बेतिया(वाल्मीकिनगर): भारत-नेपाल सीमा व नारायणी के तट पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र की सुंदरता पर्यटकों की पहली पसंद है. मार्च में लॉकडाउन से पूर्व भारी संख्या में पर्यटक वाल्मीकिनगर घूमने आ रहे थे और यहां की प्राकृतिक सुंदरता को आत्मसात करने का प्रयास कर रहे थे.
लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण संपूर्ण लॉकडाउन होने कारण वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन ने भी वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और संक्रमण के खतरे को देखते हुए पर्यटकों के आगमन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था.
विटीआर में छाई वीरानी, लाखों का हुआ नुकसान
दरअसल, लॉकडाउन के कारण वन क्षेत्र में प्रवेश, जंगल सफारी के अलावा भ्रमण पर पूरी तरह प्रतिबंध होने के कारण बिहार के मिनी कश्मीर के नाम से विख्यात इस वन क्षेत्र में वीरानगी छा गई थी. इससें विटीआर प्रशासन को पर्यटन के माध्यम से होने वाले लाखों के राजस्व से हाथ धोना पड़ा है.
लेकिन वन प्रशासन की मानें तो अगर कोई विशेष दिशा निर्देश सरकार के द्वारा जारी नहीं किए गए, तो 15 अक्टूबर से पर्यटन सीजन की शुरुआत फिर की जा सकती है. इससें वाल्मीकिनगर क्षेत्र में पर्यटक यहां की सुंदरता का दीदार के अलावा जंगल भ्रमण और वन्यजीवों को नजदीक से देखने की लालसा को पूरा कर पाएंगे.
मिनी कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है टाइगर रिजर्व
ज्ञात हो कि गर्मी के मौसम में पर्यटकों से गुलजार रहने वाले वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में इन दिनों पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है. उत्तर बिहार का गौरव पश्चिमी चंपारण के अंतर्गत प्रदेश का एकमात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटकों के नहीं आने से वीरान हो गया है.
प्रदेश के एकमात्र टाइगर रिजर्व को बिहार के मिनी कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है. मार्च से जून महीने तक बीटीआर में पर्यटकों का सीजन कहा जाता है. पर्यटक वाल्मीकि नगर की सुंदरता को नजदीक से देखने की लालसा लेकर वाल्मीकिनगर पहुंचते हैं. ऐसा अनुमान है कि प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक वाल्मीकि नगर पहुंचते हैं.
पर्यटक के नहीं आने से रोजगार पर संकट
कोरोना काल में पर्यटकों के आगमन पर रोक लगने के बाद छोटे व्यवसायियों के रोजगार पर संकट आ गया है. जहां वाल्मीकिनगर क्षेत्र में आवासीय होटल, खाने-पीने के होटल हमेशा पर्यटकों से भरे रहते थे, जो आज वे वीरान नजर आ रहे हैं.
एप्रोच पथ पर्यटक सीजन में होगा आकर्षण का मुख्य केंद्र
वाल्मीकिनगर नारायणी तट पर काली घाट से वन क्षेत्र के अंदर प्राचीन काल से स्थापित आस्था के महा केंद्र महाकालेश्वर मंदिर तक एप्रोच पथ का निर्माण राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर एनएनटी कंपनी के द्वारा पूरा कर लिया गया है.
नारायणी तट से बिल्कुल सटे बनकर तैयार एप्रोच पथ पर्यटक सीजन में पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा, क्योंकि एप्रोच पथ से सटे कल कल कर बहती नारायणी का पवित्र पावन जल उन्हें खासा सुकून देगा.
15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खुल सकता है VTR
वहीं अतिथि भवन के सामने सजधज कर तैयार इको पार्क अपनी खूबसूरती से बरसात के मौसम के बाद पर्यटकों को अपनी तरफ सुकून के चंद लम्हे अपने आंगन में बिताने के लिए मजबूर करेगा. इस बाबत पूछे जाने पर वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि 15 अक्टूबर से पर्यटक सीजन की शुरुआत होती है. सरकार के गाइडलाइंस प्राप्त होते ही पर्यटक सीजन की शुरुआत कर दी जाएगी. अगर सरकार द्वारा विशेष परिस्थिति में आदेश प्राप्त नहीं होता है, तो पर्यटक सीजन के शुरुआत पर कुछ समय के लिए विराम लग सकता है.