को देखते हुए दुकानों में रंगों की थैली, पिचकारी, आकर्षक बनावटी मास्क, रंग-बिरंगी बालों के डिजाइन लेकर आए थे, लेकिन कोरोना वायरस की दहशत ने दुकानदारों को रोने पर मजबूर कर दिया है.