ETV Bharat / state

बगहा: 27 घंटे पहले गंडक में पलटी थी नाव, दो लोग अब भी लापता - दीनदयाल नगर घाट

बगहा में गुरुवार को नाव हादसा हुआ था. इसमें दो लोग लापता हो गए थे. इनकी तलाश की जा रही है. रेस्क्यू अभियान जारी है, इधर परिजनों का रो-रोकर बुरा है. पढ़ें पूरी खबर...

a
a
author img

By

Published : Aug 27, 2021, 3:20 PM IST

पश्चिम चंपारण (बगहा) : गुरुवार की सुबह गंडक नदी (Gandak River) में दीनदयाल नगर घाट पर हुए नाव हादसे में लापता दो लोगों का शव अब तक बरामद नहीं हो सका है. लिहाजा परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बता दें कि 21 सवारियों से भरी नाव गुरुवार की सुबह गंडक नदी में डूब (Boat Capsizes In River) गई थी. जिसमें से 19 लोगों को सही सलामत बाहर निकाल लिया गया लेकिन दो लोग लापता हो गए थे.

ये भी पढ़ें- बिहार के बगहा में बड़ा हादसा, गंडक नदी में डूबी 20 यात्रियों से भरी नाव, कई लोग लापता


लापता लोगों में एक ही परिवार के दोनों सदस्य शामिल हैं, जिसमें एक 7 वर्ष का बच्चा भी है. बता दें कि घटना के तुरंत बाद अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई थी. यहां तक कि डीएम कुंदन कुमार भी मौके पर पहुंचे और लापता लोगों की खोजबीन में तेजी लाने का निर्देश दिया. साथ ही जांच पड़ताल कर कार्रवाई की बात भी कही. गुरुवार दोपहर से ही एनडीआरएफ की टीम गंडक नदी में लापता लोगों की खोजबीन कर रही है लेकिन घटना के 27 घंटे बीत जाने के बावजूद भी सफलता हाथ नहीं लगी है.

परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग है कि शव की तलाश की जाए और यदि शव बरामद नहीं होता है तो भी मुआवजा की राशि दी जाए. क्योंकि पीड़ित परिवार में डूबे हुए विद्या यादव की चार-चार बच्चियों के सहारा उनके सर से छीन गया है. इधर पुलिस ने छानबीन के बाद नाव मालिक और संचालक समेत नाविक पर अवैध नाव परिचालन को ले प्राथमिकी दर्ज की है. बता दें कि हादसों के बावजूद नदी में दर्जनों गैर निबंधित नावों का परिचालन होता है.

ये भी पढ़ें- बाढ़ प्रभावित इलाकों में ओवरलोड नाव का परिचालन, हो सकता है बड़ा हादसा

यहां यह बताना भी जरूरी है कि इस सीजन में गंडक नदी में यह दूसरा नाव हादसा है. इसके पूर्व नारायनापुर घाट पर दो माह पहले हादसा हुआ था. दरअसल शहर के अधिकांश लोगों की खेती गंडक पार दियारा में है. नतीजतन किसान और मजदूर नाव से नदी पार कर प्रतिदिन दियारा जाते हैं. यहां तक कि कुछ लोग अपने मवेशियों के लिए चारा लाने भी दियारा जाते हैं.

यही नही दियारा की तरफ से ग्वाला भी प्रतिदिन सुबह सुबह दूध लाते हैं और शहर के होटलों में सप्लाई करते हैं. जिससे उनके परिवार का खर्च चलता है. लिहाजा किसानों और मजदूरों समेत ग्वालों के लिए नाव की सवारी करना उनकी मजबूरी है. इसी मजबूरीवश वे नाव की सवारी कर अपनी जान भी जोखिम में डालते हैं.

पश्चिम चंपारण (बगहा) : गुरुवार की सुबह गंडक नदी (Gandak River) में दीनदयाल नगर घाट पर हुए नाव हादसे में लापता दो लोगों का शव अब तक बरामद नहीं हो सका है. लिहाजा परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बता दें कि 21 सवारियों से भरी नाव गुरुवार की सुबह गंडक नदी में डूब (Boat Capsizes In River) गई थी. जिसमें से 19 लोगों को सही सलामत बाहर निकाल लिया गया लेकिन दो लोग लापता हो गए थे.

ये भी पढ़ें- बिहार के बगहा में बड़ा हादसा, गंडक नदी में डूबी 20 यात्रियों से भरी नाव, कई लोग लापता


लापता लोगों में एक ही परिवार के दोनों सदस्य शामिल हैं, जिसमें एक 7 वर्ष का बच्चा भी है. बता दें कि घटना के तुरंत बाद अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई थी. यहां तक कि डीएम कुंदन कुमार भी मौके पर पहुंचे और लापता लोगों की खोजबीन में तेजी लाने का निर्देश दिया. साथ ही जांच पड़ताल कर कार्रवाई की बात भी कही. गुरुवार दोपहर से ही एनडीआरएफ की टीम गंडक नदी में लापता लोगों की खोजबीन कर रही है लेकिन घटना के 27 घंटे बीत जाने के बावजूद भी सफलता हाथ नहीं लगी है.

परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग है कि शव की तलाश की जाए और यदि शव बरामद नहीं होता है तो भी मुआवजा की राशि दी जाए. क्योंकि पीड़ित परिवार में डूबे हुए विद्या यादव की चार-चार बच्चियों के सहारा उनके सर से छीन गया है. इधर पुलिस ने छानबीन के बाद नाव मालिक और संचालक समेत नाविक पर अवैध नाव परिचालन को ले प्राथमिकी दर्ज की है. बता दें कि हादसों के बावजूद नदी में दर्जनों गैर निबंधित नावों का परिचालन होता है.

ये भी पढ़ें- बाढ़ प्रभावित इलाकों में ओवरलोड नाव का परिचालन, हो सकता है बड़ा हादसा

यहां यह बताना भी जरूरी है कि इस सीजन में गंडक नदी में यह दूसरा नाव हादसा है. इसके पूर्व नारायनापुर घाट पर दो माह पहले हादसा हुआ था. दरअसल शहर के अधिकांश लोगों की खेती गंडक पार दियारा में है. नतीजतन किसान और मजदूर नाव से नदी पार कर प्रतिदिन दियारा जाते हैं. यहां तक कि कुछ लोग अपने मवेशियों के लिए चारा लाने भी दियारा जाते हैं.

यही नही दियारा की तरफ से ग्वाला भी प्रतिदिन सुबह सुबह दूध लाते हैं और शहर के होटलों में सप्लाई करते हैं. जिससे उनके परिवार का खर्च चलता है. लिहाजा किसानों और मजदूरों समेत ग्वालों के लिए नाव की सवारी करना उनकी मजबूरी है. इसी मजबूरीवश वे नाव की सवारी कर अपनी जान भी जोखिम में डालते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.