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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दिया नाबालिग रेप पीड़िता के अबॉर्शन के बाद भ्रूण सुरक्षित रखने का आदेश - रेप पीड़िता को राहत

बिलासपुर हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता को राहत देते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है.जिसमें नाबालिग रेप पीड़ित को कोर्ट ने अबॉर्शन कराने की अनुमति दी है. वहीं नाबालिग के भ्रूण को सुरक्षित रखने का भी आदेश कोर्ट ने जारी किया है.

Chhattisgarh High Court orders
भ्रूण सुरक्षित रखने का आदेश
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Published : Jun 2, 2023, 12:52 PM IST

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को राहत देने के लिए उसके परिवार को अबॉर्शन कराने की इजाजत दे दी है. अबॉर्शन के बाद भ्रूण को सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं ताकि आने वाले समय में आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने में भ्रूण से मिले डीएनए रिपोर्ट को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके.

क्या है मामला : ये पूरा मामला नए जिले खैरागढ़, छुईखदान, गंडई जिले का है. आरोपी नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर ले गया और उसके साथ रेप किया. इस मामले में किशोरी को एमपी के बालाघाट निवासी युवक ने अपनी हवस का शिकार बनाया था. इस दौरान किशोरी का फोन नंबर हासिल करके युवक ने उसे शादी का झांसा दिया. इसके बाद युवक दिसंबर महीने में लड़की के गांव पहुंचा और उसे अपने साथ भगाकर ले गया. लड़की के घर से गायब होने से परेशान उसके परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. जांच के दौरान पुलिस को आरोपी युवक की जानकारी मिली.जिसके बाद किशोरी को बरामद करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

पिता ने लगाई गर्भपात कराने की याचिका : किशोरी के घर आ जाने के बाद पता चला कि वो गर्भवती है. जिसके बाद परिजन काफी परेशान रहने लगे.वहीं आने वाले समय में उसके भविष्य की चिंता परिजनों को सताने लगी. इसके बाद किशोरी के पिता ने हाईकोर्ट में किशोरी के गर्भपात कराने की याचिका लगाई. किशोरी दसवीं कक्षा की छात्रा है.इसलिए उसके भविष्य को देखते हुए पिता ने कोर्ट से मदद मांगी. जिसके बाद टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम की धारा 3 और नियम 9 के तहत हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए बेटी के भविष्य को देखते हुए पिता ने अबॉर्शन कराने की अनुमति मांगी. कोर्ट ने मेडिकल जांच के बाद गर्भपात कराने की अनुमति दे दी.

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भ्रूण का डीएनए रखा जाएगा सुरक्षित : गर्भपात कराने के मामले में हाई कोर्ट समर वेकेशनल कोर्ट ने मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के कोर्ट में हुई. याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अबॉर्शन कराने की अनुमति मांगी. कोर्ट ने गर्भवती नाबालिग छात्रा का 2 जून को अबॉर्शन कराने का आदेश राजनांदगांव के सीएमएचओ को दिया है. कोर्ट ने अबॉर्शन के बाद भ्रूण को डीएनए टेस्ट कराने के लिए सुरक्षित रखने का आदेश भी दिया है, ताकि मामले में रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को सजा मिलने में रिपोर्ट सहायक बन सके.

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को राहत देने के लिए उसके परिवार को अबॉर्शन कराने की इजाजत दे दी है. अबॉर्शन के बाद भ्रूण को सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं ताकि आने वाले समय में आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने में भ्रूण से मिले डीएनए रिपोर्ट को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके.

क्या है मामला : ये पूरा मामला नए जिले खैरागढ़, छुईखदान, गंडई जिले का है. आरोपी नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर ले गया और उसके साथ रेप किया. इस मामले में किशोरी को एमपी के बालाघाट निवासी युवक ने अपनी हवस का शिकार बनाया था. इस दौरान किशोरी का फोन नंबर हासिल करके युवक ने उसे शादी का झांसा दिया. इसके बाद युवक दिसंबर महीने में लड़की के गांव पहुंचा और उसे अपने साथ भगाकर ले गया. लड़की के घर से गायब होने से परेशान उसके परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. जांच के दौरान पुलिस को आरोपी युवक की जानकारी मिली.जिसके बाद किशोरी को बरामद करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

पिता ने लगाई गर्भपात कराने की याचिका : किशोरी के घर आ जाने के बाद पता चला कि वो गर्भवती है. जिसके बाद परिजन काफी परेशान रहने लगे.वहीं आने वाले समय में उसके भविष्य की चिंता परिजनों को सताने लगी. इसके बाद किशोरी के पिता ने हाईकोर्ट में किशोरी के गर्भपात कराने की याचिका लगाई. किशोरी दसवीं कक्षा की छात्रा है.इसलिए उसके भविष्य को देखते हुए पिता ने कोर्ट से मदद मांगी. जिसके बाद टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम की धारा 3 और नियम 9 के तहत हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए बेटी के भविष्य को देखते हुए पिता ने अबॉर्शन कराने की अनुमति मांगी. कोर्ट ने मेडिकल जांच के बाद गर्भपात कराने की अनुमति दे दी.

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