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नाम बड़े दर्शन छोटे! प्रशांत किशोर की पदयात्रा में नहीं दिखी भीड़, खाली रहा मैदान

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर पश्चिम चंपारण से पदयात्रा शुरू की. पदयात्रा की शुरुआत मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद की. इस अभियान के तहत प्रशांत किशोर 3500 किलोमीटर की पदयात्रा निकालेंगे. पदयात्रा की शुरुआत फींकी रही. भितिहरवा गांधी आश्रम में काफी कम संख्या में लोग जुटे थे. देखने वाली बात होगी कि प्रशांत किशोर की पदयात्रा बिहार में कितनी सफल होती है.

प्रशांत किशोर की पदयात्रा
प्रशांत किशोर की पदयात्रा
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Published : Oct 2, 2022, 7:07 PM IST

Updated : Oct 2, 2022, 8:35 PM IST

बेतिया: पश्चिमी चंपारण जिले के भितिहरवा गांधी आश्रम से दो अक्टूबर काे प्रशांत किशोर ने जन सुराज यात्रा शुरू की. प्रशांत किशोर ने गांधी आश्रम से अपनी पदयात्रा शुरू की. प्रशांत किशोर की पदयात्रा में लोगों का हुजूम नहीं दिखा. जो कुछ लोग दिखे उनमें ज्यादातर कार्यकर्ता दिखे, जो उनके साथ आये हुए थे. पश्चिमी चंपारण जिले के स्थानीय लाेग नहीं पहुंचे थे. कुछ लोग पहुंचे भी थे तो वे गांधी जयंती के अवसर पर भितिहरवा आश्रम घुमने आए थे. मैदान पूरी तरह से खाली रहा.


इसे भी पढ़ेंः जन सुराज यात्रा को लेकर बिहार की राजनीतिक गरमाई, 2 अक्तूबर से शुरू होगी PK की पद यात्रा



भितिहरवा गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरूः प्रशांत किशोर के इस पद यात्रा का उद्देश्य है कि वह पूरे बिहार में पैदल यात्रा करेंगे. लगभग 3500 किलोमीटर पदयात्रा करेंगे और वह प्रत्येक जिले के प्रखंड के पंचायत स्तर तक पहुंचेंगे. पंचायत के हर लोगों से मिलेंगे. प्रशांत किशोर हर एक आदमी से मिलेंगे और जन सुराज के बारे में बताएंगे. ताकि आगे की रणनीति को तैयार कर सके. प्रशांत किशोर का यह पद यात्रा पूरी तरह से राजनितिक दिखा. लेकिन प्रशांत किशोर में जिस उद्देश से भितिहरवा गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू की वह पूरी तरह से फेल रहा.



3500 किलोमीटर की है पदयात्रा: सम्पूर्ण बिहार के लिए प्रशांत किशोर की पदयात्रा 3500 किलोमीटर की है. पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर बिहार के हर पंचायत और प्रखंड में पहुंचने का प्रयास करेंगे. अनुमान है कि इस पदयात्रा को पूरा करने में लगभग 12 से 15 महीने का समय लगेगा. इस बीच वो पटना या दिल्ली नहीं लौटेंगे. इसकी शुरुआत चंपारण से हुई है. प्रशांत किशोर का नारा है अपने लिए और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य और नए बिहार के निर्माण के लिए पदयात्रा में शामिल हों. प्रशांत किशोर ने जन सुराज की शुरुआत विश्व की पहली गणतंत्र वैशाली से की थी. वैशाली में ही उन्होंने अपनी पहली कमेटी भी बनाई थी.

इस पदयात्रा के 3 मूल उद्देश्य हैं :

  1. समाज की मदद से जमीनी स्तर पर सही लोगों को चिन्हित करना और उनको एक लोकतांत्रिक मंच पर लाने का प्रयास करना
  2. स्थानीय समस्याओं और संभावनाओं को बेहतर तरीके से समझना और उसके आधार पर नगरों एवं पंचायतों की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध कर, उनके विकास का ब्लूप्रिंट बनाना
  3. बिहार के समग्र विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक विकास, कृषि, उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञों और लोगों के सुझावों के आधार पर अगले 15 साल का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना

इसे भी पढ़ेंः जन सुराज यात्रा पर प्रशांत किशोर, वैशाली में हुआ जोरदार स्वागत

बेतिया: पश्चिमी चंपारण जिले के भितिहरवा गांधी आश्रम से दो अक्टूबर काे प्रशांत किशोर ने जन सुराज यात्रा शुरू की. प्रशांत किशोर ने गांधी आश्रम से अपनी पदयात्रा शुरू की. प्रशांत किशोर की पदयात्रा में लोगों का हुजूम नहीं दिखा. जो कुछ लोग दिखे उनमें ज्यादातर कार्यकर्ता दिखे, जो उनके साथ आये हुए थे. पश्चिमी चंपारण जिले के स्थानीय लाेग नहीं पहुंचे थे. कुछ लोग पहुंचे भी थे तो वे गांधी जयंती के अवसर पर भितिहरवा आश्रम घुमने आए थे. मैदान पूरी तरह से खाली रहा.


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भितिहरवा गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरूः प्रशांत किशोर के इस पद यात्रा का उद्देश्य है कि वह पूरे बिहार में पैदल यात्रा करेंगे. लगभग 3500 किलोमीटर पदयात्रा करेंगे और वह प्रत्येक जिले के प्रखंड के पंचायत स्तर तक पहुंचेंगे. पंचायत के हर लोगों से मिलेंगे. प्रशांत किशोर हर एक आदमी से मिलेंगे और जन सुराज के बारे में बताएंगे. ताकि आगे की रणनीति को तैयार कर सके. प्रशांत किशोर का यह पद यात्रा पूरी तरह से राजनितिक दिखा. लेकिन प्रशांत किशोर में जिस उद्देश से भितिहरवा गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू की वह पूरी तरह से फेल रहा.



3500 किलोमीटर की है पदयात्रा: सम्पूर्ण बिहार के लिए प्रशांत किशोर की पदयात्रा 3500 किलोमीटर की है. पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर बिहार के हर पंचायत और प्रखंड में पहुंचने का प्रयास करेंगे. अनुमान है कि इस पदयात्रा को पूरा करने में लगभग 12 से 15 महीने का समय लगेगा. इस बीच वो पटना या दिल्ली नहीं लौटेंगे. इसकी शुरुआत चंपारण से हुई है. प्रशांत किशोर का नारा है अपने लिए और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य और नए बिहार के निर्माण के लिए पदयात्रा में शामिल हों. प्रशांत किशोर ने जन सुराज की शुरुआत विश्व की पहली गणतंत्र वैशाली से की थी. वैशाली में ही उन्होंने अपनी पहली कमेटी भी बनाई थी.

इस पदयात्रा के 3 मूल उद्देश्य हैं :

  1. समाज की मदद से जमीनी स्तर पर सही लोगों को चिन्हित करना और उनको एक लोकतांत्रिक मंच पर लाने का प्रयास करना
  2. स्थानीय समस्याओं और संभावनाओं को बेहतर तरीके से समझना और उसके आधार पर नगरों एवं पंचायतों की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध कर, उनके विकास का ब्लूप्रिंट बनाना
  3. बिहार के समग्र विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक विकास, कृषि, उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञों और लोगों के सुझावों के आधार पर अगले 15 साल का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना

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Last Updated : Oct 2, 2022, 8:35 PM IST
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