हर साल चुनावी मुद्दा बनती है रोसड़ा को जिला बनाने की मांग, पूरा करने में दिग्गज भी हुए फेल - Rosda Assembly Constituency
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बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके साथ ही सभी दलों के प्रत्याशी जनता को लुभाने के लिए तरह तरह के चुनावी वादे करते नजर आ रहे हैं. जिले के रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र में दशकों से रोसड़ा को अलग जिला बनाने का चुनावी मुद्दा हावी रहा है, लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हो पाया. रोसड़ा को समस्तीपुर से अलग करके जिला बनाने की मांग करीब बीते 20-25 सालों से हर चुनाव में गुंजता रहा है. एक बार फिर चुनावी शोर के बीच सियासी दलों ने इस मुद्दे को हवा देना शुरू किया है. दरअसल 4 लाख 86 हजार 959 आबादी वाले इस विधानसभा को बिहार की सियासत से जुड़े सभी दिग्गजों ने चुनावी वादा जरूर किया, लेकिन चुनाव खत्म होते ही वादा भी भुला दिया जाता है. 1994 में लालू शासनकाल के दौरान इसे जिला बनाने की सरकारी अधिसूचना तक जारी हुई थी, लेकिन फिर मामला अधर में लटक गया. 2011 में वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने सेवा यात्रा के दौरान इसे लेकर भरोसा दिया था. वहीं 2015 के चुनाव में बिहार बीजेपी के बड़े नेता व वर्तमान डिप्टी सीएम ने भी अपने चुनावी वादों में लोगो की मांग को जल्द पूरा करने का वादा किया था.