ETV Bharat / state

नींद में थे लोग और गांव में घुस गया बाढ़ का पानी, तभी देवदूत बनकर आये SSB जवान

बगहा के एक गांव में करीब आधी रात को बाढ़ का पानी आने से अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. इसी बीच गांव में एसएसबी के जवानों की एंट्री होती है. उसके बाद उन्होंने जो किया, उसे सभी सलाम कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

West Champaran Flood
West Champaran Flood
author img

By

Published : Aug 29, 2021, 5:08 PM IST

Updated : Aug 29, 2021, 7:22 PM IST

पश्चिम चंपारण: बिहार के पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिला अंतर्गत इंडो-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) स्थित चकदहवा गांव में रात करीब 11 बजे अचानक बाढ़ (Flood in West Champaran) का पानी घुस गया. उस समय सभी नींद में थे. अचानक आई बाढ़ से ग्रामीण घबरा गये. उसी समय एसएसबी (SSB) के जवान मसीहा बनकर आये. एसएसबी की 21वीं बटालियन बी कॉय कम्पनी के एसएसबी जवानों ने न सिर्फ गांव के बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को जगाकर ऊंचे स्थान पर पहुंचाया बल्कि उनके लिए भोजन का भी प्रबंध किया.

ये भी पढ़ें: बगहा: वार्ड 27 में कई हफ्तों से जलमाव, लोगों के साथ-साथ स्कूली छात्राओं को भी हो रही परेशानी

वैसे तो सशस्त्र सीमा बल को सीमा की सुरक्षा के लिए मुख्य तौर पर जाना जाता है लेकिन इंडो-नेपाल सीमा पर स्थापित 21 वीं बटालियन के एसएसबी जवान अपने सिविक एक्शन प्रोग्राम को भी बखूबी अमलीजामा पहनाते हैं. नतीजतन इन इलाकों के ग्रामीण उन्हें देवदूत से कमतर नहीं समझते हैं.

दरअसल, विगत गुरुवार को जब गण्डक नदी में 4 लाख 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया तो सीमाई क्षेत्र चकदहवा और झंडू टोला में बाढ़ आ गई. यहाँ तक कि झंडू टोला स्थित एसएसबी बी कॉय कम्पनी का कैम्प भी पूरी तरह जलमग्न हो गया. इसके बावजूद एसएसबी जवानों ने मानवता की मिसाल पेश की.

ये भी पढ़ें: VIDEO: बालिग होने के लिए 6 साल इंतजार, फिर भागकर कर ली शादी, बोली- प्यार मोहब्बत जिंदाबाद

एसएसबी जवानों ने न सिर्फ ग्रामीणों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया बल्कि शुक्रवार की सुबह उनके लिए भोजन की भी व्यवस्था की. यही वजह है कि ग्रामीण जवानों की काफी तारीफ कर रहे हैं. ग्रामीण सरकार से बाढ़ से बचाव के लिए स्थायी निदान की मांग कर रहे हैं. बता दें कि जिले में लगातार बारिश हो रही है. कई गांव अभी भी डूबे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: सुरक्षा और बंधुत्व के साथ SSB कर रही सीमा की पहरेदारी: डीआईजी

पश्चिम चंपारण: बिहार के पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिला अंतर्गत इंडो-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) स्थित चकदहवा गांव में रात करीब 11 बजे अचानक बाढ़ (Flood in West Champaran) का पानी घुस गया. उस समय सभी नींद में थे. अचानक आई बाढ़ से ग्रामीण घबरा गये. उसी समय एसएसबी (SSB) के जवान मसीहा बनकर आये. एसएसबी की 21वीं बटालियन बी कॉय कम्पनी के एसएसबी जवानों ने न सिर्फ गांव के बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को जगाकर ऊंचे स्थान पर पहुंचाया बल्कि उनके लिए भोजन का भी प्रबंध किया.

ये भी पढ़ें: बगहा: वार्ड 27 में कई हफ्तों से जलमाव, लोगों के साथ-साथ स्कूली छात्राओं को भी हो रही परेशानी

वैसे तो सशस्त्र सीमा बल को सीमा की सुरक्षा के लिए मुख्य तौर पर जाना जाता है लेकिन इंडो-नेपाल सीमा पर स्थापित 21 वीं बटालियन के एसएसबी जवान अपने सिविक एक्शन प्रोग्राम को भी बखूबी अमलीजामा पहनाते हैं. नतीजतन इन इलाकों के ग्रामीण उन्हें देवदूत से कमतर नहीं समझते हैं.

दरअसल, विगत गुरुवार को जब गण्डक नदी में 4 लाख 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया तो सीमाई क्षेत्र चकदहवा और झंडू टोला में बाढ़ आ गई. यहाँ तक कि झंडू टोला स्थित एसएसबी बी कॉय कम्पनी का कैम्प भी पूरी तरह जलमग्न हो गया. इसके बावजूद एसएसबी जवानों ने मानवता की मिसाल पेश की.

ये भी पढ़ें: VIDEO: बालिग होने के लिए 6 साल इंतजार, फिर भागकर कर ली शादी, बोली- प्यार मोहब्बत जिंदाबाद

एसएसबी जवानों ने न सिर्फ ग्रामीणों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया बल्कि शुक्रवार की सुबह उनके लिए भोजन की भी व्यवस्था की. यही वजह है कि ग्रामीण जवानों की काफी तारीफ कर रहे हैं. ग्रामीण सरकार से बाढ़ से बचाव के लिए स्थायी निदान की मांग कर रहे हैं. बता दें कि जिले में लगातार बारिश हो रही है. कई गांव अभी भी डूबे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: सुरक्षा और बंधुत्व के साथ SSB कर रही सीमा की पहरेदारी: डीआईजी

Last Updated : Aug 29, 2021, 7:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.