Gaya News: गया के कलामी में मस्जिद की कमी नहीं आती आस्था के आड़े, लोग घर में पढ़ते हैं नमाज - गया न्यूज
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गया: बिहार के गया में एक गांव ऐसा है, जहां घर में मुस्लिम समुदाय के लोग तरावीह पढ़ते हैं. यह परंपरा आजादी के बाद से चली आ रही है. यह गांव बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित है. इस गांव में मस्जिद नहीं है, लेकिन जिस तरह से लोग एक घर में नमाज पढ़ते हैं, उसे देखकर प्रतीत होता है कि आस्था किसी चीज की मोहताज नहीं होती है. जिले के कोठी थाना क्षेत्र स्थि कलामी गांव में घर में ही नमाज पढ़ी जाती है. इस गांव में मस्जिद नहीं है. फिर भी लोगों को इसका तनिक भी दुख नहीं है. वह अपनी परंपरा को निभा कर पूरी तरह से खुश हैं. उन्हें खुशी है कि आजादी के बाद से इस तरह से एक घर में ही पूरे पावन रमजान के महीने में तरावीह पढ़ते हैं. इस संबंध में मौलाना मोहम्मद एनायत नबी अशरफी बताते हैं कि मुझे तरावीह पढ़ाते खुशी है. खुशी इस बात की है कि एक घर में तरावीह पढ़ा रहा हूं. यहां और भी मुसलमानों के घर हैं, लेकिन यहां जो परंपरा चली आ रही है, उसके अनुसार घर में ही तरावीह पढ़ाई जाती है. मोहम्मद एनायत बताते हैं कि शहर में मारामारी और गांव में शांति है. गांव में प्राकृतिक माहौल खुली फिजा में अल्लाह की इबादत होने की खुशी है. यहां घर में मुस्लिम समुदाय के लोग तरावीह पढ़ते हैं. ऐसा होता है, जैसे इंसान अल्लाह की याद में डूब गया हो.