रायपुर: छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की चर्चाएं फिर जोर पकड़ने लगी हैं. 17 दिसंबर को प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने दो साल हो जाएंगे. ढाई-ढाई साल के सीएम फॉर्मूले पर सरकार गठन के वक्त बहुत चर्चा हुई थी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सीएम पद के प्रबल दावेदार थे और भूपेश बघेल को हाईकमान ने ये जिम्मेदारी सौंप दी थी. खबरें थीं कि ढाई-ढाई साल के सीएम फॉर्मूले पर बात बनी थी. ETV भारत ने इसे लेकर जब मंत्री टीएस सिंहदेव से बात की तो उन्होंने इस मुद्दे को मीडिया की देन बताया लेकिन संभावनाओं से इनकार नहीं किया. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ नाराजगी की खबरों पर भी वे बातों में उलझाते नजर आए.
सवाल- ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले की सच्चाई क्या है ?
जवाब- मुख्यमंत्री के ढाई-ढाई साल के फार्मूले का मुद्दा मीडिया में आया था. इसे लेकर पार्टी की तरफ से कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री बनाने को लेकर कांग्रेस हाईकमान की बैठक चल रही थी, तो उस दौरान कमरे में चार छह लोग ही मौजूद थे. उनमें से किसी ने भी इस ढाई ढाई साल के फार्मूले पर बयान नहीं दिया. उस बैठक में हुई बातचीत को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है क्योंकि बैठक की एक मर्यादा होती है. दो साल हो गया ढाई साल आने वाला है. ये उत्सुकता और कौतूहल स्वाभाविक है लोगों के बीच में.
सवाल- कोई न कोई बात निकली होगी, सीएम दावेदार को लेकर हुई बैठक में क्या कोई नेता नाराज था ?
जवाब- सीएम के दावेदार की बैठक के दौरान कोई नाराज नहीं हुआ था. चार लोगों को बातचीत के लिए बुलाया गया था. जिनमें संभावनाएं थी उनसे अलग-अलग शीर्ष के नेताओं ने बात की. यह मर्यादा है कि उसको हम नहीं बता सकते लेकिन यह जरूर है कि पार्टी में हाईकमान के ऊपर ही सारे निर्णय होते हैं. बैठक में कमरे के अंदर ताम्रध्वज साहू, भूपेश बघेल, चरणदास महंत, राहुल जी और पुनिया जी रहें होंगे और मैं था. इनमें से किसी ने बयान दिया क्या ? अगर इनमें से किसी का बयान नहीं आया. ये मीडिया ने बनाया है.
सवाल- आपने भी इनकार नहीं किया, आप पहले भी कह चुके हैं कि टीम का कप्तान कभी भी बदल सकता है.
जवाब- स्वाभाविक बात है, अगर किसी व्यवस्था में हम रहते हैं. किस कंपनी की सीईओ स्थायी रहता है. मैंने इस बाबत प्रेस कॉन्फ्रेन्स बुलाकर कभी ये बात नहीं कही. बैठक में मौजदू किसी व्यक्ति ने ये बात नहीं कही. बैठक की मर्यादा होती है. गरिमा बनाए रखना हम लोगों की जिम्मेदारी है. ये फैसला हाईकमान करता है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में बातें खुलकर सामने आईं लेकिन छत्तीसगढ़ में आई क्या ? ऐसी स्थिति छत्तीसगढ़ में नहीं आएगी.
सवाल- भूपेश बघेल से आपनी दूरियों को लेकर काफी बातें सामने आ रही थी, ऐसा कहा जा रहा था कि आपको बैठक में नहीं बुलाया गया था ?
जवाब- राजनीति में नाराजगी भी होती है, तब भी लोग साथ रहते हैं. हमारे बीच ऐसी नाराजगी वाली बात नहीं थी. वहीं कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री निवास में रखी गई आपात बैठक में ना बुलाए जाने के सवाल के जवाब में टी एस सिंहदेव ने कहा कि उस समय भी इस बात को मीडिया ने ही उठाया था मीडिया के सवाल पूछने पर मैं कभी नो कमेंट नहीं कहता हूं पारदर्शिता के साथ जवाब देता हूं. आज स्थिति बदली है. भूपेश बघेल पहले पीसीसी चीफ हुआ करते थे, आज मुख्यमंत्री हैं. अब मोहन मरकाम पीसीसी चीफ हैं, तो जाहिर है अब भूपेश भाई और मोहन मरकाम आगे दिखेंगे.
सवाल- क्या छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के बदलने की संभावना है ?
जवाब- वहीं आगामी 6 महीने में मुख्यमंत्री के बदले जाने को लेकर जब टीएस सिंह देव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सीएम कल भी बदल सकते हैं और हो सकता है कि आने वाले 20 साल भी ना बदले जाएं. पॉलिटिक्स में सब कुछ समय और परिस्थिति के हिसाब से होता है.