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राहत की खबर: बिहार के इस डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में कोरोना मरीजों की संख्या हुई नील, पढ़ें पूरी खबर

बिहार के कई जिलों में अब कोरोना मरीजों की संख्या ना के बराबर है. बगहा में डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में अब एक भी कोरोना के मरीज भर्ती नहीं हैं. जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने राहत की सांस ली है.

बगहा में कोरोना मरीजों की संख्या घटी
बगहा में कोरोना मरीजों की संख्या घटी
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Published : Jun 4, 2021, 4:23 PM IST

बगहा : डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर से अब राहत भरी खबर सामने आने लगी है. कुछ सेंटर पर कोरोना मरीजों की संख्या घटकर ना के बराबर हो गई है. लिहाजा लोगों ने चैन की सांस ली है. वहीं ठीक होकर घर वापस लौटे मरीजों के परिजनों में खुशी का माहौल है.

कोरोना संक्रमण को ले बगहा से राहत भरी खबर
बगहा अनुमंडलीय अस्पताल परिसर के एएनएम भवन में संचालित हो रहे कोविड केयर सेंटर से लॉक डाउन के बीच एक बेहद अच्छी खबर आई है. दरअसल सुकून देने वाली खबर यह है कि यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ज़ीरो के आंकड़े पर पहुंच गई है. बता दें कि एक समय ऐसा था जब यहां सैकड़ों कोरोना मरीज ऑक्सीजन की मदद से इलाजरत थे.

अनुमंडलीय अस्पताल, बगहा
अनुमंडलीय अस्पताल, बगहा

ये भी पढ़ें-बगहा: अंतिम संस्कार में शामिल होना पड़ा महंगा, गांव के दर्जनों लोग पाए गए कोरोना संक्रमित

100 से बढ़ाकर 150 बेड की हुई थी व्यवस्था
जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कहर बनकर टूटी तो इस डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में 100 बेड समेत 100 ऑक्सीजन सिलेंडर की समुचित व्यवस्था की गई. लेकिन मरीजों की संख्या में इतना तेजी से इजाफा हुआ कि बेड की संख्या बढ़ाकर 150 करने का प्रस्ताव पारित हुआ. इस बीच तकरीबन 300 से ज्यादा मरीजों का समुचित इलाज हुआ और लोग बिल्कुल स्वस्थ होकर वापस अपने परिजनों के बीच गए.

स्वास्थ्य कर्मियों ने ली राहत की सांस
स्वास्थ्य कर्मियों ने ली राहत की सांस

स्वस्थ होकर लौटे मरीजों के घर खुशी
बता दें कि बगहा के इस कोविड केयर सेंटर में गंभीर मरीजों का भी इलाज हुआ. जिसमें से एक शहर के विशाल गुप्ता भी शामिल हैं. उनके पिता अशोक गुप्ता का कहना है कि उनके बेटे का स्कोर 24 था और लंग्स इन्फेक्शन तकरीबन 90 प्रतिशत तक पहुंच गया था. बावजूद इसके अस्पताल उपाधीक्षक केबीएन सिंह के नेतृत्व में अंशु राज और अन्य डॉक्टरों ने जी जान से इलाज किया. नतीजतन उनके जैसे कई परिवारों के घर में खुशी का माहौल है.

ये भी पढ़ें- पश्चिमी चंपारण: बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में GNM नर्सों को किया गया सम्मानित

3 मई से 16 मई के बीच चुनौतियों वाला समय
अनुमंडलीय अस्पताल बगहा के उपाधीक्षक केबीएन सिंह का कहना है कि 3 मई से 16 मई के बीच चुनौतियों वाला समय था. इस दौरान अचानक मरीजों की संख्या इतना ज्यादा बढ़ गई की 100 बेड भी कम पड़ गए. बावजूद उनकी टीम ने हिम्मत नहीं हारी और ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए लगातार कोशिशें करते रहे. यही वजह है कि लोगों का बेहतर इलाज कर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर घर भेजा गया.

बगहा : डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर से अब राहत भरी खबर सामने आने लगी है. कुछ सेंटर पर कोरोना मरीजों की संख्या घटकर ना के बराबर हो गई है. लिहाजा लोगों ने चैन की सांस ली है. वहीं ठीक होकर घर वापस लौटे मरीजों के परिजनों में खुशी का माहौल है.

कोरोना संक्रमण को ले बगहा से राहत भरी खबर
बगहा अनुमंडलीय अस्पताल परिसर के एएनएम भवन में संचालित हो रहे कोविड केयर सेंटर से लॉक डाउन के बीच एक बेहद अच्छी खबर आई है. दरअसल सुकून देने वाली खबर यह है कि यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ज़ीरो के आंकड़े पर पहुंच गई है. बता दें कि एक समय ऐसा था जब यहां सैकड़ों कोरोना मरीज ऑक्सीजन की मदद से इलाजरत थे.

अनुमंडलीय अस्पताल, बगहा
अनुमंडलीय अस्पताल, बगहा

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100 से बढ़ाकर 150 बेड की हुई थी व्यवस्था
जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कहर बनकर टूटी तो इस डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में 100 बेड समेत 100 ऑक्सीजन सिलेंडर की समुचित व्यवस्था की गई. लेकिन मरीजों की संख्या में इतना तेजी से इजाफा हुआ कि बेड की संख्या बढ़ाकर 150 करने का प्रस्ताव पारित हुआ. इस बीच तकरीबन 300 से ज्यादा मरीजों का समुचित इलाज हुआ और लोग बिल्कुल स्वस्थ होकर वापस अपने परिजनों के बीच गए.

स्वास्थ्य कर्मियों ने ली राहत की सांस
स्वास्थ्य कर्मियों ने ली राहत की सांस

स्वस्थ होकर लौटे मरीजों के घर खुशी
बता दें कि बगहा के इस कोविड केयर सेंटर में गंभीर मरीजों का भी इलाज हुआ. जिसमें से एक शहर के विशाल गुप्ता भी शामिल हैं. उनके पिता अशोक गुप्ता का कहना है कि उनके बेटे का स्कोर 24 था और लंग्स इन्फेक्शन तकरीबन 90 प्रतिशत तक पहुंच गया था. बावजूद इसके अस्पताल उपाधीक्षक केबीएन सिंह के नेतृत्व में अंशु राज और अन्य डॉक्टरों ने जी जान से इलाज किया. नतीजतन उनके जैसे कई परिवारों के घर में खुशी का माहौल है.

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3 मई से 16 मई के बीच चुनौतियों वाला समय
अनुमंडलीय अस्पताल बगहा के उपाधीक्षक केबीएन सिंह का कहना है कि 3 मई से 16 मई के बीच चुनौतियों वाला समय था. इस दौरान अचानक मरीजों की संख्या इतना ज्यादा बढ़ गई की 100 बेड भी कम पड़ गए. बावजूद उनकी टीम ने हिम्मत नहीं हारी और ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए लगातार कोशिशें करते रहे. यही वजह है कि लोगों का बेहतर इलाज कर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर घर भेजा गया.

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