Bihar Politics: UCC पर बोलने से पहले 21वें लॉ कमीशन का अध्ययन करें प्रधानमंत्री: प्रोफेसर मनोज झा - यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान मनोज झा की प्रतिक्रिया
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पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को यूसीसी, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर दिए गए बयान के बाद बिहार में राजनीति गरमा गई है. राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को सुनकर कई बार यह लगता है कि वह डॉग व्हिसल का रीजन ढूंढते रहते हैं. प्रोफेसर मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री को बोलने से पहले 21वी लॉ कमीशन के रिपोर्ट का अध्ययन करना चाहिए कि उनका क्या कहना है? संविधान सभा की बैठकों में क्या चर्चा हुई थी? उस पर गहन चिंतन करना होगा और वह भी बिना किसी की मदद के क्योंकि प्रधानमंत्री के जो मददगार हैं, वह उनका नुकसान करवा देते हैं. मनोज झा ने ये भी कहा कि मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री को बताया जाए यह डॉग व्हिसल नहीं है. यह हिंदू मुसलमान हो जाएगा. इसमें जो हमारे आदिवासी समूह हैं उनके रीति रिवाज उनकी परंपराओं को किस प्रकार देखा जाता है? हिंदू मैरिज, इस्लामिक मैरिज कॉन्ट्रैक्ट इनका क्या होगा? हिंदू धर्म के अंदर भी जो विविधता और बहुलता है, उसे किस प्रकार एक दृश्य सब खत्म कर देंगे? हमारी यह आपसे अपेक्षा है कि इस तरह की मसलों को डॉग व्हिसल को पॉलिटिक्स का उपकरण न बनाया जाए. इस पर चर्चा होनी चाहिए और वह चर्चा माइक्रो से लेकर माइक्रो लेवल तक होनी चाहिए. नहीं तो यह प्रतीत होगा कि प्रधानमंत्री हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान वहां वसुधैव कुटुंबकम बोलते हैं और यहां आकर भूल जाते हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के ऊपर दिए गए बयान के बाद प्रोफ़ेसर मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री जहां से गारंटी दे रहे थे वह 50% करप्शन वाली जगह है. अभी करप्शन के मसले पर ही वह कर्नाटक में चुनाव हारे हैं. प्रधानमंत्री की जुबान से यह शोभा नहीं देता. उनकी भाषाओं से गरिमा में पतन हो रहा है और यह नागरिकों के लिए चिंता का विषय है. प्रधानमंत्री ने जिन जिन लोगों के नाम लिए, उनमें कौन कहां है और किसे रिलीफ मिला, इसमें जुडिशल आर्किटेक्चर का भी अपमान हुआ है. प्रोफेसर मनोज झा का यह भी कहना था कि पटना की मीटिंग के बाद का खौफ प्रधानमंत्री के चेहरे पर दिखाई दे रहा है. हम समझ सकते हैं लेकिन राजनीतिक खौफ को राजनीतिक तौर पर ही लड़ना होगा. ईडी और सीबीआई को इशारा नहीं करना होगा, जब आप इस प्रकार की जुबान बोलते हैं तो प्रधानमंत्री कमजोर दिखते हैं.