बेतिया: लौरिया- रामनगर मुख्य सड़क पर (Ramnagar Main Road) 4 से 5 फीट पानी बह रहा है. लौरिया मुख्य सड़क (Lauria Main Road) पूरी तरह से बंद कर (Road Closed) दिया गया है. ऐसे में भी यहां के लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने को मजबूर है. लोग ट्रैक्टर पर बाइक और लोगों को लाद कर सड़क पार करा रहे हैं. सड़क पर लगे पानी के बीचों-बीच लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं.
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आपदा बना अवसर, आफत में जान
रोड पार कराने के एवज में लोग एक आदमी से 150 रुपये ले रहे हैं. आपदा में अवसर को इन लोगों ने ढूंढ़ लिया है लेकिन ऐसे में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. क्योंकि सड़क पर पानी का बहाव बहुत तेज है. लोगों की माने तो लौरिया से रामनगर जाने का कोई रास्ता ही नहीं है. यह सड़क लौरिया से रामनगर को जोड़ती है. यह मात्र एक सड़क है जिससे आप रामनगर तक पहुंच सकते हैं.
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रोड पार कराने के लिए 150 रुपये
यह सड़क ऐसे में पूरी तरह से बंद है. यहां मौजूद लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इनका कहना है कि जरूरी काम है तो जाना ही पड़ेगा. चाहे उसके लिए जो भी कीमत चुकानी पड़े. आपदा में असर को देखते हुए एक व्यक्ति से डेढ़ सौ रुपया बाइक और सवारी का लिया जा रहा है. लगभग 5 किलोमीटर दूरी सड़क पर बीचों-बीच पानी बह रहा है. ऐसे में ट्रैक्टर चालक जान जोखिम में डालकर लोगों को पार करा रहे हैं. लौरिया पुलिस कार्रवाई भी कर ली है. क्योंकि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
कई जगहों पर बाढ़ जैसे हलात
बता दें कि लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. जिले में चारों तरफ पानी ही पानी है. दूर-दूर तक बाढ़ का मंजर देखने को मिल रहा है. सड़कों पर 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. ऐसे में लोग डरे और सहमे हुए हैं, फिर भी जानबूझकर मौत के मुंह में समा रहे हैं. रोड पार करते समय अगर पानी के तेज बहाव में बह गए तो, कोई भी बड़ी अनहोनी हो सकती है. वैसे भी राज्य में समय से पहले मानसून की दस्तक से कई जगहों पर भारी बारिश से बाढ़ जैसे हलात हैं.
कई छोटी-मोटी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हलात हैं. उधर नेपाल और गंडक बैराज से पानी छोड़े जाने से भी सूबे के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ आने की प्रबल संभावना है. ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. खासकर सड़क पर जब 4 से 5 फीट पानी बह रहा हो, तो ऐसे में जान जोखिम में डालकर रोड पार करना खतरनाक है.