सरगुजा: महंगाई का असर अब तक खाद सामग्री और पेट्रोलियम पदार्थों में ही देखा गया था. लेकिन अब स्वास्थ्य सेवा पर भी महंगाई का असर दिखेगा. देश के ज्यादातर मरीजों की सबसे अहम जरूरत के लिये सरकार ने कीमत को दोगुना बढ़ा दिया है. जाहिर है कि इसका सीधा असर गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों पर पड़ने वाला है. क्योंकि आज से अब खून लेना भी महंगा पड़ेगा. भारत सरकार व राज्य शासन के निर्देश के बाद ब्लड ट्रांसफ्यूजन का रेट बढ़ा दिया गया (Blood transfusion will cost double) है.
जीवन के लिए सबसे जरूरी: खून के बिना जीवन संभव नहीं है. सिकलसेल, थेलेसेमिया जैसी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को लगातार खून की जरूरत पड़ती (blood transfusion will cost double Despite donating blood in Sarguja) है. जबकि गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय या फिर दुर्घटना में घायल लोगों को भी खून की जरूरत पड़ती है. खून की जरूरत के लिए लोगों को कई बार जद्दोजहद भी करनी पड़ती है. कई समाजसेवी लोग व संगठन मुहिम चलाकर नि:शुल्क रक्तदान करते हैं. लेकिन नि:शुल्क रक्तदान करने के बाद भी जरूरतमंदों को सरकार को 11 सौ रुपये देने होंगे.
एनबीटीसी ने बढ़ाई दर: एक जुलाई से सरकारी अस्पतालों में मिलने वाले एक यूनिट खून की कीमत दो गुनी हो गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत सरकार की नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन कौंसिल (एनबीटीसी) ने ब्लड ट्रांसयूजन की दरों में वृद्धि के निर्देश दिए है. दरों में वृद्धि का निर्देश मिलने के बाद राज्य सरकार ने भी नई दरों को लागू करने का आदेश मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के साथ ही सभी शासकीय अस्पतालों व निजी संस्थानों को जारी कर दिया है. नई दरें 1 जुलाई से लागू हो जाएंगी.
550 की जगह अब लगेंगे 11 सौ रुपये: ब्लड ट्रांसफ्यूजन की दरों में वृद्धि को लेकर गुरुवार को राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज में हॉस्पिटल ट्रांसफ्यूजन कमेटी की बैठक की गई. बैठक में केंद्र व राज्य सरकार के निर्देशों के परिपालन में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की दरों में वृद्धि की गई है. एक जुलाई से सरकारी संस्थानों में मिलने वाले एक यूनिट ब्लड के लिए अब लोगों को 550 रुपए की जगह 11 सौ रुपए देने होंगे. वहीं, निजी संस्थानों में एक यूनिट ब्लड की कीमत 14 सौ रुपए थी, जिसे बढ़ाकर अब 1550 रुपए कर दिया गया है.
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इन्हें मिलेगी शुल्क में छूट: सरकारी अस्पतालों में सिकलसेल, थेलेसेमिया, पंडो, पहाड़ी कोरवा जैसी विशेष संरक्षित जाति के मरीजों को निःशुल्क ब्लड उपलब्ध कराया जाता है और यह सुविधा आगे भी जारी रहेगी व इनसे ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा. वहीं विशेष परिस्थितियों में भी निःशुल्क ब्लड उपलब्ध कराने का निर्णय प्रबंधन ले सकेगी. लेकिन बाकी लोगों को अस्पताल से ब्लड लेने के लिए अब दोगुना राशि देना होगा.
रोजाना 15 से 20 ट्रांसफ्यूजन: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पूरे संभाग के मरीज आते है. इनमें बलरामपुर, सूरजपुर व सरगुजा के दूरस्थ क्षेत्रों से खून की कमी से जूझ रहे ग्रामीण आते है. जबकि यहां थेलेसेमिया व सिकलिंग के भी लगभग 200 मरीज रजिस्टर्ड हैं. इन्हे अस्पताल से निःशुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता है. जबकि प्रतिदिन यहां 18 से 20 ब्लड ट्रांसफ्यूजन होता है. मेडिकल कॉलेज में जनवरी से जून माह तक 450 यूनिट ब्लड ट्रांसफ्यूजन हुआ है.
आज से नई दर लागू: ब्लड ट्रांसफ्यूजन की दरों में बढ़ोतरी के सवाल पर अम्बिकापुर मेडिकल कालेज के डीन डॉ.आर मूर्ती ने बताया "भारत सरकार व राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार गुरुवार को हॉस्पिटल ट्रांसफ्यूजन कमेटी की बैठक रखी गई थी. बैठक में जारी निर्देशों के तहत दरों को निर्धरित किया गया है. नई दरें 1 जुलाई से लागू होंगी.