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बेतिया: नारकीय जीवन जीने को मजबूर शिवनगर निवासी, लोगों की समस्या से बेखरब जिम्मेदार

शिवनगर मोहल्लेवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. बारिश के पानी के साथ शहर के बड़े नाले और हौज का पानी मोहल्ले में फैला है. जिसकी वजह से महामारी फैलने का डर है. लेकिन जिम्मेदार इनकी समस्या से बेखबर हैं.

नारकीय जीवन जीने को मजबूर मोहल्लेवाशी
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Published : Jul 28, 2019, 2:38 PM IST

बेतिया: जिले के बानुछापर के शिवनगर मोहल्ले के रहने वाले नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. यहां लगभग ढाई सौ परिवार बारिश के पानी से घिरा हुआ है. बारिश के पानी के साथ-साथ शहर के बड़े नाले और हौजों का पानी मोहल्ले में फैला है.

महामारी फैलने का डर
कॉलोनी में 2 से 3 फीट ऊपर पानी जमा है. लोग बदबू से परेशान हैं. गंदे पानी से कॉलोनी में महामारी फैलने की आशंका है. बच्चों की पढ़ाई छूट गई है. बीमार लोग अस्पताल नहीं जा सकते हैं. इतनी समस्या के बावजूद भी यहां के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन समस्या से अनजान हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. अगस्त में परीक्षा होने वाली है. पढ़ाई जरूरी है. इसलिए किताबों को थैले में रख पढ़ाई करने दूसरी जगह जाना पड़ रहा है.

नारकीय जीवन जीने को मजबूर लोग

पानी निकासी का नहीं है इंतजाम
पिछले 10 जुलाई से मोहल्ले में गंदे नाले और बारिश के पानी के बीच लोग रहने को मजबूर हैं. सांपों का डर सता रहा है. लोगों का आरोप है कि मुखिया से लेकर विधायक तक और जिला प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं. इसके बावजूद भी पानी निकासी के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. वोट के समय ही नेता हमें याद करते हैं. जब हमें उनकी जरूरत होती है तो वो गायब रहते हैं.

बेतिया: जिले के बानुछापर के शिवनगर मोहल्ले के रहने वाले नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. यहां लगभग ढाई सौ परिवार बारिश के पानी से घिरा हुआ है. बारिश के पानी के साथ-साथ शहर के बड़े नाले और हौजों का पानी मोहल्ले में फैला है.

महामारी फैलने का डर
कॉलोनी में 2 से 3 फीट ऊपर पानी जमा है. लोग बदबू से परेशान हैं. गंदे पानी से कॉलोनी में महामारी फैलने की आशंका है. बच्चों की पढ़ाई छूट गई है. बीमार लोग अस्पताल नहीं जा सकते हैं. इतनी समस्या के बावजूद भी यहां के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन समस्या से अनजान हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. अगस्त में परीक्षा होने वाली है. पढ़ाई जरूरी है. इसलिए किताबों को थैले में रख पढ़ाई करने दूसरी जगह जाना पड़ रहा है.

नारकीय जीवन जीने को मजबूर लोग

पानी निकासी का नहीं है इंतजाम
पिछले 10 जुलाई से मोहल्ले में गंदे नाले और बारिश के पानी के बीच लोग रहने को मजबूर हैं. सांपों का डर सता रहा है. लोगों का आरोप है कि मुखिया से लेकर विधायक तक और जिला प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं. इसके बावजूद भी पानी निकासी के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. वोट के समय ही नेता हमें याद करते हैं. जब हमें उनकी जरूरत होती है तो वो गायब रहते हैं.

Intro:बेतिया : बानुछापर पंचायत के शिवनगर निवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर। बच्चियां नहीं जा रहीं स्कूल। गंदे पानी से कॉलोनी में महामारी फैलने की आशंका।


Body:बेतिया के बानुछापर के शिवनगर मोहल्ले के लगभग ढाई सौ परिवार बारिश की पानी से घिरा हुआ है। बारिश के पानी के साथ साथ शहर के बड़े नालों का पानी, हौजा का पानी इस मोहल्ले में फैल गया है। और पानी काला हो गया है। कॉलोनी में 2 से 3 फीट ऊपर पानी लगा हुआ है। मोहल्ले के लोग बदबू से परेशान है। गंदे पानी से कॉलोनी में महामारी फैलने की आशंका है । बच्चों की पढ़ाई छूट गई है। बीमार लोग अस्पताल नहीं जा सकते हैं। इतनी समस्या होने के बावजूद भी यहां के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन शिवनगर मोहल्ले वासियों के समस्याओं पर उदासीन बना हुआ है ।

बाइट- स्थानीय निवासी

अब सुनिए सरकार ये बच्चियां क्या कह रही है। यह पढ़ने वाली बच्चियां है, जो स्कूल नहीं जा पा रही है।शूज नहीं पहन पा रही है। किताबों को थैले में रख दूसरे जगह जा रही हैं । सांपों का डर सता रहा है। अगस्त महीने में इनकी परीक्षा है। जब नहीं पड़ेगी बच्चियां तो कैसे परीक्षा देंगी। जिला प्रशासन इनको भी नहीं देख रहा। तो अब देख लीजिए साहब इन बच्चियों को, जब बच्चियां पढ़ेंगी, तभी तो आगे बढ़ेंगी।

बाइट- छात्रा


Conclusion:पिछले 10 जुलाई से मोहल्ले में गंदे नाले और बारिश के पानी में मोहल्ले के लोग जीने को मजबूर हैं। मोहल्ले वासियों का आरोप है कि मुखिया से लेकर विधायक तक और जिला प्रशासन तक हम लोग गुहार लगा चुके हैं। इसके बावजूद भी पानी निकासी के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। सरकार हमें वोट देने वाला मशीन समझ रखी है। क्या इसी दिन के लिए हम सरकार चुनते हैं।

जितेन्द्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत बेतिया

पीटीसी
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