नई दिल्लीः टाटा मोटर्स लिमिटेड (Tata Motors Limited) की सहायक कंपनी, टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (Tata Passenger Electric Mobility Limited - TPEML ) और फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Ford India Private Limited) के बीच डील पूरी हो गई. इसी के साथ गुजरात के साणंद स्थित फोर्ड इंडिया प्लांट पर टाटा समूह का मालिकाना हक हो गया. फोर्ड मोटर्स और टाटा मोटर्स के बीच 725.7 करोड़ रुपये में अधिग्रहण के लिए 7 अगस्त 2022 को समझौता हुआ था. इसी के साथ जनवरी 2023 से फोर्ड मोटर्स के सभी कर्मचारी Tata Motors के कर्मचारी हो गये.
Tata Motors की ओर से 10 जनवरी को जारी प्रेस नोट में समझौते की जानकारी दी गई है. वहीं टाटा मोटर्स की ओर से शेयर बाजार को भेजी गई गई जानकारी में कहा गया है कि सभी अनिवार्य शर्तों को पूरा करने और संबंधित सभी नियामकों की ओर से मंजूरी मिलने के दोनों पक्षों ने सौदे को पूरा कर लिया है. TPEML ने FIPL के साणंद संयंत्र का अधिग्रहण कर लिया है. TPEML की शर्तों को स्वीकार करने वाले सभी कर्मचारियों को कंपनी में ट्रांसफर कर दिया गया है.
128 बिलियन अमेरिकी डॉलर का टाटा समूह
Tata Group की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह अधिग्रहण प्रति वर्ष 300,000 इकाइयों की एक अतिरिक्त अत्याधुनिक विनिर्माण क्षमता को पूरा करेगा, जो प्रति वर्ष 420,000 इकाइयों के लिए स्केलेबल है. Tata Motors , 128 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाले टाटा समूह का हिस्सा, टाटा मोटर्स लिमिटेड एक USD 37 बिलियन का संगठन है, जो कारों, उपयोगिता वाहनों, पिक-अप, ट्रकों और का एक प्रमुख ग्लोबल ऑटोमोबाइल निर्माता है . टाटा बसें, एकीकृत, स्मार्ट और ई-गतिशीलता समाधानों की व्यापक रेंज पेश करती है . टाटा मोटर्स वाणिज्यिक वाहनों में भारत का मार्केट लीडर है और यात्री वाहनों के बाजार में टॉप तीन में से एक है.
टाटा मोटर्स पैसेंजर एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बिजनेस के क्षेत्र में कई सालों से लगातार अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़ते हुए विकास कर रहा है. भारत, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया में संचालन के साथ, टाटा मोटर्स के वाहनों का मार्केटिंग अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, रूस सहित अन्य देशों में करता है. 31 मार्च 2022 तक, Tata Motors के संचालन में 86 समेकित सहायक कंपनियां, दो संयुक्त संचालन, चार संयुक्त उद्यम और 10 इक्विटी-लेखा सहयोगी शामिल हैं.
जब टाटा समूह असफल था!
एक दौर था जब टाटा समूह पैसेंजर कार निर्माण में असफल हो रही थी. इसके बाद रतन टाटा (Ratan Tata) ने अमेरीकी कार निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड से बात कर पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने की पेशकश की. उस समय यह डील पूरी नहीं हो पायी. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार फोर्ड के चेयरमैन बिल फोर्ड ( Bill Ford) ने रतन टाटा से कहा था कि 'तुम्हें कुछ नहीं आता है'. अगर मैं यह सौदा करूंगा तो तुमपर मेरा यह 'एहसान' होगा. वक्त बदला और फोर्ड को अपनी कंपनी रतन टाटा को बेचनी पड़ी. रतन टाटा खुद एहसानमंद होने के बजाय 'फोर्ड पर एहसान' कर दिया.
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