जानिए, क्यों आज भी महिलाएं गीत गा कर देती हैं प्रभु श्री राम को गालियां
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त्रेता काल से ही श्री राम जन्मभूमि अयोध्या और मां जगत जननी जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी यानी मिथिला का अटूट संबंध कायम है. संपूर्ण मिथिला क्षेत्र भगवान श्रीराम का ससुराल कहा जाता है. इसलिए मिथिलावासी भगवान श्री राम को अपना जीजा यानी पाहुन मानते हैं. जिससे शादी विवाह के आयोजनों पर भगवान श्री राम के ऊपर गालियों वाला गायन प्रस्तुत किया जाता है. यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है जो द्वापर युग के बाद कलयुग में भी जारी है. कथाओं के अनुसार त्रेता काल में मिथिला के राजा जनक ने माता सीता के स्वंयवर का आयोजन किया था. शर्त यह रखी गई थी कि जो भी भगवान शिव का घनुष उठा लेगा उसी को माता सीता वरेंगी. जिसमें भगवान श्री राम ने पहुंचकर शिव जी का धनुष तोड़ दिया और माता सीता के साथ विवाह सूत्र में बंध गए. तब से मिथिलांचल और अयोध्या का अटूट रिश्ता कायम है. हर साल विवाह पंचमी के अवसर पर अयोध्या से चलकर बारात सीतामढ़ी और जनकपुर पहुंचती है. उस बारात में शामिल अयोध्या वासियों को मिथिला की महिलाएं गालियां देती हैं जो राजा रामचंद्र जी के शादी के दौरान बारातियों को दिए गए थे. इसके अलावा अन्य धार्मिक आयोजनों पर भी भगवान श्री राम और जगत जननी मां जानकी के नाम से गायन प्रस्तुत किया जाता है जो बेहद ही मनमोहक होते हैं.