ETV Bharat / state

बगहा: फिसड्डी साबित हो रही सरकार की NLSM योजना, भेड़ पालकों को नहीं मिल रही सरकारी मदद

केंद्र सरकार की ओर से बकरी और भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल लाइव स्टॉक मिशन की शुरुवात की गई है. जिसके तहत देश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों और जरूरतमंद व्यक्तियों को 90 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है.

author img

By

Published : Feb 27, 2020, 8:32 PM IST

बगहा
बगहा

बगहाः सरकारी मदद के अभाव में पिरपरासी प्रखंड के भेड़ पालकों के सामने रोजगार का संकट आ गया है. हालत यह है कि भेड़ पालकों को अब जानवरों के चारा के लिए भटकना पड़ रहा है. भेड़ पालकों का कहना है कि पहले जानवर के बाल और घी बिकते थे, जो अब बंद हो गया है. ऐसे में इनके सामने आर्थिक चुनौती सामने आ गई है.

नहीं मिल रही है सरकारी मदद
जिले के सुगौली गांव में एक ही परिवार के दर्जनों सदस्य दशकों से भेड़ पालन कर अपना जीवीकोपार्जन करते आ रहे हैं, लेकिन इन्हें अभी तक किसी भी प्रकार का कोई सरकारी मदद नही मिली है. जिले के पिपरासी प्रखंड सुगौली गांव निवसी ललन यादव ने बताया कि वह 11 साल की उम्र से ही भेड़ पालन का काम कर रहे है. उन्होंने बताया कि एक साल में वह इन सभी भेड़ों से 12 क्विंटल बाल निकालते है, जिन्हें खरीददार नहीं मिलने पर फेंक दिया जाता है.

bagaha
चारा के तलाश में भेड़ों के साथ निकला भेड़ पालक

उन्होंने बताया कि पहले भेड़ों के दूध से घी बनता था, जिसे चर्मरोग जैसे असाध्य रोगों का इलाज किया जाता था. उस समय ईनके घी अच्छे दामों पर बिक जाता था. लेकिन अब भेडो़ं के लिए चारा ही नहीं जुट पाता है. जिस कारण भेड़े दूध नहीं देती है. वहीं, उन्होंने कहा कि ब्लाक में जानवरों के लिए दवाएं तो आती है, लेकिन हम लोगों को नहीं मिल पाती है. बाजार से दवा खरीदकर इन्हें दिया जाता है. ऐसे में अब हमलोगों के सामने आर्थीक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

नहीं मिल रही है सब्सिडी
केंद्र सरकार की ओर से बकरी और भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल लाइव स्टॉक मिशन की शुरुवात की गई है. जिसके तहत देश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों और जरूरतमंद व्यक्तियों को 90 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है. ऐसे में जिले में नेशनल लाइव स्टॉक मिशन योजना दम तोड़ती नजर आई.

बगहाः सरकारी मदद के अभाव में पिरपरासी प्रखंड के भेड़ पालकों के सामने रोजगार का संकट आ गया है. हालत यह है कि भेड़ पालकों को अब जानवरों के चारा के लिए भटकना पड़ रहा है. भेड़ पालकों का कहना है कि पहले जानवर के बाल और घी बिकते थे, जो अब बंद हो गया है. ऐसे में इनके सामने आर्थिक चुनौती सामने आ गई है.

नहीं मिल रही है सरकारी मदद
जिले के सुगौली गांव में एक ही परिवार के दर्जनों सदस्य दशकों से भेड़ पालन कर अपना जीवीकोपार्जन करते आ रहे हैं, लेकिन इन्हें अभी तक किसी भी प्रकार का कोई सरकारी मदद नही मिली है. जिले के पिपरासी प्रखंड सुगौली गांव निवसी ललन यादव ने बताया कि वह 11 साल की उम्र से ही भेड़ पालन का काम कर रहे है. उन्होंने बताया कि एक साल में वह इन सभी भेड़ों से 12 क्विंटल बाल निकालते है, जिन्हें खरीददार नहीं मिलने पर फेंक दिया जाता है.

bagaha
चारा के तलाश में भेड़ों के साथ निकला भेड़ पालक

उन्होंने बताया कि पहले भेड़ों के दूध से घी बनता था, जिसे चर्मरोग जैसे असाध्य रोगों का इलाज किया जाता था. उस समय ईनके घी अच्छे दामों पर बिक जाता था. लेकिन अब भेडो़ं के लिए चारा ही नहीं जुट पाता है. जिस कारण भेड़े दूध नहीं देती है. वहीं, उन्होंने कहा कि ब्लाक में जानवरों के लिए दवाएं तो आती है, लेकिन हम लोगों को नहीं मिल पाती है. बाजार से दवा खरीदकर इन्हें दिया जाता है. ऐसे में अब हमलोगों के सामने आर्थीक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

नहीं मिल रही है सब्सिडी
केंद्र सरकार की ओर से बकरी और भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल लाइव स्टॉक मिशन की शुरुवात की गई है. जिसके तहत देश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों और जरूरतमंद व्यक्तियों को 90 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है. ऐसे में जिले में नेशनल लाइव स्टॉक मिशन योजना दम तोड़ती नजर आई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.