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नीतीश की 'प्रगति यात्रा' का पहला चरण: 50 विधानसभा सीटों पर चुनावी गणित साधने की कोशिश? - NITISH KUMAR PRAGATI YATRA

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी 15वीं यात्रा पश्चिमी चंपारण से शुरू की है. पहले चरण में 23 से 28 दिसंबर तक 6 जिलों की यात्रा करेंगे.

nitish kumar pragati yatra
नीतीश की प्रगति यात्रा. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 23, 2024, 8:22 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 दिसंबर को चंपारण से एक बार फिर अपनी यात्रा की शुरुआत की. उनकी इस यात्रा का नाम 'प्रगति यात्रा' दिया गया है. 2025 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यात्रा हो रही है. ऐसे में इसे चुनावी यात्रा के रूप में भी देखा जा रहा है. पहले चरण में नीतीश कुमार 6 जिलों में जाएंगे जिसमें 45 विधानसभा क्षेत्र है. आसपास के भी विधानसभा क्षेत्र को मिला दें तो पहले चरण में करीब 50 ऐसी सीट हैं, जिस पर नीतीश कुमार की यात्रा का असर पड़ेगा.

राजनीति पर सियासतः 5 दिनों की यात्रा में मुख्यमंत्री हजारों करोड़ की योजना का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. महिलाओं से मिलेंगे और उनसे फीडबैक भी लेंगे. अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर दिशा निर्देश भी देंगे. मुख्यमंत्री की यात्रा पर सियासत भी शुरू है. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री की इस यात्रा को 'अलविदा यात्रा' कहा है. सत्ता पक्ष के लोग तेजस्वी यादव के बारे में कह रहे हैं कि उनको तो पहले ही बिहार की जनता ने अलविदा कर दिया है.

नीतीश कुमार की यात्रा के राजनीतिक मायने. (ETV Bharat)

किस दिन किस क्षेत्र में रहेंगे नीतीशः प्रगति यात्रा की शुरुआत 23 दिसंबर से पश्चिम चंपारण से हुई. 24 दिसंबर को नीतीश कुमार पूर्वी चंपारण में रहेंगे. 25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी रहेगी. 26 दिसंबर को नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा शिवहर और सीतामढ़ी में होगी. 27 दिसंबर को मुजफ्फरपुर में नीतीश की प्रगति यात्रा होगी. 28 दिसंबर को वैशाली में पहले चरण की यात्रा का अंतिम दिन होगा. 6 लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री की पहले चरण की यात्रा होगी.

किनके पास कितनी सीटः 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए ने इन सभी 7 सीटों पर कब्जा किया था. इसमें से तीन सीट पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. जबकि शिवहर और सीतामढ़ी जदयू के पास है. वैशाली सीट लोजपा के पास है. 7 लोकसभा क्षेत्र में 45 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें से 32 सीटों पर बीजेपी और जदयू का कब्जा है. केवल 13 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है.

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बगहा में नीतीश कुमार. (ETV Bharat)

पूर्वी चंपारण में किसका कब्जाः पूर्वी चंपारण में 12 विधानसभा सीटे है. इसमें 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी 8, जदयू एक और राजद का तीन सीटों पर कब्जा जमाया. रक्सौल में बीजेपी, सुगौली में आरजेडी, नरकटिया में आरजेडी , हरसिद्धी में बीजेपी, गोविंदगंज में बीजेपी, केसरिया में जदयू, कल्याणपुर में आरजेडी, पिपरा में बीजेपी, मधुबन में बीजेपी, मोतिहारी में बीजेपी, चिरैया मेंबीजेपी, ढाका में बीजेपी मोतिहारी में बीजेपी को जीत मिली.

पश्चिम चंपारण में किसका कब्जाः पश्चिम चंपारण में 9 विधानसभा की सीटें हैं. इसमें 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 7 सीटों पर जदयू ने एक और सीपीआई एमएल ने भी एक सीट पर कब्जा जमाया था. बाल्मीकि नगर में जदयू, बगहा में बीजेपी, बेतिया में बीजेपी, चनपटिया में बीजेपी, लोरिया में बीजेपी, नरकटियागंज में बीजेपी, नौतन में बीजेपी, रामनगर में बीजेपी, सिकटा में सीपीआई एमएल को जीत मिली थी.

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ETV GFX (ETV Bharat)

मुजफ्फरपुर का समीकरणः यहां 6 विधानसभा सीट है. 2020 विधानसभा चुनाव में राजद को दो, जदयू को दो, कांग्रेस को एक और वीआईपी को एक सीट पर जीत मिली थी. कुढ़नी में आरजेडी, सकरा में जदयू, बोचहां में वीआईपी, औराई में बीजेपी, गायघाट में आरजेडी, बहादुरपुर में जदयू, मुजफ्फरपुर में कांग्रेस को जीत मिली थी. बाद में हुए उपचुनाव में बोचहां पर आरजेडी और कुढ़नी पर बीजेपी को जीत मिली.

वैशाली लोकसभा क्षेत्र का समीकरणः छह विधानसभा क्षेत्र आता है. 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दो सीट पर, आरजेडी को दो सीट पर, जदयू और वीआईपी को एक-एक सीट पर जीत मिली थी. मीनापुर में राजद, कांटी में राजद, बरुराज-बीजेपी, पारु में बीजेपी, साहेबगंज में वीआईपी, वैशाली में जेडीयू को 2020 में जीत मिली थी. हालांकि बाद में वीआईपी के उम्मीदवार बीजेपी में शामिल हो गये.

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निरीक्षण करते नीतीश कुमार. (ETV Bharat)

शिवहर की राजनीतिक स्थितिः यहां 6 विधानसभा की सीटें हैं. 2020 में चार पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था. दो पर राजद ने. मधुबन, चिरैया, ढाका और रागा में बीजेपी, शिवहर और बेलसंड में आरजेडी को जीत मिली थी. सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा की सीटें हैं. 2020 में बीजेपी की तीन, जदयू की दो और एक पर आरजेडी को जीत मिली थी. बथनाहा, परिहार और सीतामढ़ी में बीजेपी, सुरसंड और रुन्नीसैदपुर में जेडीयू और बाजपट्टी में आरजेडी को जीत मिली.

मुख्यमंत्री की यात्रा पर सियासतः मुख्यमंत्री की यात्रा को लेकर तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यह मुख्यमंत्री की अलविदा यात्रा है. उस पर जेडीयू की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई. जेडीयू के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने कहा बिहार की जनता ने तेजस्वी यादव को पहले ही अलविदा कह दिया है. अब बेहतर होगा कि राजनीति को छोड़ कोई दूसरा क्षेत्र चुन लें. जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने मुख्यमंत्री की यात्रा के फायदे बतायें.

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"मुख्यमंत्री उस समय से यात्रा कर रहे हैं जब बिहार में उन्हें सत्ता नहीं मिली थी. बिहार में राष्ट्रपति शासन जिस प्रकार से लगाया गया था, उसको लेकर मुख्यमंत्री न्याय मांगने के लिए जनता के बीच 2005 में गए थे. मुख्यमंत्री 18-19 सालों से यात्रा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की यात्रा का असर भी पड़ा है, बिहार में विकास हुआ है."- संजय झा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, जदयू

चुनावी यात्रा हैः राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडे का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के बीच जाते रहे हैं. कई यात्रा उन्होंने की है. लेकिन इस बार की उनकी यात्रा चुनावी यात्रा है. क्योंकि जिन इलाकों से मुख्यमंत्री पहले चरण में जाएंगे, लगभग 50 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. ये एनडीए के दबदबा वाला क्षेत्र माना जाता है. मुख्यमंत्री इस क्षेत्र को एनडीए के लिए और मजबूत करेंगे. इस दौरान हजारों करोड़ की योजना का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे.

nitish kumar pragati yatra
प्रगति यात्रा पर नीतीश कुमार. (ETV Bharat)

"तेजस्वी यादव ने सरकार बनने पर महिलाओं को 2500 रुपये देने की घोषणा की है, तो महिलाओं के बीच जाकर मुख्यमंत्री एक संदेश भी देंगे कि लगातार उनके लिए काम करते रहे हैं. महिलाओं का वोट नीतीश कुमार के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए मुख्यमंत्री के तरफ से कोशिश होगी कि यह वोट खिसके नहीं."- सुनील पांडे, राजनीतिक विश्लेषक

पहले महिला संवाद यात्रा था नाम: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले महिला संवाद निकालने वाले थे. कैबिनेट की ओर से ढाई सौ करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी. लालू यादव ने इस पर तंज कसा था जिसके बाद खूब विवाद हुआ था. महागठबंधन के नेताओं की तरफ से सरकारी धन के दुरुपयोग का भी आरोप लगा था. बाद में मुख्यमंत्री की यात्रा का नाम प्रगति यात्रा रख दिया गया.

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बगहा में नीतीश कुमार. (ETV Bharat)

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 दिसंबर को चंपारण से एक बार फिर अपनी यात्रा की शुरुआत की. उनकी इस यात्रा का नाम 'प्रगति यात्रा' दिया गया है. 2025 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यात्रा हो रही है. ऐसे में इसे चुनावी यात्रा के रूप में भी देखा जा रहा है. पहले चरण में नीतीश कुमार 6 जिलों में जाएंगे जिसमें 45 विधानसभा क्षेत्र है. आसपास के भी विधानसभा क्षेत्र को मिला दें तो पहले चरण में करीब 50 ऐसी सीट हैं, जिस पर नीतीश कुमार की यात्रा का असर पड़ेगा.

राजनीति पर सियासतः 5 दिनों की यात्रा में मुख्यमंत्री हजारों करोड़ की योजना का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. महिलाओं से मिलेंगे और उनसे फीडबैक भी लेंगे. अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर दिशा निर्देश भी देंगे. मुख्यमंत्री की यात्रा पर सियासत भी शुरू है. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री की इस यात्रा को 'अलविदा यात्रा' कहा है. सत्ता पक्ष के लोग तेजस्वी यादव के बारे में कह रहे हैं कि उनको तो पहले ही बिहार की जनता ने अलविदा कर दिया है.

नीतीश कुमार की यात्रा के राजनीतिक मायने. (ETV Bharat)

किस दिन किस क्षेत्र में रहेंगे नीतीशः प्रगति यात्रा की शुरुआत 23 दिसंबर से पश्चिम चंपारण से हुई. 24 दिसंबर को नीतीश कुमार पूर्वी चंपारण में रहेंगे. 25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी रहेगी. 26 दिसंबर को नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा शिवहर और सीतामढ़ी में होगी. 27 दिसंबर को मुजफ्फरपुर में नीतीश की प्रगति यात्रा होगी. 28 दिसंबर को वैशाली में पहले चरण की यात्रा का अंतिम दिन होगा. 6 लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री की पहले चरण की यात्रा होगी.

किनके पास कितनी सीटः 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए ने इन सभी 7 सीटों पर कब्जा किया था. इसमें से तीन सीट पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. जबकि शिवहर और सीतामढ़ी जदयू के पास है. वैशाली सीट लोजपा के पास है. 7 लोकसभा क्षेत्र में 45 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें से 32 सीटों पर बीजेपी और जदयू का कब्जा है. केवल 13 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है.

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बगहा में नीतीश कुमार. (ETV Bharat)

पूर्वी चंपारण में किसका कब्जाः पूर्वी चंपारण में 12 विधानसभा सीटे है. इसमें 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी 8, जदयू एक और राजद का तीन सीटों पर कब्जा जमाया. रक्सौल में बीजेपी, सुगौली में आरजेडी, नरकटिया में आरजेडी , हरसिद्धी में बीजेपी, गोविंदगंज में बीजेपी, केसरिया में जदयू, कल्याणपुर में आरजेडी, पिपरा में बीजेपी, मधुबन में बीजेपी, मोतिहारी में बीजेपी, चिरैया मेंबीजेपी, ढाका में बीजेपी मोतिहारी में बीजेपी को जीत मिली.

पश्चिम चंपारण में किसका कब्जाः पश्चिम चंपारण में 9 विधानसभा की सीटें हैं. इसमें 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 7 सीटों पर जदयू ने एक और सीपीआई एमएल ने भी एक सीट पर कब्जा जमाया था. बाल्मीकि नगर में जदयू, बगहा में बीजेपी, बेतिया में बीजेपी, चनपटिया में बीजेपी, लोरिया में बीजेपी, नरकटियागंज में बीजेपी, नौतन में बीजेपी, रामनगर में बीजेपी, सिकटा में सीपीआई एमएल को जीत मिली थी.

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मुजफ्फरपुर का समीकरणः यहां 6 विधानसभा सीट है. 2020 विधानसभा चुनाव में राजद को दो, जदयू को दो, कांग्रेस को एक और वीआईपी को एक सीट पर जीत मिली थी. कुढ़नी में आरजेडी, सकरा में जदयू, बोचहां में वीआईपी, औराई में बीजेपी, गायघाट में आरजेडी, बहादुरपुर में जदयू, मुजफ्फरपुर में कांग्रेस को जीत मिली थी. बाद में हुए उपचुनाव में बोचहां पर आरजेडी और कुढ़नी पर बीजेपी को जीत मिली.

वैशाली लोकसभा क्षेत्र का समीकरणः छह विधानसभा क्षेत्र आता है. 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दो सीट पर, आरजेडी को दो सीट पर, जदयू और वीआईपी को एक-एक सीट पर जीत मिली थी. मीनापुर में राजद, कांटी में राजद, बरुराज-बीजेपी, पारु में बीजेपी, साहेबगंज में वीआईपी, वैशाली में जेडीयू को 2020 में जीत मिली थी. हालांकि बाद में वीआईपी के उम्मीदवार बीजेपी में शामिल हो गये.

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निरीक्षण करते नीतीश कुमार. (ETV Bharat)

शिवहर की राजनीतिक स्थितिः यहां 6 विधानसभा की सीटें हैं. 2020 में चार पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था. दो पर राजद ने. मधुबन, चिरैया, ढाका और रागा में बीजेपी, शिवहर और बेलसंड में आरजेडी को जीत मिली थी. सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा की सीटें हैं. 2020 में बीजेपी की तीन, जदयू की दो और एक पर आरजेडी को जीत मिली थी. बथनाहा, परिहार और सीतामढ़ी में बीजेपी, सुरसंड और रुन्नीसैदपुर में जेडीयू और बाजपट्टी में आरजेडी को जीत मिली.

मुख्यमंत्री की यात्रा पर सियासतः मुख्यमंत्री की यात्रा को लेकर तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यह मुख्यमंत्री की अलविदा यात्रा है. उस पर जेडीयू की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई. जेडीयू के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने कहा बिहार की जनता ने तेजस्वी यादव को पहले ही अलविदा कह दिया है. अब बेहतर होगा कि राजनीति को छोड़ कोई दूसरा क्षेत्र चुन लें. जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने मुख्यमंत्री की यात्रा के फायदे बतायें.

ETV GFX
ETV GFX (ETV Bharat)

"मुख्यमंत्री उस समय से यात्रा कर रहे हैं जब बिहार में उन्हें सत्ता नहीं मिली थी. बिहार में राष्ट्रपति शासन जिस प्रकार से लगाया गया था, उसको लेकर मुख्यमंत्री न्याय मांगने के लिए जनता के बीच 2005 में गए थे. मुख्यमंत्री 18-19 सालों से यात्रा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की यात्रा का असर भी पड़ा है, बिहार में विकास हुआ है."- संजय झा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, जदयू

चुनावी यात्रा हैः राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडे का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के बीच जाते रहे हैं. कई यात्रा उन्होंने की है. लेकिन इस बार की उनकी यात्रा चुनावी यात्रा है. क्योंकि जिन इलाकों से मुख्यमंत्री पहले चरण में जाएंगे, लगभग 50 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. ये एनडीए के दबदबा वाला क्षेत्र माना जाता है. मुख्यमंत्री इस क्षेत्र को एनडीए के लिए और मजबूत करेंगे. इस दौरान हजारों करोड़ की योजना का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे.

nitish kumar pragati yatra
प्रगति यात्रा पर नीतीश कुमार. (ETV Bharat)

"तेजस्वी यादव ने सरकार बनने पर महिलाओं को 2500 रुपये देने की घोषणा की है, तो महिलाओं के बीच जाकर मुख्यमंत्री एक संदेश भी देंगे कि लगातार उनके लिए काम करते रहे हैं. महिलाओं का वोट नीतीश कुमार के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए मुख्यमंत्री के तरफ से कोशिश होगी कि यह वोट खिसके नहीं."- सुनील पांडे, राजनीतिक विश्लेषक

पहले महिला संवाद यात्रा था नाम: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले महिला संवाद निकालने वाले थे. कैबिनेट की ओर से ढाई सौ करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी. लालू यादव ने इस पर तंज कसा था जिसके बाद खूब विवाद हुआ था. महागठबंधन के नेताओं की तरफ से सरकारी धन के दुरुपयोग का भी आरोप लगा था. बाद में मुख्यमंत्री की यात्रा का नाम प्रगति यात्रा रख दिया गया.

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बगहा में नीतीश कुमार. (ETV Bharat)

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