बेमेतरा: पंचायत सभाकक्ष में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में आत्महत्या और उसके कारण पर चर्चा करते हुए इसकी रोकथाम पर विचार विमर्श किया गया. एक दिवसीय कार्यशाला में आत्महत्या के केस में मीडिया की भूमिका पर चर्चा करते हुए मीडियाकर्मियों से इसकी रोकथाम के लिए जागरुकता फैलाने की बात कही गई.
आत्महत्या रोकने के लिए कार्यशाला
छत्तीसगढ़ में डिप्रेशन से युवाओं में बढ़ती आत्महत्या पर चिंतन कार्यशाला का आयोजन किया गया था. कार्यशाला में कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और जनता से सीधे जुड़ती है. इसलिए आत्महत्या की रोकथाम के लिए इससे संबंधित खबरों को सही तरीके से प्रस्तुत करें, जिससे आत्महत्या के तरीकों का प्रचार न हो. साथ ही स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई. कार्यशाला में दिल्ली से आई एक टीम ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्वास्थ्य रहने के तरीकों के बारे में लोगों को बताया.
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आत्महत्या रोकना मीडिया की जिम्मेदारी
सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीएफएआर) संस्था की विषय-विशेषज्ञ आरती धर ने कहा कि इंसान का कर्तव्य होना चाहिए की वे एक दूसरे की मदद करें. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां आत्महत्या की रोकथाम के लिए मीडिया प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.