बगहाः इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर से होकर गुजरने वाली गण्डक नदी का जलस्तर काफी कम हो गया है. जो निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए राहत की बात है. नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से तटीय इलाकों सहित जल संसाधन विभाग ने भी राहत की सांस ली है.
गण्डक बैराज में पानी का स्तर कम
वाल्मीकिनगर स्थित गण्डक बैराज में पानी का स्तर कम होना निश्चित तौर पर राहत की सांस लेने वाली खबर है. 14 जुलाई को नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश होने के बाद गण्डक नदी का जलस्तर अचानक से 3 लाख 39 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया था. जिसके बाद निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे. खासकर पीपी तटबंध, पिपरासी और गोपालगंज में भारी तबाही देखने को मिली.
जलस्तर कम होना से मिली राहत
गण्डक बैराज में जलस्तर का गिरना जलसंसाधन विभाग और निचले इलाकों के लिए राहत भरी बात है. दरअसल गण्डक नदी तब उफान पर होती है जब नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश होती है. फिलहाल गण्डक नदी का जलस्तर साधारण 1 लाख 51 हजार है. जिस वजह से कटाव या बाढ़ का खतरा टलता दिख रहा है.
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विभाग कर रहा है लगातार निगरानी
इधर जलसंसाधन विभाग और प्रशासन द्वारा गण्डक नदी के तटीय इलाकों में सतत निगरानी की जा रही है. बता दें कि 190 होमगार्ड जवानों सहित अभियंताओं की टीम संयुक्त रूप से गण्डक नदी की निगरानी कर रहे हैं. कटाव की स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षात्मक कार्यों की तैयारी पहले से ही कर ली गई है. जिला में एनडीआरएफ की टीम भी तैनात है.