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गंडक नदी में छोड़े गए पानी से एसएसबी कैंप सहित निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति

प्रशासन ने निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थान पर आश्रय लेने की सूचना दे दी थी. गंडक नदी में ज्यादा पानी छोड़े जाने के बाद बगहा, गोपलगंज और बेतिया के कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

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Published : Sep 24, 2020, 7:50 PM IST

पश्चिम चंपारण( बगहा): मौसम के एक बारगी करवट लेने की वजह से कई निचले इलाकों में फिर से बाढ़ आ गई है. इंडो-नेपाल सीमा स्थित झंडू टोला के एसएसबी कैम्प सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. एसएसबी ने लोगों को रेस्क्यू कर ऊंचे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की तरफ से देर रात 3 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिससे बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं.

तीन दिनों से हो रही है बारिश
तीन दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश की वजह से निचले इलाकों में हालात बिगड़ने लगे हैं. इंडो-नेपाल सीमा के वाल्मीकिनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की तरफ से पानी छोड़े जाने के बाद सीमाई इलाके के झंडू टोला स्थित एसएसबी कैम्प सहित बीन टोली, चकदहवा व झंडू टोला में बाढ़ आ गई है.

गंडक नदी में छोड़े गए पानी से बाढ़ की स्थिति

एसएसबी कैम्प में घुसा पानी
एसएसबी 22 वीं बटालियन के झंडू टोला स्थित बी कैम्प में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे जवानों को काफी दिक्कतें हो रही है. हालांकि, एसएसबी ने खुद परेशान होने के बावजूद आसपास के गांवों के लोगों को नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. झंडू टोला के लोगों को एसएसबी ने अपने कैम्प के सामने बांध पर शरण दिलाया है.

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पानी में डूबे घर

बढ़ गई लोगों की मुश्किलें
मानसून में चौथी बार एसएसबी कैम्प सहित आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है. बता दें कि मौसम विभाग की भारी बारिश और वज्रपात की सूचना के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर था. प्रशासन ने निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थान पर आश्रय लेने की सूचना दे दी थी. गंडक नदी में ज्यादा पानी छोड़े जाने के बाद बगहा, गोपलगंज और बेतिया के कई निचले इलाके के लोगों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं.

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गंडक बराज का फाटक

पश्चिम चंपारण( बगहा): मौसम के एक बारगी करवट लेने की वजह से कई निचले इलाकों में फिर से बाढ़ आ गई है. इंडो-नेपाल सीमा स्थित झंडू टोला के एसएसबी कैम्प सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. एसएसबी ने लोगों को रेस्क्यू कर ऊंचे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की तरफ से देर रात 3 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिससे बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं.

तीन दिनों से हो रही है बारिश
तीन दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश की वजह से निचले इलाकों में हालात बिगड़ने लगे हैं. इंडो-नेपाल सीमा के वाल्मीकिनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की तरफ से पानी छोड़े जाने के बाद सीमाई इलाके के झंडू टोला स्थित एसएसबी कैम्प सहित बीन टोली, चकदहवा व झंडू टोला में बाढ़ आ गई है.

गंडक नदी में छोड़े गए पानी से बाढ़ की स्थिति

एसएसबी कैम्प में घुसा पानी
एसएसबी 22 वीं बटालियन के झंडू टोला स्थित बी कैम्प में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे जवानों को काफी दिक्कतें हो रही है. हालांकि, एसएसबी ने खुद परेशान होने के बावजूद आसपास के गांवों के लोगों को नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. झंडू टोला के लोगों को एसएसबी ने अपने कैम्प के सामने बांध पर शरण दिलाया है.

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पानी में डूबे घर

बढ़ गई लोगों की मुश्किलें
मानसून में चौथी बार एसएसबी कैम्प सहित आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है. बता दें कि मौसम विभाग की भारी बारिश और वज्रपात की सूचना के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर था. प्रशासन ने निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थान पर आश्रय लेने की सूचना दे दी थी. गंडक नदी में ज्यादा पानी छोड़े जाने के बाद बगहा, गोपलगंज और बेतिया के कई निचले इलाके के लोगों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं.

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गंडक बराज का फाटक
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