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इस अस्पताल में मरीजों के लिए स्ट्रेचर तक नहीं है उपलब्ध, गोद में उठाकर ले जाते हैं परिजन - stretchers not available in hospital of Bettiah

बूढ़े मरीज हों या महिलाएं, यहां किसी के लिए भी स्ट्रेचर नहीं है, इतने बड़े अस्पताल में ऐसी तस्वीरें सत्ता और व्यवस्था पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है.

मरीज.
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Published : Oct 10, 2019, 1:05 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 5:10 PM IST

बेतिया: जिले के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज की तस्वीर सत्ता और व्यवस्था को शर्मसार कर रही है. बेतिया गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज में मरीजों के लिए स्ट्रेचर तक नहीं है. परिजन अपने मरीजों को गोद में लेकर अस्पताल में भटकते रहते हैं.

अस्पताल में हर तरफ कुव्यवस्था का आलम
दरअसल, ईटीवी भारत की टीम जब गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया पहुंची तो वहां का नजारा कुछ और ही था. ज्यादातर परिजन अपने मरीज को गोद में उठाकर एक जगह से दूसरी जगह ले जा रहे थे. ब्रेन हेमरेज के मरीज को भी गोद में उठाकर अस्पताल के बेड तक पहुंचाया जा रहा था. एक महिला के पैर की हड्डी टूटी थी, जिसे उसके परिजन गोद में उठाकर अस्पताल के बाहर गाड़ी पर बिठाने ले जा रहे थे.

मरीज को गोद में लेकर जाते परिजन और बयान देते अधिकारी

बूढ़े मरीजों को भी नहीं मिलता स्ट्रेचर
बूढ़े मरीज हों या महिलाएं, यहां किसी के लिए भी स्ट्रेचर नहीं है, इतने बड़े अस्पताल में ऐसी तस्वीरें सत्ता और व्यवस्था पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है. परिजनों का कहना है कि स्ट्रेचर अस्पताल प्रशासन के जरिए नहीं दिया जा रहा है. जो है, वो बहुत ही गंदा है, इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

bettiah
मरीज को उठाकर ले जाते परिजन

'अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी नहीं'
इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ डीके सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर उपलब्ध है. लेकिन जब पूछा गया कि परिजन मरीज को हाथ में उठाकर ले जा रहे हैं तो उन्होंने चुप्पी साध ली. वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे ने बताया कि जब मरीज बाहर से आते हैं तो परिजन उन्हें हाथ पर लेकर आ जाते हैं, स्ट्रेचर नहीं लेते हैं. लेकिन जब सवाल किया गया कि अस्पताल के अंदर भी यही तस्वीर है तो उन्होंने गोल मोल जबाब दे दिया.

बेतिया: जिले के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज की तस्वीर सत्ता और व्यवस्था को शर्मसार कर रही है. बेतिया गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज में मरीजों के लिए स्ट्रेचर तक नहीं है. परिजन अपने मरीजों को गोद में लेकर अस्पताल में भटकते रहते हैं.

अस्पताल में हर तरफ कुव्यवस्था का आलम
दरअसल, ईटीवी भारत की टीम जब गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया पहुंची तो वहां का नजारा कुछ और ही था. ज्यादातर परिजन अपने मरीज को गोद में उठाकर एक जगह से दूसरी जगह ले जा रहे थे. ब्रेन हेमरेज के मरीज को भी गोद में उठाकर अस्पताल के बेड तक पहुंचाया जा रहा था. एक महिला के पैर की हड्डी टूटी थी, जिसे उसके परिजन गोद में उठाकर अस्पताल के बाहर गाड़ी पर बिठाने ले जा रहे थे.

मरीज को गोद में लेकर जाते परिजन और बयान देते अधिकारी

बूढ़े मरीजों को भी नहीं मिलता स्ट्रेचर
बूढ़े मरीज हों या महिलाएं, यहां किसी के लिए भी स्ट्रेचर नहीं है, इतने बड़े अस्पताल में ऐसी तस्वीरें सत्ता और व्यवस्था पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है. परिजनों का कहना है कि स्ट्रेचर अस्पताल प्रशासन के जरिए नहीं दिया जा रहा है. जो है, वो बहुत ही गंदा है, इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

bettiah
मरीज को उठाकर ले जाते परिजन

'अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी नहीं'
इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ डीके सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर उपलब्ध है. लेकिन जब पूछा गया कि परिजन मरीज को हाथ में उठाकर ले जा रहे हैं तो उन्होंने चुप्पी साध ली. वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे ने बताया कि जब मरीज बाहर से आते हैं तो परिजन उन्हें हाथ पर लेकर आ जाते हैं, स्ट्रेचर नहीं लेते हैं. लेकिन जब सवाल किया गया कि अस्पताल के अंदर भी यही तस्वीर है तो उन्होंने गोल मोल जबाब दे दिया.

Intro:बेतिया: बेतिया अस्पताल की तस्वीर सत्ता और व्यवस्था को कर रही है शर्मसार, बेतिया गवर्मेंट कॉलेज में नही स्ट्रेचर, परिजन अपने मरीजों को गोद में ले लेकर भटक रहे है अस्पताल में।
Body:एंकर---- बेतिया से ये शर्म करने वाली तस्वीर आ रही है जहां पर परिजन अपने मरीजो को गोद में ले लेकर भटक रहे है, ये गवर्मेंट मेडिकल कालेज बेतिया की तस्वीर है जहां मरीजो के लिए स्ट्रेचर भी उपलब्ध नही है, बूढ़े मरीज हो या महिला किसी के लिए स्ट्रेचर नही है, इतने बड़े अस्पताल में ऐसी तस्वीर सत्ता और व्यवस्था को शर्मसार करने के लिए काफी है।

----- इस बावत अस्पताल अधीक्षक डॉ डीके सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर उपलब्ध है लेकिन जब पूछा गया की परिजन मरिज को हाथ में उठा के ले जा रहे है तो उन्होंने चुप्पी साध ली तब अस्पताल उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे ने बताया कि मरीज स्ट्रेचर नही लेते है और बाहर से आते है तो हाथ में लेकर आते है लेकिन जब सवाल किया गया कि अस्पताल के अंदर भी यही तस्वीर है तो उन्होंने गोल मटोल जबाब दे दिया।


------- वही परिजनों का कहना है कि स्ट्रेचर अस्पताल प्रशासन के द्वारा नही दिया जा रहा है और जो है वह बहुत ही गंदा है इस्तेमाल नही किया जा सकता है।Conclusion:---अब सवाल उठना लाजमी है कि ऐसी तस्वीर को अस्पताल प्रशासन कैसे झुठला सकती है जो अस्पताल के बाहर से लेकर अंदर तक एक ही जैसी है, शर्म आने के बजाय सुधार करने के बजाय अस्पताल प्रशासन बचाव कर रही है।

बाईट------ डॉ डीके सिंह, अस्पताल अधीक्षक
बाईट-----डॉ. श्रीकांत दुबे---अस्पताल उपाधीक्षक
बाईट----- मरीज के परिजन--2
Last Updated : Oct 10, 2019, 5:10 PM IST
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