पश्चिम चंपारण: बिहार के पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिला अंतर्गत इंडो-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) स्थित चकदहवा गांव में रात करीब 11 बजे अचानक बाढ़ (Flood in West Champaran) का पानी घुस गया. उस समय सभी नींद में थे. अचानक आई बाढ़ से ग्रामीण घबरा गये. उसी समय एसएसबी (SSB) के जवान मसीहा बनकर आये. एसएसबी की 21वीं बटालियन बी कॉय कम्पनी के एसएसबी जवानों ने न सिर्फ गांव के बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को जगाकर ऊंचे स्थान पर पहुंचाया बल्कि उनके लिए भोजन का भी प्रबंध किया.
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वैसे तो सशस्त्र सीमा बल को सीमा की सुरक्षा के लिए मुख्य तौर पर जाना जाता है लेकिन इंडो-नेपाल सीमा पर स्थापित 21 वीं बटालियन के एसएसबी जवान अपने सिविक एक्शन प्रोग्राम को भी बखूबी अमलीजामा पहनाते हैं. नतीजतन इन इलाकों के ग्रामीण उन्हें देवदूत से कमतर नहीं समझते हैं.
दरअसल, विगत गुरुवार को जब गण्डक नदी में 4 लाख 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया तो सीमाई क्षेत्र चकदहवा और झंडू टोला में बाढ़ आ गई. यहाँ तक कि झंडू टोला स्थित एसएसबी बी कॉय कम्पनी का कैम्प भी पूरी तरह जलमग्न हो गया. इसके बावजूद एसएसबी जवानों ने मानवता की मिसाल पेश की.
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एसएसबी जवानों ने न सिर्फ ग्रामीणों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया बल्कि शुक्रवार की सुबह उनके लिए भोजन की भी व्यवस्था की. यही वजह है कि ग्रामीण जवानों की काफी तारीफ कर रहे हैं. ग्रामीण सरकार से बाढ़ से बचाव के लिए स्थायी निदान की मांग कर रहे हैं. बता दें कि जिले में लगातार बारिश हो रही है. कई गांव अभी भी डूबे हुए हैं.
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