बीजापुर: जिले के उसूल ब्लॉक में ग्राम पंचायत कुंडापल्ली आश्रित ग्राम कोमट्पल्ली के ग्रामीण पेयजल के लिए परेशान है. इस गांव में 5 हैंडपंप है. पांचों हैंडपंप पिछले 2 साल से खराब पड़े हैं. लेकिन PHE विभाग इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है. गांव के लोग बूंद-बूंद पीने के पानी को तरस रहे हैं.मजबूर ग्रामीण झिरिया का पानी पीने को मजबूर हैं.
नदी-नालों का पानी पीने की मजबूरी
जिले के कई ग्रामीण अंचलों में आज भी नदी नालों का पानी पीने की मजबूर बनी हुई हैं. जिला मुख्यालय से महज 70 किलोमीटर दूर पर उसूल ब्लॉक के कोमट पल्ली में यह समस्या बनी हुई है. गर्मी के दिनों में जहां पीने के पानी की समस्या रहती है तो बारिश के दिनों में नदी -नालों का गंदा पानी पीने से तरह-तरह की बीमारियों घेर लेती है.
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अधिकारी नहीं ले रहे सुध
इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार सरपंच और संबंधित विभाग के अधिकारियों से इस परेशानी का जिक्र किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव के ग्रामीण माधवी लखमा ने फोन पर बताया कि इस गांव की जनसंख्या करीब ढाई सौ से 300 है. जो ताल, पेरू नदी नालों की खुदाई कर पानी पीने को मजबूर हैं. कुछ दिन पहले ही बारिश हुई थी जिसकी वजह से उस नाले का पानी भी गंदा हो गया. ग्रामीणों का कहना था कि बारिश से पहले हैंडपंप बन जाने से उन्हें इस परेशानी से निजात मिलेगी. कलेक्टर रितेश अग्रवाल से फोन पर इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि हैंडपंपों की बनाने वाली टीम को रवाना किया जाएगा ताकि ग्रामीणों की समस्या दूर हो सके.