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बेतियाः लौरिया-नरकटियागंज और लौरिया-रामनगर मुख्य सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी, हजारों बेधर - Flood water on roads in Bettiah

लौरिया-नरकटियागंज और लौरिया-रामनगर मुख्य सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है, लेकिन जिला प्रशासन अभी तक हरकत में नहीं आया है. इलाके में दो महीने पहले भी बाढ़ आई थी. जिसमें 3 लोगों की मौत भी हुई थी.

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Published : Sep 26, 2020, 8:50 PM IST

पश्चिमी चंपारण: जिले में एक बार फिर बाढ़ अपना कहर बरपा रहा है. कई पंचायतें इसकी चपेट में है. लौरिया-नरकटियागंज और लौरिया- रामनगर मुख्य सड़क पर तीन से चार फीट पानी बह रहा है. दोनों मार्गों पर यातायात पूरी तरह से बाधित है.

सड़कों पर दोनों तरफ से आवागमन बंद है. किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इससे पहले आई बाढ़ में गन्ने का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थी. रही सही फसल इस बाढ़ की भेंट चढ़ गई. किसानों के घर में रखे अनाज भी पानी से बर्बाद हो गया.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ पीड़ितों की नहीं ली जा रही सुध
इलाके के बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि लौरिया में 2 महीने में दूसरी बार बाढ़ आई है. लेकिन हमें देखने वाला कोई नहीं है. ना नेता सुध ले रहे हैं और ना ही अधिकारी देखने आ रहे हैं. सरकार के पास हमारे लिए वक्त नहीं है. वह चुनाव लड़ने में मशगूल है.

दो महीने पहले आई बाढ़ में 3 की हुई थी मौत
लौरिया-नरकटियागंज और लौरिया-रामनगर मुख्य सड़क पर कोई डायवर्जन नहीं है. जिस कारण इस रास्ते से आने जाने वाले लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पर चल रहे हैं. पिछली बार आई बाढ़ में 3 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन के की ओर से इस सड़क पर डायवर्जन नहीं बनाया गया है और ना ही पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

पश्चिमी चंपारण: जिले में एक बार फिर बाढ़ अपना कहर बरपा रहा है. कई पंचायतें इसकी चपेट में है. लौरिया-नरकटियागंज और लौरिया- रामनगर मुख्य सड़क पर तीन से चार फीट पानी बह रहा है. दोनों मार्गों पर यातायात पूरी तरह से बाधित है.

सड़कों पर दोनों तरफ से आवागमन बंद है. किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इससे पहले आई बाढ़ में गन्ने का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थी. रही सही फसल इस बाढ़ की भेंट चढ़ गई. किसानों के घर में रखे अनाज भी पानी से बर्बाद हो गया.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ पीड़ितों की नहीं ली जा रही सुध
इलाके के बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि लौरिया में 2 महीने में दूसरी बार बाढ़ आई है. लेकिन हमें देखने वाला कोई नहीं है. ना नेता सुध ले रहे हैं और ना ही अधिकारी देखने आ रहे हैं. सरकार के पास हमारे लिए वक्त नहीं है. वह चुनाव लड़ने में मशगूल है.

दो महीने पहले आई बाढ़ में 3 की हुई थी मौत
लौरिया-नरकटियागंज और लौरिया-रामनगर मुख्य सड़क पर कोई डायवर्जन नहीं है. जिस कारण इस रास्ते से आने जाने वाले लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पर चल रहे हैं. पिछली बार आई बाढ़ में 3 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन के की ओर से इस सड़क पर डायवर्जन नहीं बनाया गया है और ना ही पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

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