पश्चिमी चंपारण: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के सैर पर निकलने वाले सैलानियों के मनोरंजन के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है. इसके तहत दिन भर पहाड़, जंगल, और अन्य पर्यटन स्थलों का दीदार कर अतिथिशाला में ठहरने वाले पर्यटकों के लिए सरकार ने थारू जनजाति के संस्कृति से जुड़े लोकनृत्य व संगीत देखने की व्यवस्था की है. साथ ही साथ वाल्मीकिनगर के दर्शनीय स्थलों एवं उनकी विशेषताओं से सम्बंधित चलचित्र भी दिखाए जाते हैं.
कम बजट में धार्मिक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य और पहाड़ सहित जंगली जीव जंतुओं का दीदार करने वाले पर्यटकों के लिए वाल्मीकिनगर में बहुत कुछ है. सुबह-सुबह जंगल सफारी की सैर, बोटिंग, कौलेश्वर झूला व वाल्मीकि आश्रम जैसे पौराणिक स्थलों के दर्शन का लुत्फ आप यहां उठा सकते हैं. इन सब के भ्रमण के उपरांत पर्यटकों के मनोरंजन का भी सरकार ने खासा ध्यान रखा है. इसी के तहत पर्यटकों के लिए अब एक नई पहल शुरू की गई है.
पर्यटकों के लिये विशेष व्यवस्था
अतिथिशाला में ठहरने वाले अतिथियों के लिए सरकार ने वाल्मीकिनगर के तराई क्षेत्रों में बसे थारू जनजाति की संस्कृति से जुड़े लोकनृत्य को दिखाने का भी सरकार ने प्रबंध किया है. इतना ही नहीं, सरकार की तरफ से वाल्मीकि विहार गेस्ट हाउस में आधे घंटे मूवी दिखाने की भी व्यवस्था की गई है जिसके तहत वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के सभी दर्शनीय स्थलों व उसके विशेषताओं को दिखाया जाता है.
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सरकार की पहल की सराहना
बिहार का मिनी कश्मीर कहे जाने वाले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का दीदार करने के लिये यह उपयुक्त मौसम है. यहां प्रतिदिन हजारों सैलानी प्राकृतिक छटा का आनंद लेने पहुंचते हैं. ऐसे में आने वाले पर्यटकों को भी सरकार की यह पहल काफी लुभा रही है और पर्यटक इसकी काफी सराहना भी कर रहे हैं.