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Dantewada Naxal Attack "जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, नक्सलियों से और मजबूती से लड़ेंगे" - Cm Bhupesh Baghel

दंतेवाड़ा में डीआरजी जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने दो टूक कहा है कि ''जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी, नक्सलियों से और मजबूती से लड़ेंगे.'' बघेल ने यह भी कहा कि नक्सली बैकफुट पर हैं और यह उनकी हताशा ही है कि उन्होंने दो साल बाद इस तरह की घटना को अंजाम दिया है.

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Published : Apr 27, 2023, 1:37 PM IST

दंतेवाड़ा नक्सल हमले पर भूपेश बघेल का बयान

दंतेवाड़ा: बुधवार को दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट में दस डीआरजी जवान शहीद हुए. सीएम बघेल ने दंतेवाड़ा पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. सीएम बघेल ने बताया कि दंतेवाड़ा एसपी को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली. दंतेवाड़ा से डीआरजी जवानों की दो टुकड़ी गई थी. नक्सलियों से मुठभेड़ हुई. एक नक्सली घायल हुआ. एक नक्सली को पकड़ लिया गया. घायल नक्सली और गिरफ्तार नक्सली को लेकर जवान वापस आ रहे थे. अरनपुर के पास आईईडी ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में दस डीआरजी जवान शहीद हुए. एक ड्राइवर की भी मौत हुई. मैं सभी के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं.

सीएम बघेल ने यह भी कहा कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. अब और तेजी के साथ नक्सलियों से लड़ाई लड़ी जाएगी. जहां नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही है, हमारे जवान नक्सलियों से लड़ाई लड़ रहे हैं. जो नक्सली समर्पण करना चाह रहे हैं, उनके लिए सरेंडर नीति भी है.

सीएम बघेल ने यह भी कहा कि यदि नक्सली लड़ते हैं तो हमारे जवान पीछे नहीं हटे. पिछली घटना में भी लड़ते हुए हमारे जवान शहीद हुए थे. जितने हमारे जवान शहीद हुए थे, उससे ज्यादा नक्सलियों को नुकसान हुआ था. इस बार भी हमारे जवान नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए हैं. मैं सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं.

यह भी पढ़ें: Exclusive दंतेवाड़ा नक्सल अटैक का वीडियो, 10 जवान हुए थे शहीद

सीएम बघेल के मुताबिक चार सालों में कोर एरिया में 75 कैंप स्थापित हुए हैं. पहले बफर जोन में ही कैंप खुलते थे. अब जगरगुंडा जाने के लिए आपको सुकमा जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. आप अरनपुर, धरमगढ़ और बीजापुर से बांसागुड़ा होते हुए भी जा सकते हैं. सुकमा से दोरनापाल होकर जा सकते हैं. यह एरिया हिड़मा का हेडक्वार्टर कहा जाता है. यह चारों तरफ से घिर चुका है. अब उसके छुपने की जगह इस एरिया में नहीं रही है. छोटी छोटी सड़कें बनाई जा रही है. कैंप खोले जा रहे हैं. स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र खोले जा रहे हैं. लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है. नक्सली लगातार पीछे हटते जा रहे हैं. आईईडी ब्लास्ट घटना लगभग दो साल बाद हुई है. यह नक्सलियों की हताशा है कि उन्होंने दो साल बाद इस तरह की घटना को अंजाम दिया है.

सीएम बघेल ने बताया कि नक्सल नीति के आधार पर मुआवजे की व्यवस्था की है, उसके तहत मुआवजा दिया जाएगा. जवानों की शहादत से कोई इनकार नहीं कर सकते. पहले कैंपों पर हमला होता था. अब हमारे जवान नक्सलियों को सर्च कर उनसे लड़ाई लड़ते हैं. हमारे जवान अब कैंपों में जान नहीं दे रहे हैं. अब वह नक्सलियों से लड़ाई लड़ कर शहीद हो रहे हैं.

सीएम बघेल ने यह भी कहा कि गर्मी में विजिबिलिटी बढ़ जाती है. इसलिए नक्सली गतिविधि बढ़ जाती है. हमारे जवान जंगल में जाकर नक्सलियों को घेर कर और पकड़ कर ला रहे हैं. नक्सलियों से वार्ता पर सीएम भूपेश बघेल ने दो टूक कहा कि पहले हथियार छोड़ें फिर बात करें.

दंतेवाड़ा नक्सल हमले पर भूपेश बघेल का बयान

दंतेवाड़ा: बुधवार को दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट में दस डीआरजी जवान शहीद हुए. सीएम बघेल ने दंतेवाड़ा पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. सीएम बघेल ने बताया कि दंतेवाड़ा एसपी को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली. दंतेवाड़ा से डीआरजी जवानों की दो टुकड़ी गई थी. नक्सलियों से मुठभेड़ हुई. एक नक्सली घायल हुआ. एक नक्सली को पकड़ लिया गया. घायल नक्सली और गिरफ्तार नक्सली को लेकर जवान वापस आ रहे थे. अरनपुर के पास आईईडी ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में दस डीआरजी जवान शहीद हुए. एक ड्राइवर की भी मौत हुई. मैं सभी के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं.

सीएम बघेल ने यह भी कहा कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. अब और तेजी के साथ नक्सलियों से लड़ाई लड़ी जाएगी. जहां नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही है, हमारे जवान नक्सलियों से लड़ाई लड़ रहे हैं. जो नक्सली समर्पण करना चाह रहे हैं, उनके लिए सरेंडर नीति भी है.

सीएम बघेल ने यह भी कहा कि यदि नक्सली लड़ते हैं तो हमारे जवान पीछे नहीं हटे. पिछली घटना में भी लड़ते हुए हमारे जवान शहीद हुए थे. जितने हमारे जवान शहीद हुए थे, उससे ज्यादा नक्सलियों को नुकसान हुआ था. इस बार भी हमारे जवान नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए हैं. मैं सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं.

यह भी पढ़ें: Exclusive दंतेवाड़ा नक्सल अटैक का वीडियो, 10 जवान हुए थे शहीद

सीएम बघेल के मुताबिक चार सालों में कोर एरिया में 75 कैंप स्थापित हुए हैं. पहले बफर जोन में ही कैंप खुलते थे. अब जगरगुंडा जाने के लिए आपको सुकमा जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. आप अरनपुर, धरमगढ़ और बीजापुर से बांसागुड़ा होते हुए भी जा सकते हैं. सुकमा से दोरनापाल होकर जा सकते हैं. यह एरिया हिड़मा का हेडक्वार्टर कहा जाता है. यह चारों तरफ से घिर चुका है. अब उसके छुपने की जगह इस एरिया में नहीं रही है. छोटी छोटी सड़कें बनाई जा रही है. कैंप खोले जा रहे हैं. स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र खोले जा रहे हैं. लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है. नक्सली लगातार पीछे हटते जा रहे हैं. आईईडी ब्लास्ट घटना लगभग दो साल बाद हुई है. यह नक्सलियों की हताशा है कि उन्होंने दो साल बाद इस तरह की घटना को अंजाम दिया है.

सीएम बघेल ने बताया कि नक्सल नीति के आधार पर मुआवजे की व्यवस्था की है, उसके तहत मुआवजा दिया जाएगा. जवानों की शहादत से कोई इनकार नहीं कर सकते. पहले कैंपों पर हमला होता था. अब हमारे जवान नक्सलियों को सर्च कर उनसे लड़ाई लड़ते हैं. हमारे जवान अब कैंपों में जान नहीं दे रहे हैं. अब वह नक्सलियों से लड़ाई लड़ कर शहीद हो रहे हैं.

सीएम बघेल ने यह भी कहा कि गर्मी में विजिबिलिटी बढ़ जाती है. इसलिए नक्सली गतिविधि बढ़ जाती है. हमारे जवान जंगल में जाकर नक्सलियों को घेर कर और पकड़ कर ला रहे हैं. नक्सलियों से वार्ता पर सीएम भूपेश बघेल ने दो टूक कहा कि पहले हथियार छोड़ें फिर बात करें.

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