बेतिया: इन दिनों देश में सीएए और एनआरसी को लेकर राष्ट्रवाद बनाम देशद्रोह का मुद्दा छाया हुआ है. शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगभग प्रतिदिन आंदोलन हो रहा है. लेकिन महापुरुषों की प्रतिमाओं पर जमी हुई धूल की परतें जिले के नेताओं की बेपरवाही और झूठी कसमों का कड़वा सच बयां कर रही है.
'टूट चुकी है चंद्रशेखर आजाद के पिस्तौल की नली'
शहर में स्थापित आजादी के नायकों की प्रतिमाओं के हाल के बारे में बात करते हुए समाजसेवी विनोद कुमार बताते हैं कि समाहरणालय गेट के पास जहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा धूल से सराबोर हो चुकी है. वहीं, नेपाली पथ पर लगे गीतों के राजकुमार गोपाल सिंह नेपाली की प्रतिमा का रंग सफेद से लाल हो गई है. अंग्रेजी हुकूमत के नाक में दम करने वाले चंद्रशेखर आजाद की पिस्तौल की नली टूट चुकी है और उनकी प्रतिमा पर धूल की मोटी परत जमी हुई है. उन्होंने बताया कि शहीद स्मारक में लगे जिले के सात शहीदों की प्रतिमा हो या फिर तीन लालटेन चौक पर लगे भगत सिंह की प्रतिमा सभी को जयंती और 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे दिनों का इंतजार रहता है.
'केवल जयंती के दिनों याद किए जाते हैं महापुरुष'
इस बात को लेकर स्थानीय निवासी रामेश्वर राम बताते हैं कि देश में महापुरुषों को केवल उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर याद किया जाता है. जयंती के दिन उनकी प्रतिमाओं की साफ-सफाई कर फूलों की माला पहनाई जाती है. उन्होंने बताया कि शहर के समाहरणालय गेट के पास संविधान की याद दिलाते बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा धूल से सराबोर हो चुकी है. लेकिन ताथाकथित देशप्रेमियों को इन महापुरूषों की प्रतिमाओं से कोई लेना-देना नहीं हैं. समाजसेवी विनोद कुमार बताते हैं कि प्रशासनिक उपेक्षा और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण स्थानीय लोगों में धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ रहा है.
जल्द शुरू होगी साफ-सफाई- कार्यपालक अधिकारी
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददात ने नप के कार्यपालक अधिकारी विजय कुमार उपाध्याय से बात की तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. जल्द ही शहर के सभी प्रतिमाओं की साफ-सफाई शुरू की जाएगी.