कोरोना काल में बनी थी साहस की निशानी, पिता को गुरुग्राम से ले आई थी दरभंगा - yearender 2020
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कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के चलते अप्रैल और मई माह में लाखों प्रवासी अपने घर लौटने को मजबूर हो गए थे. भूखों मरने से बचने के लिए कोई पैदल घर लौट रहा था तो कोई साइकिल, रिक्शा, ठेला या किसी अन्य वाहन से. खौफ और बेचारगी की दास्तानों के बीच दरभंगा की ज्योति कुमारी साहस की निशानी बनकर सामने आई थी.